भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु
मोदी सरकार का केंद्रीय आम बजट एक सर्वसमावेशी और युगांतकारी बजट है, जो समाज के हर वर्ग को आर्थिक सशक्तिकरण के साथ “विकसित भारत” के संकल्प को पूरा करता है।
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मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग को आंशिक नहीं बल्कि अपेक्षा से ज्यादा दिया और इनकम टैक्स के दायरे को बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने का फैसला किया।
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दिल्ली में आयकर देने वाले 80% लोग ऐसे हैं, जिनकी सालाना आय 12 लाख रुपए से कम है। अब दिल्ली के इन 80% करदाताओं को लगभग कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा।
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12 लाख रुपये से ज्यादा सालाना आय वालों के लिए नया टैक्स स्लैब बनाया गया है और टैक्स को भी रिवाइज किया गया है।
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आयकर संग्रहण में लगभग 1 लाख करोड़ रुपए प्रत्यक्ष रूप में एवं लगभग 36000 करोड़ रुपए अप्रत्यक्ष रूप में कमी होगी, परन्तु सरकार ने यह निर्णय लिया है क्योंकि यह आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आर्थिक सोच के विस्तृत प्रारूप का एक हिस्सा है।
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केंद्र सरकार ने देश के किसानों से लेकर मध्यम वर्ग तक के उत्थान का ध्यान रखते हुए भारत की आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है।
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2014 में मोदी सरकार ने जन धन योजना के तहत 54 करोड़ लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़कर समाज की सबसे कमजोर कड़ी को सशक्त किया ।
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अर्थव्यवस्था के सक्षम बनने के बाद अब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने “कर” व्यवस्था में सर्वाधिक योगदान देने वाले वर्ग को भी अपेक्षा से अधिक सशक्त कर दिया है।
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भाजपा विश्वसनीयता की प्रमाणिकता का प्रतीक है और दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी है, जिसका काम है अभद्र भाषा का प्रयोग करना, अनर्गल आरोप लगाना और काम कुछ नहीं करना।
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अरविंद केजरीवाल का 25000 रुपए तक प्रतिमाह देने का दावा पूरी तरह खोखला और हास्यास्पद है, केजरीवाल बताएं कि दिल्ली का मात्र 78 हजार करोड़ रुपए का बजट है, तो 40 लाख परिवारों को यह तथाकथित 25 हजार रुपए प्रतिमाह का सब्जबाग कहां से देंगे?
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लहजे में बदजुबानी, चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं।
जिनके खुद के बहीखाते बेहिसाब बिगड़े हैं, वही हमसे सारा हिसाब लिए बैठे हैं।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज रविवार को भाजपा दिल्ली प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। डॉ त्रिवेदी ने कहा बीते दिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय आम बजट जन सामान्य को केंद्र में रखकर बनाया गया एक सर्व समावेशी और युगांतकारी बजट है, जिसका सबसे अधिक लाभ दिल्ली और दिल्लीवासियों को मिलने जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और बिजली क्षेत्रों के लिए आवंटन सहित माध्यम वर्ग के लिए टैक्स और टीडीएस में ऐतिहासिक छूट से देशवासियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसका लाभ मिलेगा।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कल संसद में प्रस्तुत बजट एक सर्वसमावेशी और युगांतकारी बजट है, जो समाज के हर वर्ग को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करता है तथा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के “विकसित भारत” के संकल्प को पूरा करता है। जिसमें केंद्र सरकार ने देश के किसानों से लेकर मध्यम वर्ग तक के उत्थान को ध्यान में रखते हुए भारत की आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। केंद्रीय मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में 6 प्रमुख फोकस क्षेत्रों का उल्लेख किया जिनमें शहरी विकास, बिजली, खनन, कर सुधार और संरचनात्मक परिवर्तन शामिल है। मोदी सरकार ने इस बजट में शहरी विकास पर फोकस किया है। अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनना है और शहरी क्षेत्रों को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाना है, तो शहरी विकास और बिजली इसके लिए महत्वपूर्ण कारक हैं। दिल्ली के अधिकतर इलाके शहरी हैं, इसलिए इन दोनों का सबसे ज्यादा लाभ दिल्ली को मिलने वाला है। पूरे भारत में मेट्रो लाइन 1 हजार किलोमीटर तक पहुंच चुकी है और पिछले 10 साल में दिल्ली में दोगुनी हो गई है। इससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नए युग का प्रारंभ हुआ है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आज तक देश के किसी भी वर्ग को बजट से अगर कोई अपेक्षा थी, तो वो आंशिक रूप से ही पूरी हुई। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि मध्यम वर्ग को उसकी अपेक्षा से ज्यादा टैक्स छूट दी गई है। यानी आंशिक नहीं बल्कि अपेक्षा से ज्यादा दिया गया, क्योंकि अपेक्षा तो ये थी कि 10 लाख रुपये तक की आय वालों को छूट मिलेगी, लेकिन केंद्र सरकार ने उस छूट का दायरा बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने का फैसला लिया। इस छूट का सबसे बड़ा लाभ दिल्ली के लोगों को होगा। दिल्ली में मध्यम वर्ग के करीब 1 करोड़ लोग हैं और दिल्ली में आयकर देने वालों में से 80% लोगों की सालाना आय 12 लाख रुपए से कम है। यानि, अब दिल्ली के 80% करदाताओं को लगभग कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा और इससे बड़ा युगांतकारी फैसला कोई और नहीं हो सकता। पहले 50,000 रुपये से ऊपर पर टीडीएस लगता था, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। देश में कई वरिष्ठ नागरिकों की आय किराए से होती है, जिससे वे अपने दैनिक खर्च चलाते हैं। अब 6 लाख रुपये तक के किराए पर टीडीएस नहीं कटेगा, यानी 50,000 रुपये तक का किराया होने पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा। इसका सीधा लाभ देश के वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा। 12 लाख रुपये से ज्यादा सालाना आय वालों के लिए नया टैक्स स्लैब बनाया गया है और टैक्स को भी रिवाइज किया गया है। पहले 15 लाख रुपये से ज्यादा सालाना आय वालों को 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब 25 लाख रुपये सालाना और 2 लाख रुपये मासिक आय वाले भी टैक्स में करीब 1 लाख 10 हजार रुपये बचा पाएंगे। जनसामान्य को केंद्र में रखकर बनाया गया ऐसा बजट इतिहास में पहले कभी नहीं पेश किया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को आगे बढ़ाने और प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नए एआई सेंटर स्थापित करने का भी फैसला लिया गया है। युवाओं को 5 कौशल केंद्रों में कुशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे नए उद्योगों के साथ बेहतर तालमेल बिठाकर काम कर सकें और अपना भविष्य संवार सकें।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के उत्थान पर ध्यान दिया गया है, ऋण सीमा बढ़ाए जाने से लघु और मध्यम व्यवसायों को बल मिलेगा और शहरी विकास की व्यवस्था में पर्यावरण और जल संचरण का भी ध्यान रखा है। केंद्रीय आम बजट में 12 लाख रुपए तक की आय को आयकर से मुक्ति के निर्णय करने से भारत सरकार के आयकर संग्रहण में लगभग 1 लाख करोड़ रुपए प्रत्यक्ष रूप में एवं लगभग 36000 करोड़ रुपए अप्रत्यक्ष रूप में कमी होगी, परन्तु माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने यह निर्णय लिया है क्योंकि यह निर्णय आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आर्थिक सोच के विस्तृत प्रारूप का एक हिस्सा है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार ने जन धन योजना शुरू कर 54 करोड़ लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा, अर्थात समाज की सबसे कमजोर कड़ी को मजबूत किया और फिर डीबीटी के माध्यम से इन खातों में 2 लाख करोड़ से अधिक पैसा जमा किए गए। तत्पश्चात, किसान सम्मान निधि, प्रोडक्टिविटी लिंक स्कीम और मुद्रा योजना जैसी पहल शुरू की। पहले मोदी सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों को सहज, सामान्य जीवन यापन आसानी से कर पाने के लायक सशक्त किया और उसके बाद भारत उद्योगों में आगे बढ़ने लगा। भारत विश्व में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 600 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया। अब अर्थव्यवस्था के सक्षम बनने के बाद अब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने “कर” व्यवस्था में सर्वाधिक योगदान देने वाले वर्ग को भी अपेक्षा से अधिक सशक्त कर दिया है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि पूरे देश में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बढ़ाने, सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने और उड़ान योजना में 120 अधिक गंतव्यों के जुड़ने जैसे कदमों से निश्चित रूप सबसे ज्यादा और सहज लाभ मध्यमवर्ग को मिलेगा एवं यह एक बड़े सकारात्मक युग का प्रारंभ है। परन्तु कुछ लोग हर योजना में नकारात्मक पहलू ढूंढते हैं। दिल्ली में नई राजनीति के स्वघोषित अलंबरदार, भारत की राजनीति में सबसे बड़े दागदार और स्वघोषित कट्टर ईमानदार आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल लोगों को समझा रहें है कि उनके सरकार बनने के बाद क्या-क्या छूट मिलेगी। लेकिन, जिनके अंदर कार्य करने की क्षमता होती है, वो बताते नहीं अपितु करके दिखाते हैं। जिस तरह भाजपा ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में काम करके दिखाया है। केन्द्र में भाजपा सरकार होने के पहले से मध्य प्रदेश में भाजपा लाड़ली लक्ष्मी योजना चला रही है, असम में अरुणोदय योजना चल रही है, महाराष्ट्र में भाजपा ने चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले तीन किश्त दे दी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का 25000 रुपये तक प्रतिमाह देने का दावा पूरी तरह खोखला और हास्यास्पद है क्योंकि दिल्ली का बजट ही मात्र 78000 करोड़ रुपए का है और दिल्ली में 40 लाख परिवार रहते हैं। कोरोना के समय वैक्सीन का फार्मूला सभी कंपनियों की देने की हास्यास्पद एवं बेबुनियाद बात कहने वाले केजरीवाल बताएं कि तथाकथित 25 हजार रुपए का यह सब्जबाग दिल्ली के 78 हजार करोड़ के बजट में कहां से आएगा? इसलिए दिल्ली की जनता उनका हिसाब किताब बखूबी समझ चुकी है। एक तरफ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने जो कहा वो करके दिखाया, वो भी किया जिसको पिछली सरकारें करने में डरती थी और सोच भी नहीं पाती थी, जैसे जीएसटी, भारत को सोलर हब बनाना और इस बजट में न्यूक्लियर एनर्जी का लक्ष्य लेना तथा वो काम भी करके दिखाए जिसके विरोध में विपक्ष कमर कसे बैठा था, जैसै धारा 370 हटाना और राम मंदिर का निर्माण। इसलिए भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राजनीति में विश्वसनीयता की प्रमाणिकता का प्रतीक है और दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी है जिसका काम है अनर्गल भाषा का प्रयोग करना, आरोप लगाना और काम कुछ नहीं करना। डॉ त्रिवेदी ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा-
लहजे में बदजुबानी, चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं।
जिनके खुद के बहीखाते बेहिसाब बिगड़े हैं,
वही हमसे सारा हिसाब लिए बैठे हैं।
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