भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
अरविन्द केजरीवाल, राहुल गांधी हों और इंडी घटक के अन्य दल, ये सब आम जनता से नफरत करते हैं और देश की एकजुटता को तोड़कर संविधान को तार-तार करने का प्रयास कर रहे हैं।
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जमानत पर बाहर कट्टर बेईमान अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीबों के लिए 12, 18, और 25 गज की छोटी जगहों की व्यवस्था की, लेकिन खुद वो ‘शीश महल’ में रह रहे हैं।
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केजरीवाल ने शपथ पत्र में अपने बच्चों की कसम खाई थी कि उन्हें बड़ा बंगला नहीं चाहिए, आज वही केजरिवाल 21,000 वर्ग फुट के ‘शीश महल’ में रह रहे हैं जिसमें 8 बेड रूम, 2 रसोई और 12 टॉयलेट, 3 मीटिंग रूम, 24 सोफा सेट, 76 टेबल, और 45 कुर्सियां हैं।
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नीली और ढीली शर्ट पहनकर दिल्ली की जनता को ठगने वाले केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास को भोग और विलासिता का अड्डा बना दिया। शीश महल में न तो आम जनता को जाने की अनुमति थी न पत्रकारों को। आखिर केजरीवाल उस बंगले में ऐसा क्या छुपा रहे थे?
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पहले केजरीवाल कहते थे कि शीला दीक्षित अपने घर पर 10 एसी लगवाकर जनता की कमाई की लूट कर रही थीं लेकिन केजरीवाल ने खुद अपने आराम के लिए, अपने भोग और विलासिता के लिए 300 एयर कंडीशनर लगाए हैं।
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संविधान की मूल भावना का हनन और 140 करोड़ भारतीयों का अपमान यदि किसी ने किया है तो ‘लाल किताब’ वाले राहुल गांधी ने किया है।
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यूपीए सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट ने एक अध्यादेश पारित किया था जिसे राहुल गांधी ने फाड़कर संविधान का अपमान किया। यह कृत्य ‘नकली गांधी’ वाली मानसिकता को दर्शाता है। नकली गांधी को इटैलियन संविधान अच्छा लगता है।
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राहुल गांधी का संविधान इसलिए कोरा हैं क्योंकि वो अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए उनमें शरिया कानून भर देना चाहते हैं। राहुल गांधी का स्पष्ट संदेश है कि खाली कागजों पर घुसपैठिए आकर शरिया कानून के अक्षर डाल दें और भारत के पंथनिरपेक्ष स्वरूप को बदल दें।
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राहुल गांधी भारत में पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन विदेशों में आरक्षण समाप्त करने की चर्चा करते हैं। यह उनका दोहरा चरित्र है।
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कांग्रेस पार्टी संविधान की सबसे बढ़ी भक्षक है, इन्होंने आपातकाल लगाया, 90 से अधिक बार राष्ट्रपति शासन लगाया और राहुल गांधी ने कैबिनेट द्वारा पारित अध्यादेश फाड़ा।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए अरविन्द केजरिवाल द्वारा जनता की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग अपने शीश महल में करने को लेकर जमकर आलोचना की। श्री गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी संविधान लेकर घूमने का ढोंग करते हैं लेकिन संविधान का सबसे अधिक अपमान राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी ने ही किया है।
श्री भाटिया ने कहा कि एक ओर भारतीय जनता पार्टी आम आदमी को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम कर रही है जिससे कि सरकार के सभी संसाधनों का उपयोग आम जनता द्वारा आसानी से किया जा सके लेकिन दूसरी ओर इस जोड़ने वाली सोच को तोड़ने के लिए भ्रष्टाचारी और बांटने वाले एक साथ खड़े हैं। चाहे अरविन्द केजरीवाल हों, राहुल गांधी हों या इंडी घटक के अन्य दल हों, ये लोग आम जनता से नफरत करते हैं और देश की एकजुटता को तोड़कर संविधान को तार-तार करने का प्रयास कर रहे हैं।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि जमानत पर बाहर कट्टर बेईमान अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीबों के लिए 12 गज, 18 गज, और 25 गज के छोटे-छोटे स्थानों की व्यवस्था की, लेकिन खुद वो ‘शीश महल’ में रह रहे हैं। जो केजरीवाल यह कहते हुए नहीं थकते थे कि उन्हें बड़े बंगले की जरूरत नहीं है, जिन्होंने अपने शपथ पत्र में अपने बच्चों की कसम खाई थी कि उन्हें बड़ा बंगला नहीं चाहिए, वो 21,000 वर्ग फुट के ‘शीश महल’ में रहते हैं, जिसे भ्रष्टाचार की कमाई से बनाया गया है। शीश महल में न तो आम जनता को जाने की अनुमति दी जाती थी और न पत्रकारों को अंदर जाने दिया जाता था। आखिर केजरीवाल उस बंगले में ऐसा क्या छुपा रहे थे? केजरीवाल के शीश महल में ऐसे राज छुपे हैं जो वो कभी नहीं चाहते कि जनता के सामने आएं। नीली और ढीली शर्ट पहनकर दिल्ली की जनता को ठगने वाले केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास को भोग और विलासिता का अड्डा बना दिया था। पीडब्ल्यूडी ने जब केजरीवाल के शीश महल में विधि सम्मत तरीके से जांच की तो सामने आया कि 8 बेड रूम, 2 रसोई और 12 टॉयलेट, 3 मीटिंग रूम, 24 सोफा सेट, 76 टेबल, और 45 कुर्सियां हैं। ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल अपनी ही बातें भूल गए हैं। अरविंद केजरीवाल ने 27 अक्टूबर 2013 को एक ट्वीट किया था, जिसे अब डिलीट कर दिया गया है, जिसमें उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की आलोचना करते हुए कहा था कि ‘दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर में 10 ए.सी. लगे हुए हैं और उनके बाथरूम में भी ए.सी. है, जिसका बिल जनता के पैसे से भरा जा रहा है। यह सोचकर मेरा तो कलेजा कांप उठता है कि जब दिल्ली की 40% आबादी झुग्गियों में रहती है तो कैसे कोई मुख्यमंत्री ऐसे ऐशोआराम में रह सकता है।’
श्री भाटिया ने कहा कि कट्टर बेईमान केजरीवाल ने अपने ‘शीश महल’ में 50 इनडोर एयर कंडीशनर और 250 टन क्षमता वाला सेंट्रल एसी प्लांट लगवाया है। पहले केजरीवाल कहते थे कि शीला दीक्षित अपने घर पर 10 ए.सी. लगवाकर जनता की कमाई की लूट कर रही थीं लेकिन केजरीवाल ने खुद अपने आराम के लिए, अपने भोग और विलासिता के लिए 300 एयर कंडीशनर लगाए हैं, इसे क्या कहा जाए? यह कौन सा वीआईपी कल्चर है? केजरीवाल की छाती 26 इंच की और शर्ट 46 इंच की है लेकिन उनके पास टीवी 88-इंच का है, उस टीवी की कीमत 28 लाख 91 हजार 587 रुपये है। जनता को इस टीवी की कीमत जानने का पूरा हक है। केजरीवाल तो करोड़ों के समोसे भी मंगवाते हैं, यही है इनकी ‘कट्टर बेइमानी’। आखिर 26-इंच के छाती और 46-इंच की शर्ट वाले केजरीवाल 88-इंच के टीवी पर क्या देखते हैं? और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले हमारे पत्रकार बंधुओं को इस 'शीश महल' में जाने की अनुमति क्यों नहीं है?
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि इंडी गठबंधन के सदस्यों को मुगलों से और शाही ठाट-बाट से बहुत लगाव है। केजरीवाल का शीश महल 12 झूमरों से सजा हुआ है। केजरीवाल का शीश महल भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं मुगलों की हवेली है। यह कहना गलत नहीं होगा कि "आग लगा दी दिल्ली में, हमारे भ्रष्टाचारी घर के चिराग अरविंद केजरीवाल ने।" केजरीवाल इतने अहंकारी हो गए हैं कि उन्हें लगता है कि उन्हें कोई हटा नहीं सकता। जिस राजनैतिक विचारधारा के साथ अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में कदम रखा था, उसी विचारधारा को उन्होंने दफना दिया है। वी.वी.आई.पी. संस्कृति का यदि सबसे बड़ा प्रतीक कोई है तो वो अरविन्द केजरीवाल खुद हैं और दिल्ली की जनता राजनैतिक तौर पर उन्हें इतना गहरा दफनाएगी कि न तो केजरीवाल का नाम रहेगा और न ही 12 करोड़ रुपये की टॉयलेट सीटों का कोई निशान रहेगा। यही 12 करोड़ रुपये जनता के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए भी खर्च किए जा सकते थे लेकिन उनसे टॉयलेट सीटें खरीदी गईं। अरविंद केजरीवाल भारत के सबसे भ्रष्ट नेता हैं, और उनके दोहरे मापदंडों को जनता के सामने बेनकाब किया जाना चाहिए।
श्री भाटिया ने कहा कि कुछ लोग संविधान की बातें तो करते हैं, लेकिन वो संविधान के मूल मंत्रों से बहुत दूर हो गए हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संविधान की शपथ ली है लेकिन वो हाथ में जो भारत का संविधान दिखाते हैं, उसे जब खोला जाता है तो वो कोरा कागज होता है। क्या डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत को केवल कवर वाला संविधान दिया था? क्या नेता प्रतिपक्ष को संविधान को पढ़ना और समझना नहीं चाहिए? यह दुख की बात है कि उनके पास सिर तो है, लेकिन उसमें कोई बुद्धि नहीं है। संविधान की मूल भावना का हनन और 140 करोड़ भारतीयों का अपमान यदि किसी ने किया है तो ‘लाल किताब’ वाले राहुल गांधी ने किया है। राहुल गांधी ने देश के संविधान को नष्ट करने का जो संकल्प लिया है उसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कभी पूरा नहीं होने देंगे। माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपना पूरा जीवन संविधान की रक्षा, पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट ने एक अध्यादेश पारित किया था, लेकिन एक नेता ने मनमोहन सिंह की कैबिनेट द्वारा पारित उस अध्यादेश को फाड़कर संविधान का अपमान किया। यह ‘नकली गांधी’ वाली मानसिकता को दर्शाता है। नकली गांधी को इटैलियन संविधान अच्छा लगता है। राहुल गांधी के संविधान के भीतर कागज इसलिए कोरे हैं क्योंकि वो अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए उनमें शरिया कानून भर देना चाहते हैं। राहुल गांधी का संदेश स्पष्ट है कि खाली कागजों पर घुसपैठिए आकर शरिया कानून के अक्षर डाल दें और भारत के पंथनिरपेक्ष स्वरूप को बदल दें। राहुल गांधी को यह जानना होगा कि अनुच्छेद 370 की शुरुआत ही 'अस्थायी' शब्द से हुई थी। जवाहरलाल नेहरू की इस ऐतिहासिक भूल पर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और यहां तक कि राहुल गांधी ने भी कभी बात नहीं की। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का यह संकल्प था और उसे पूरा करके धारा 370 को हटाकर जम्मू और कश्मीर को भारत के संविधान के अनुरूप किया गया।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी भारत में पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन विदेशों में आरक्षण समाप्त करने की चर्चा करते हैं। यह उनका दोहरा चरित्र है। कांग्रेस पार्टी संविधान की सबसे बढ़ी भक्षक है, इन्होंने आपातकाल लगाया, 90 से अधिक बार राष्ट्रपति शासन लगाया और राहुल गांधी ने संसद में अध्यादेश फाड़ा। खाली पन्नों के साथ राहुल गांधी ने संविधान, लोकतंत्र और भारत के नागरिकों का अपमान किया है, जिसके लिए उन्हें प्रत्येक भारतीय से माफी मांगनी चाहिए।
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