Salient points of press conference of Hon'ble Union Minister Shri Hardeep Singh Puri


द्वारा श्री हरदीप सिंह पुरी -
12-01-2025
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

 

वर्ष 2020 में अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली की जनता से किए गए 10 वादे सिर्फ और सिर्फ सभी ढकोसले साबित हुए और पिछले 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी ने देश की राजधानी दिल्ली का सत्यानाश कर दिया।

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आम आदमी पार्टी ने पंजाब की जनता से वादा किया था कि वे पंजाब को नशामुक्त बनाएंगे, लेकिन “आप” सरकार बनने के बाद से पंजाब में ड्रग माफियाओं को समर्थन और प्रोत्साहन मिला है।

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केजरीवाल ने जनता से घर, पानी, बिजली और चिकित्सा के वादे किया था, लेकिन दिया सिर्फ धोखा, फरेब और बर्बादी दी है। 10 वर्षों में यमुना साफ हुई और ही दिल्ली को प्रदूषण से निजात मिला।

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आम आदमी पार्टी झूठ एवं फरेब की फैक्ट्री है

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भाजपा और आप में यही सबसे बड़ा अंतर है कि आप केवल झूठे वादे करती है और भाजपा जो कहती है, वो करके दिखाती है।

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आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पीएम आवास योजना और आयुष्मान भारत योजना को लागू होने दिया। अब केजरीवाल आयुष्मान की जगह संजीवनी योजना का झूठा वादा दिल्ली की जनता से कर रहे हैं।

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दिल्ली में पीएम आवास योजना लागू करने की चर्चाओं के बीच एक बात और सामने आई की आम आदमी पार्टी के कई नेता अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियां खरीद रहे थे, ताकि नियमित होने के बाद लाभ कमा सके।

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अपना झूठ पकड़े जाने के डर से बचने के लिए अब केजरीवाल नए स्कूल बनाएं जाने की जगह नई कक्षाएँ बनाएं जाने की बात कह रहे हैं, ये लोग स्कूलों में बने शौचालयों को भी कक्षाओं की गणना में शामिल कर लिए।

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आज दिल्ली के अंदर जो नई बसें है, वो सभी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार द्वारा वित्त पोषित केंद्रीय योजनाओं का परिणाम हैं, कि कोई दिल्ली सरकार की पहल है।

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आम आदमी पार्टी ने 'बेटर हेल्थकेयर फॉर ऑल' का नारा दिया था, जबकि पिछले 10 वर्षों में एक नया अस्पताल नहीं बनाया और मौजूदा अस्पतालों में एक भी नया बेड नहीं लगाया।

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2017 में केंद्रीय आवास मंत्रालय ने बार-बार केजरीवाल सरकार से 'जहां झुग्गी वहीं मकान' योजना पर काम करने का आग्रह किया, लेकिन 2019 तक आप सरकार सर्वे का बहाना बनाती रही।

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अक्टूबर 2017 में दिल्ली की आप सरकार ने मेट्रो के किराये को स्थिर करने का विरोध किया था, लेकिन आज जब मेट्रो और आरआरटीएस शान से चल रही हैं, तब मुख्यमंत्री आतिशी जी कहती हैं कि यह सब दिल्ली सरकार के कारण हुआ है।

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आप सरकार ने पंजाब में महिलाओं को दिए जाने वाले 1100 रुपये की योजना को अब तक शुरू नहीं किया है, मगर दिल्ली में महिलाओं को 2100 रुपये देने का झूठा वादा कर दिया है।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली की जनता से किए गए झूठे वादों की पोल खोली और 10 वर्षों तक दिल्ली को बर्बाद करने के लिए उनकी कड़ी आलोचना की। श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली की जनता से न केवल झूठ बोला, बल्कि उन्हें लगातार ठगा है। केजरीवाल ने 2020 में जो 10 वादे दिल्ली की जनता से किए थे, वे सभी केवल हवा-हवाई साबित हुए, जबकि आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता सत्ता में बने रहना है और पिछले दस सालों में देश की राजधानी दिल्ली का सत्यानाश किया है।

 

श्री पुरी ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी, तब रामलीला मैदान में उन्हें देखकर ऐसा लगा था कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन की शुरुआत है। उस समय अरविंद केजरीवाल का व्यक्तित्व भी आम आदमी जैसा ही था। वह मफलर पहनते थे, वेगन-आर जैसी छोटी गाड़ी में आगे बैठकर चलते थे और कसम खाते थे कि राजनीति में नहीं आएंगे। जब अरविंद केजरीवाल आईआरएस अधिकारी थे, तब उन्होंने जसवंत सिंह जी, जो उस समय केंद्र में वित्त मंत्री थे, से आगे पढ़ाई के लिए छुट्टी की मांग की थी। उनकी आगे पढ़ने की सोच ने सबको प्रभावित किया था, लेकिन समय के साथ उनकी महत्वाकांक्षाएं बदलती गईं।

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री पुरी ने कहा कि ने कहा कि वर्ष 2020 में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से जो वादे किए थे और 2022 में पंजाब में जो कहा था, उससे सभी भली-भांति परिचित हैं। दिल्ली देश की राजधानी है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने राजधानी का पूर्ण रूप से सत्यानाश कर दिया हैअरविंद केजरीवाल ने 2022 में पंजाब चुनाव के दौरान कहा था कि दिल्ली में किए गए वर्ल्ड क्लास बदलाव वे पंजाब में भी करेंगे। लेकिन उन्होंने वास्तव में क्या बदलाव किए? उन्होंने पंजाब की महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था। यह वादा 2022 में किया गया था, और आज 2025 चल रहा है। तीन साल बीत गए, लेकिन किसी को एक पैसा भी नहीं दिया गया। स्थिति यह है कि माताओं और बहनों को अपने अधिकारों के लिए दिल्ली आकर आवाज उठानी पड़ रही है। दूसरा वादा केजरीवाल ने पंजाब की जनता से किया था कि वे पंजाब को नशामुक्त बनाएंगे। लेकिन आज पंजाब की स्थिति कैसी है, यह पूरे मीडिया में चर्चा का विषय है। पंजाब के हालात और नशामुक्ति अभियान की सच्चाई दिख रही है। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से पंजाब के ड्रग माफियाओं को जो समर्थन और प्रोत्साहन मिला है। सुबह से शाम तक, आम आदमी पार्टी टीवी और अखबारों में सिर्फ प्रचार करती रहती है, लेकिन धरातल पर कोई ठोस काम नहीं हुआ।

 

श्री पुरी ने कहा कि 8 फरवरी 2020 को दिल्ली में चुनाव हुए थे, और अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को 10 गारंटी दी थीं। 19 जनवरी को केजरीवाल ने वादों का पिटारा खोला था, जिसमें पहला 24 घंटे बिजली और 200 यूनिट मुफ्त बिजली, दूसरा 24 घंटे पाइप से पेयजल पहुंचाने और हर घर को 20 हज़ार लीटर पानी देने का वादा किया गया था। तीसरा वर्ल्ड क्लास शिक्षा देने के लिए 500 स्कूल बनाने का दावा किया गया, लेकिन 2022 तक स्कूलों की जगह केवल 65 क्लासरूम बने। सेंट्रल विजिलेंस एजेंसी ने खुलासा किया है कि केजरीवाल सरकार ने टॉयलेट को क्लासरूम बताया और कुछ काम नहीं किया। चौथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर "मोहल्ला क्लिनिक" का खेल खेला गया। पांचवां ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए केजरीवाल ने 500 किलोमीटर मेट्रो विस्तार और 11 हज़ार नई बसें लाने का वादा किया था, ताकि छात्रों और महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जा सके। छठा प्रदूषण रोकने और यमुना को साफ करने का वादा करते हुए 2 करोड़ पेड़ लगाने की बात कही गई थी, लेकिन आज यमुना 500 गुना ज्यादा प्रदूषित है और पेड़ न जाने कहां गायब हो गए। सातवां दिल्ली को कचरा मुक्त करने, 1.5 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने और सड़कों पर लाइट लगाने का वादा किया, आठवां मोहल्ला मार्शल की नियुक्ति, नौवां कच्ची कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने जैसे वादे भी किए गए। इसके अलावा, दसवां वादा झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को "जहां झुग्गी, वहीं मकान" के तहत घर देने का वादा भी केवल शब्दों तक सीमित रहा।

 

केंद्रीय मंत्री श्री पुरी ने कहा कि झुग्गी-झोपड़ियों को पक्का करने का मुद्दा वर्ष 2006 से चल रहा है, और इस पर कार्य राज्य सरकार को करना था। वर्ष 2015 से ही आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशभर में पीएम आवास योजना के तहत पक्का घर दिया। वर्ष 2017 में, जब उन्होंने शहरी आवास मंत्रालय का कार्यभार संभाला, तो इस योजना में तेजी लाने पर चर्चाएं शुरू हुईं, लेकिन दिल्ली सरकार ने इस योजना को दिल्ली में लागू नहीं होने दिया। इसके अलावा, केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को भी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में लागू नहीं होने दिया। पीएम आवास योजना चार तरीकों से काम करती है। पहला, राज्य और केंद्र सरकार लाभार्थियों को घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता देती है। दूसरा, अगर किसी लाभार्थी के पास घर है, तो उसे बेहतर बनाने के लिए वित्तीय मदद मिलती है। तीसरा, जर्जर झुग्गी-झोपड़ियों की जगह नए घर बनाए जाते हैं, जैसा हाल ही में कालकाजी और रोहिणी में आदरणीय मोदी जी द्वारा बनाए गए और जनता को समर्पित किए गए। चौथा, लाभार्थी को सस्ती ब्याज दरों पर बैंक से क्रेडिट लेने की सुविधा दी जाती है।

 

श्री पुरी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल नेजहां झुग्गी, वहीं मकानके नाम पर वादे किए, लेकिन कोई काम नहीं किया। केंद्र सरकार ने लगातार पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार से पीएम आवास योजना लागू करने को कहा, लेकिन 2019 में अरविंद केजरीवाल ने जवाब दिया कि उन्हें पहले सर्वे करना है और उसके बाद तय करेंगे कि योजना लागू करनी है या नहीं। इस दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने महसूस किया कि इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की ओर से कोई ठोस कार्रवाई का इरादा नहीं है। इसी बीच, खबरें सामने आईं कि आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियां खरीद रहे थे, यह सोचकर कि नियमित होने के बाद उन्हें बड़ा लाभ होगा। नवंबर 2020 में, भाजपा सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए संसद में एक कानून पेश किया। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण काम की गति धीमी हो गई, लेकिन प्रगति लगातार जारी रही। पूरी प्रक्रिया के दौरान, केजरीवाल की दिल्ली सरकार न केवल सहयोग करने में विफल रही, बल्कि हर स्तर पर प्रगति में बाधा डालती रही।

 

केंद्रीय मंत्री श्री पुरी ने कहा कि केजरीवाल ने वादा किया था कि 500 किलोमीटर लंबी दिल्ली मेट्रो के लिए रेल लाइन बिछाएंगे और 11,000 बसों को दिल्ली की सड़कों पर उतारकर महिलाओं और छात्रों के लिए मुफ्त सफर शुरू करेंगे। लेकिन, दिल्ली मेट्रो के कार्यों में भी अरविंद केजरीवाल की सरकार ने रोड़े अटकाने का काम किया। मेट्रो का कार्य केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत भागीदारी के तहत होता है। लेकिन जब भी केंद्र सरकार ने मेट्रो के नए चरण के लिए पहल की, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए। न तो उन्होंने पैसे दिए, न ही काम को गति देने की कोशिश की, बल्कि कार्य को धीमा करने की हर संभव कोशिश की। आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) के मामले में भी इन्होंने कार्य रोकने की कोशिश की। यहां तक कि केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार से यह कहना पड़ा कि यदि आप काम नहीं करना चाहते हैं, तो न करें, केंद्र सरकार अन्य समाधान निकाल लेगी। आखिरकार, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा।

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री पूरी ने कहा कि जब उन्होंने वर्ष 2017 में केंद्र सरकार में अपना कार्यभार संभाला था, तब समिति की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली मेट्रो का किराया दो चरणों में बढ़ाया जाना था, पहला अप्रैल 2017 में और दूसरा अक्टूबर में। लेकिन जब धनराशि की व्यवस्था की बात आई, तो अरविंद केजरीवाल ने मेट्रो को मुफ्त करने का प्रस्ताव रखा, जो सुनने में आकर्षक था। हालांकि, जब केजरीवाल से पूछा गया कि 28,000 करोड़ रुपये के कर्ज की भरपाई कौन करेगा, तो उनका जवाब था कि मेट्रो को मुफ्त करने से दिल्ली में प्रदूषण कम होगा। आज की तिथि में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के तहत 11,000 बसों में से केवल 3,000 ही संचालन में हैं। आज दिल्ली के अंदर जो नई बसें है, वो सभी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा वित्त पोषित केंद्रीय योजनाओं का परिणाम हैं, कि दिल्ली सरकार की पहल। उस समय अरविंद केजरीवाल से यह भी पूछा गया था कि वे स्पष्ट करें कि दिल्ली मेट्रो को दिल्ली ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग बनाना चाहते हैं या फिर दिल्ली ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग को दिल्ली मेट्रो। आज दिल्ली का मेट्रो सिस्टम विश्व का सबसे सुदृढ़ परिवहन प्रणाली है, जिससे प्रतिदिन लगभग 70 लाख यात्री सफर करते हैं।

 

केंद्रीय मंत्री श्री पुरी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 500 नए स्कूल बनाने का वादा किया था, लेकिन बाद में यह स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने स्कूल नहीं बल्कि कक्षाओं की बात की थी। इसके बावजूद, 2022 के अंत तक केवल 65 कक्षाएँ बनाई गईं। 2023-2024 के दो वर्षों को भी जोड़ लें, तो दिल्ली सरकार द्वारा 100 स्कूल नहीं बनाए गए। अरविंद केजरीवाल की सरकार अब यह दावा कर रही है कि सत्ता में आने के बाद से उन्होंने 20,000 कमरे बनाए हैं। हालांकि, 2020 में सेंट्रल विजिलेंस की रिपोर्ट सामने आई, जिससे पता चला कि ये लोग टॉयलेट को भी क्लासरूम के तौर पर गिन रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि 4,027 क्लासरूम बनाकर दिल्ली सरकार ने 7,137 क्लासरूम का पेमेंट लिया। अरविंद केजरीवाल ने 2.5 साल तक इस रिपोर्ट को छिपाए रखा और जनता के सामने नहीं आने दिया।

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री पुरी ने कहा कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि वे दिल्ली के स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाएंगे। दिल्ली में 2 लाख बच्चे शिक्षा व्यवस्था से वंचित हैं, और पिछले 10 वर्षों में आप सरकार ने एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की। दिल्ली में 62 हजार शिक्षकों की आवश्यकता है, लेकिन मात्र 43,000 स्थायी और गेस्ट टीचर 13,000 काम कर रहे हैं। दिल्ली में 6,000 शिक्षकों की कमी है। भाजपा सिर्फ भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात नहीं कर रही, बल्कि स्कूल और क्लासरूम की संख्या के साथ-साथ शिक्षक और पिछले 10 वर्षों में कोई नई नियुक्ति करने पर भी सवाल उठा रही है। जब संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून दिल्ली आए, तो उन्होंने दिल्ली सरकार के वर्ल्ड क्लास एजुकेशनल फैसिलिटीज देखने की इच्छा जताई थी। आप सरकार ने 2 स्कूलों को मॉडल बनाकर उसमें शिक्षा और बच्चों के लिए अन्य सभी सुविधाएँ मुहैया करवाई हैं, लेकिन किसी भी मॉडल को केवल दो स्कूलों की तर्ज पर नहीं आँका जा सकता। आम आदमी पार्टी ने नारा दिया था 'बेटर हेल्थकेयर फॉर ऑल', जबकि पिछले 10 वर्षों में इनकी सरकार ने एक नया अस्पताल नहीं बनाया है। किसी भी मौजूदा अस्पताल में एक भी नया बेड नहीं लगाया है। दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 1,900 बेड के नए ब्लॉक का निर्माण होना था, जिसका काम पिछले 1.5 साल से ठप पड़ा हुआ है। जनवरी 2022 तक 7 ऐसी परियोजनाएँ थीं जिन्हें पूरा किया जाना था और जिन पर दिल्ली सरकार को 1,000 करोड़ रुपये खर्च करने थे। इन परियोजनाओं की कार्यप्रगति पर अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए। चुनाव दिल्ली में हैं, लेकिन आप सरकार पंजाब सरकार का प्रचार टीवी में करवा रही है।

 

श्री पूरी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में संजीवनी योजना की घोषणा की है, जबकि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को अब तक लागू नहीं किया। इनके मोहल्ला क्लिनिक का मॉडल पहले ही फेल हो चुका है। एक अखबार की रिपोर्ट में कहा गया कि हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा स्टाफ की कमी और समय से इलाज न देने के कारण कई मोहल्ला क्लिनिक निष्क्रिय हैं। लैबोरेट्री टेस्ट को एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच के कारण रोका गया, क्योंकि इन क्लीनिकों में 65 हजार काल्पनिक मरीजों को फरवरी से दिसंबर के बीच टेस्ट करवाने को कहा गया। अप्रैल 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार 520 में से 326 मोहल्ला क्लिनिक में पोटा कैबिन की व्यवस्था ही नहीं हैं। डॉक्टर के नाम पर कमपॉउंडर लोगों का इलाज कर रहे हैं।

 

केंद्रीय मंत्री श्री पुरी ने कहा कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के साथ काम करने में बहुत सी अड़चने आईं। दिल्ली भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा ने 5 दिसंबर को एक आंकड़ा देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली मेट्रो के लिए 7201 करोड़ रुपये समय से देने में विफल रही। जब भी मेट्रो फेज 2, 3 या 4 की बात हुई, दिल्ली की आप सरकार ने अप्रूवल नहीं दिया, जिसके कारण समय के साथ साथ अतिरिक्त धनराशि भी बर्बाद हुई। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार के सभी अड़चनों के बावजूद दिल्ली के पर वर्ल्ड क्लास मेट्रो सिस्टम है। देश में आज 1 हजार किलोमीटर की मेट्रो सेवा उपलब्ध है। चीन और अमेरिका के बाद भारत में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी मेट्रो चलाई जा रही है। आने वाले समय में भारत 1 हजार किलोमीटर की मेट्रो का निर्माण कर, विश्व के दूसरे सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क वाला देश बन जाएगा। दिल्ली सरकार द्वारा GNCTD और आरआरटीएस के परियोजनाओं के अप्रूवल एक साल तक नहीं दिए गए। अक्टूबर 2017 में दिल्ली की आप” सरकार ने मेट्रो के किराये को स्थिर करने का विरोध किया था। लेकिन आज जब मेट्रो शान से चल रही हैं, नई लाइनों का जाल बिछाया जा रहा है, तब मुख्यमंत्री आतिशी मर्लेना कहती हैं कि यह सब दिल्ली सरकार के कारण हुआ है।  

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री पुरी ने कहा कि आप ने कहा था कि 24 घंटे बिजली, 200 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी और दिल्ली को हाई टेंशन वायर से मुक्त कर दिया जाएगा। दिल्ली सरकार का बिजली पर खर्चा 290 करोड़ रुपये से बढ़कर 3250 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है और दिल्ली के वित्त साधन ध्वस्त हो चुके हैं। जबसे “आप” दिल्ली की सत्ता में आई है, 300 यूनिट फ्री बिजली के नाम पर बिजली के मीटरों में धांधली कर बिल को उस दायरे से ऊपर का ही बनाती है। इनके सरकार में आने के बाद से दिल्ली में बिजली के बिलों को माफ करने के नाम पर लोगों को ठगा गया है। आम आदमी पार्टी झूठ और फरेब की फैक्ट्री है। भाजपा और आप में यही सबसे बड़ा अंतर है। भाजपा जो कहती है, वो करके दिखाती है। भाजपा ने अपने 2014, 2019 और 2024 के संकल्प पत्रों में किए हुए सभी वादों को को पूरा किया है। भाजपा ऐसा इसलिए कर पाती है, क्योंकि वादा करने से पहले हम उस वादे का क्रियांवन देखते हैं, मगर आम आदमी पार्टी बिना कुछ सोचे समझे बस घोषणा कर देती है। आप के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली की महिलाओं के फोन नंबर और बैंक खातों की जानकारी जुटाकर कहा है कि दिल्ली की सत्ता में दोबारा आते ही उन्हें 2100 रुपये उनके खातों में भेज देंगे। आप सरकार ने पंजाब में वादे के मुताबिक महिलाओं को दिए जाने वाले 1100 रुपये की योजना को अब तक शुरू नहीं किया है, मगर दिल्ली में महिलाओं को वैसा ही झूठा वादा कर दिया। आम आदमी पार्टी ने 2019 और 2020 में दिल्ली के लोगों को 24 घंटे स्वच्छ पीने का पानी मुहैया करवाने का वादा किया था, मगर आज भी नलों से गंदा पानी आता है। दिल्ली के इंदिरा नगर की वाल्मीकि बस्ती में 3 स्लम एरिया के लिए मात्र एक नल है। एमसीडी द्वारा मुहैया कराया जा रहा पानी पीने योग्य नहीं है। लोगों को अपने घरों में जल शोधन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना पड़ा है। DPCC की फरवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार यमुना के जल में फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा वांछित आँकड़े से 500 गुना अधिक है। यह है अरविंद केजरीवाल का वर्ल्ड क्लास ड्रिंकिंग वाटर सिस्टम।

 

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