भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु
डीएमके, कांग्रेस और इंडी गठबंधन, संविधान को बनाए रखने की बात करते हैं, फिर भी वे लगातार इसका उल्लंघन करते हैं और तमिलनाडु के लोगों के अधिकारों का हनन करते हैं।
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ज्ञानशेखरन न केवल एक यौन अपराधी है, बल्कि डीएमके का पदाधिकारी भी है। तस्वीरों सहित पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं, जो उसे डीएमके पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से जोड़ते हैं।
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भाजपा की महिला मोर्चा ने मदुरई से एक मार्च निकाला, जो हर नागरिक का अधिकार है, मगर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
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इंडी गठबंधन के संविधान को लहराने वाले और उसका हवाला देने वाले ही बेशर्मी से अनुच्छेद 19(1)(b) का उल्लंघन करते हैं, जो देश में कहीं भी शांतिपूर्वक एकत्र होने के अधिकार प्रदान करता है।
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तमिलनाडु में डीएमके और इंडी गठबंधन के शासन में सरकार द्वारा अराजक तत्व, हिस्ट्रीशीटर, हिंसक अपराधियों और यौन अपराधियों को पुलिस द्वारा संरक्षण प्रदान किया जाता है।
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अन्नामलाई से लेकर भाजपा तमिलनाडु के प्रत्येक कार्यकर्ता ने पीड़िता को न्याय दिलाने की लड़ाई में अपनी आवाज उठाई है।
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कांग्रेस की झूठे वादों और मुफ्त सुविधाओं की रणनीति के कारण हिमाचल प्रदेश जैसा राज्यों दिवालिया हो गया और अब कांग्रेस कर्नाटक को भी उसी ओर ले जा रही है।
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अंततः, कांग्रेस के झूठे वादों के कारण होने वाला खर्च और पीड़ा को आम लोगों को ही उठाना पड़ता है, जैसा कि कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ हुआ है।
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वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए डीएमके पदाधिकारी ज्ञानशेखरण द्वारा अन्ना विश्वविद्यालय में छात्रा के साथ किए गए यौन शोषण की निंदा करते हुए प्रदेश में फैली अराजकता पर डीएमके सरकार पर हमला बोला। साथ ही श्री चंद्रशेखर ने संवैधानिक अधिकारों का हनन करने के लिए इंडी गठबंधन और उनके सहयोगियों की निंदा की और भारतीय जनता पार्टी द्वारा न्याय एवं प्रदेश में शांति स्थापना के लिए निरंतर लड़ी जा रही लड़ाई को रेखांकित किया।
श्री चंद्रशेखर ने कहा कि 23 दिसंबर को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के प्रतिष्ठित अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में कुछ युवकों ने इंजीनियरिंग की द्वितीय वर्ष की छात्रा का यौन शोषण किया और उसकी साथी के साथ हिंसा की। घटना के बाद पता चला कि इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाला व्यक्ति ज्ञानशेखरण था। अपराध के खिलाफ व्यापक जनाक्रोश और विरोध प्रदर्शनों के बीच उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला है कि यौन अपराधी ज्ञानशेखर डीएमके का एक पदाधिकारी है और डीएमके के शीर्ष नेतृत्व के साथ उसकी कई तस्वीरें शामिल हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री चंद्रशेखर ने कहा कि तमिलनाडु की पहचान हिस्ट्रीशीटर, हिंसक अपराधियों और यौन अपराधियों से होती है, जिन्हें डीएमके पदाधिकारियों के संरक्षण और पुलिस व सरकार के समर्थन के कारण निर्भय बना दिया गया है। राज्य के अंदर एकमात्र भाजपा और एनडीए की साथी पार्टियां ही ऐसी पार्टियां हैं जो लगातार इस मुद्दे को उठा रही हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री के अन्नामलाई से लेकर तमिलनाडु भाजपा के हर कार्यकर्ता ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग को प्रखर रूप से उठाया है।
श्री चंद्रशेखर ने पीड़िता द्वारा दर्ज कराई प्राथमिकी को पढ़ते हुए कहा कि इस एफआईआर में खुलासा होता है कि कैसे डीएमके पदाधिकारी ज्ञानशेखरन ने बार-बार पीड़िता को ब्लैकमेल किया और शिकायत दर्ज कराने पर उसके परिवार को धमकाया। स्वयं डीएमके ही तमिलनाडु के लोगों पर यह अराजकता का माहौल थोप रही है। भाजपा महिला मोर्चा ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग उठाते हुए आज मदुरई से एक मार्च आयोजित किया।
वरिष्ठ भाजपा नेता श्री चंद्रशेखर ने कहा कि हर मौके पर संविधान की बात करने वाले इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों को बताना चाहिए कि तमिलनाडु में भाजपा नेताओं को न्याय की मांग उठाने के लिए क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है जबकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(b) के तहत देश में कहीं भी शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने का अधिकार दिया गया है। तमिलनाडु सरकार द्वारा इस गिरफ्तारी को प्रिवेंटिव अरेस्ट का नाम दी जा रही है लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि एक तरफ इंडी गठबंधन, डीएमके और कांग्रेस सहित अन्य दल संविधान के संरक्षण की झूठी दुहाई देते हैं और संविधान का उल्लंघन करते हैं तथा तमिलनाडु की जनता के अधिकारों का हनन करते हैं।
श्री चंद्रशेखर ने इंडी गठबंधन और कांग्रेस पार्टी की आर्थिक प्रबंधन नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस की झूठे वादों और मुफ्त योजनाओं की राजनीति ने हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को दिवालियापन की ओर धकेल दिया है और अब कर्नाटक को भी उसी दिशा में ले जा रही है। इसका प्रमाण यह है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री अब भाजपा सरकार द्वारा दी गई 125 यूनिट मुफ्त बिजली सब्सिडी की चर्चा कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस द्वारा 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का अपना चुनावी वादा पूरी तरह भुला दिया है। इसी तरह, कर्नाटक में सरकार ने बस किराए में 15% की वृद्धि कर दी है। कांग्रेस के झूठे वादों की सजा और उससे राज्य पर होने वाले वित्तीय नुकसान को आखिरकार आम जनता को ही उठाना पड़ता है और कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश की जनता को यह नुकसान झेलना पड़ रहा है।
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