Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr Sambit Patra (MP)


द्वारा श्री संबित पात्रा -
05-12-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॅा संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

 

फ्रेंच अखबार 'मीडिया पार्ट' में छपे लेख के मुताबिक भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले त्रिकोण में अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस, न्यूज पोर्टल ओसीसीआरपी और कांग्रेस सांसद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल हैं।

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गांधी परिवार एक ऐसा परिवार है जो अपनी कुर्सी के लिए अगर देश को बेचना पड़े और देश का बलिदान भी देना पड़े, तो वो जरा भी गुरेज नहीं करेगा। धिक्कार है ऐसे राहुल गांधी पर

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1 जुलाई 2021 में भारतीय वैक्सीन कोवैक्सीन” को आहात करने के लिए ओसीसीआरपी ने एक आर्टिकल लिखा और 2 जुलाई को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार और कोवैक्सीन को घेरे में ले लिया। निर्देश ओसीसीआरपी का था और पालन राहुल गांधी ने किया।

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ओसीसीआरपी ने लगातार भारत के बड़े उद्योगपतियों को निशाना बनाया है, उनके विरुद्ध अनर्गल रिपोर्ट पेश की है इसके पीछे का मकसद यही रहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे भी डगमगा दिया जाए और भारत के शेयर मार्केट को गिरा दिया जाए।

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जब भी देश पर आघात करने वाली ऐसी रिपोर्ट सामने आईं, राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार को निशाना बनाया। 18 जुलाई 2021 को ओसीसीआरपी ने पेगाससरिपोर्ट को प्रस्तुत किया था और 19 जुलाई को राहुल गांधी ने इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सदन में हाहाकार मचाया।

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नेशनल हेराल्ड केस में जब ईडी मां-बेटे से पूछताछ कर रही थी तो ओसीसीआरपी ने एक आर्टिकल छापा, जिसमें लिखा गया कि राहुल गांधी के खिलाफ चल रही लीगल प्रोसीडिंग राजनीतिक रूप से प्रेरित है। मां-बेटे ने 5 हजार करोड़ रुपये का गबन किया और ओसीसीआरपी ने अमेरिका में बैठ के उन्हें क्लीन चिट दे दी।

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जब ओसीसीआरपी को कोई नुकसान होता है, तो राहुल गांधी परेशान हो जाते हैं, और जब राहुल गांधी को तकलीफ होती है, तो ओसीसीआरपी रोने लगती है। ओसीसीआरपी और राहुल गांधी भले ही अलग-अलग दिखते हों, लेकिन उनकी आत्मा एक है।

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जॉर्ज सोरॉस और राहुल गांधी एक ही विचारधारा के दो चेहरे हैं। जॉर्ज सोरॉस और राहुल गांधी दो बदन, एक जान हैं। जो अजेंडा सोरॉस का है, वही राहुल गांधी का है।

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 राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान भी वहां राहुल गांधी ने ओसीसीआरपी से जुड़े बांग्लादेशी पत्रकार मुश्फिकुल फजल अंसारी से मुलाकात की थी। अंसारी लंबे समय से भारत विरोधी लेख प्रकाशित करते रहे हैं।जहां देश का अहित हो, वहां राहुल गांधी मौजूद रहते हैं।

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दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान आनंद मगनाले ने चीन से पैसे लाकर शरजील इमाम को दिए, जो दंगों में शामिल था। आनंद मगनाले ओसीसीआरपी के पत्रकार भी हैं और राहुल गांधी के करीबी भी हैं।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और लोकसभा सांसद डॉ संबित पात्रा ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में फ्रेंच अखबार 'मीडिया पार्ट' में छपे लेख के हवाले से देते हुए भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले त्रिकोण का खुलासा किया, जिसमें अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस, न्यूज पोर्टल ओसीसीआरपी और कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल हैं। डॉ पात्रा ने कहा कि जॉर्ज सोरॉस और राहुल गांधी दो बदन, एक जान हैं। जो भारत विरोधी अजेंडा जॉर्ज सोरॉस का है, वही भारत विरोधी अजेंडा राहुल गांधी का है। डॉ पात्रा ने कहा कि यह गांधी परिवार एक ऐसा परिवार है जो अपनी कुर्सी के लिए अगर देश को भी बेचना पड़े और देश का भी बलिदान देना पड़े तो इससे भी गांधी परिवार जरा भी गुरेज नहीं करेगा, यह लोग देश को भी बेच सकते है।

 

डॉ. पात्रा ने कहा कि भाजपा द्वारा आज उठाए गए मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण और गंभीर है। यह केवल किसी पार्टी या व्यक्ति से नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता, एकता, और अखंडता से जुड़ा हुआ है। हाल ही में कुछ खुलासे हुए हैं, जिनसे पता चलता है कि देश के भीतर कुछ ऐसी शक्तियां सक्रिय हैं, जो भारत को कमजोर करने, उसकी एकता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं। ये शक्तियां नहीं चाहतीं कि भारत आगे बढ़े और विश्व पटल पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करे।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने एक फ्रेंच अखबार 'मीडिया पार्ट' में छपे लेख का हवाला देते हुए गंभीर खुलासे करते हुए कहा कि भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले त्रिकोण की पहली कड़ी अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और उनकी फाउंडेशन के साथ कुछ अमेरिकी एजेंसियां हैं। दूसरी कड़ी, एक बड़ा न्यूज पोर्टल ओसीसीआरपी (ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) है। त्रिकोण की तीसरी और सबसे अहम कड़ी, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी हैं, जोसर्वोच्च कोटि के देशद्रोही' हैं। भाजपा की नीति हमेशाराष्ट्र प्रथम, पार्टी बाद में और व्यक्ति अंत मेंरही है। राहुल गांधी के लिए यह शब्द इस्तेमाल करने में कोई भय या संकोच नहीं, क्योंकि उनका कथित व्यवहार राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।

 

डॉ. पात्रा ने कहा कि ओसीसीआरपी एक वैश्विक संस्थान है, जिसकी स्थापना 2007 में हुई थी। आज यह संस्था 50 से अधिक मीडिया सहयोगियों के साथ 6 महाद्वीपों में सक्रिय है। इसे एक ग्लोबल मीडिया एजेंसी कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसके प्रकाशित लेख करोड़ों लोग पढ़ते हैं और यह बड़े देशों में सनसनी फैलाने की क्षमता रखती है। जब एक बड़ी एजेंसी काम करती है तो उसे बहुत सारे पैसों की आवश्यकता होती है, जब बड़े स्तर पर इंवेस्टिगेटिव पत्रकारिता की जाएगी तो उसे लिए स्वाभाविक रूप से धन की आवश्यकता होगी। मीडिया ने यह खुलासा किया है कि ओसीसीआरपी फंडिंग में एक बड़ा हिसा ओपन सोसाइटी फाउंडेशन” का है। इसके अलावा अमेरिका की बहुत सी संस्थाएं और सरकारी एजेंसियां भी ओसीसीआरपी को फंडिंग देती हैं। यहओपन सोसाइटी फाउंडेशनजॉर्ज सोरोस का है। फ्रांस के “मीडिया पार्ट” कहता है कि उन्हें लगता था कि ओसीसीआरपी एक स्वतंत्र संस्था है लेकिन उसको मिलने वाली फन्डिंग का बड़ा हिस्सा किसी एक स्रोत से आता है तो स्वभाविक है कि वह संस्था तटस्थ नहीं है। ओसीसीआरपी को सबसे अधिक पैसा जॉर्ज सोरोस और डीप स्टेट से मिलता है इस लिए यह संस्था उनके पक्ष में  बात करती है।“ अमेरिका का डीप स्टेट अन्य देशों में अस्थिरता पैदा करने के लिए काम करता है और उस डीप स्टेट के लिए यह ओसीसीआरपी काम कर रहा है।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने कहा कि जब भारत के लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अपने देश के साथ द्रोह कर रहा हो, तो स्वभाविक रूप से यह बहुत महत्वपूर्ण विषय हो जाता है। जुलाई 2021 में पूरे विश्व में कोविड महामारी का प्रकोप था, तब आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने दो स्वदेशी वैक्सीन विकसित कीं और वैक्सीन मैत्री के तहत भारत अन्य देशों की सहायता कर रहा था। उस समय ओसीसीआरपी ने आर्टिकल पब्लिश किया कि ब्राजील ने 324 मिलियन डॉलर की जो कोवैक्सीन भारत से ऑर्डर की थी, उसे कैंसल कर दिया। इस आर्टिकल के माध्यम से भारत की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। कोरोना संक्रमण काल में पूरे विश्व में वैक्सीन का बाजार बहुत फायदेमंद बाजार था, ऐसे में भारत अकेल ऐसा देश था जो वैक्सीन मैत्री के तहत कई देशों को  निशुल्क वैक्सीन दे रहा था। भारतीय वैक्सीन को आहात करने के लिए ओसीसीआरपी ने 1 जुलाई को आर्टिकल लिखा और 2 जुलाई को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार और कोवैक्सीन के खिलाफ अभियान चलाया। यह जून में ही पता चल चुका था कि ब्राजील कोवैक्सीन नहीं ले रहा है लेकिन ओसीसीआरपी ने यह जुलाई में छापा और ओसीसीआरपी के आर्टिकल छपने के बाद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यहां पर, निर्देश ओसीसीआरपी का था और राहुल गांधी उस निर्देश का पालन किया।  

 

डॉ. पात्रा ने कहा कि ओसीसीआरपी ने लगातार भारत के बड़े उद्योगपतियों को निशाना बनाया है, उनके विरुद्ध अनर्गल रिपोर्ट पेश की हैं। इसके पीछे एकमात्र उद्देश्य है कि भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे भी डगमगाया जाए और भारत के शेयर मार्केट को गिरा दिया जाए। इसके पीछे छिपे मंशा थी कि जब मार्केट क्रैश करेगा तो आम भारतीय के पैसे डूब जायेंगे और लोग सरकार का विरोध करके सत्ता परिवर्तन करा देंगे। देश पर आघात करने वाली जब भी ऐसी रिपोर्ट सामने आईं, राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश के भीतर डी-इंडस्ट्रियलाइज़ेशन की बात की है। 18 जुलाई 2021 को ओसीसीआरपी ने पेगासस रिपोर्ट को उजागर किया था और 19 जुलाई को राहुल गांधी ने इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सदन में हाहाकार मचाया। एक सोची समझी साजिश के तहत संसद सत्र से पहले ही ऐसी रिपोर्ट आती है और सदन में हंगामा करके स्थगित करा दिया जाता था। 26 अगस्त 2022 को पेगासस के विषय को खारिज कर दिया था। जुलाई 2022 में नेशनल हेराल्ड के केस में मां-बेटे से ईडी पूछताछ कर रही थी तो ओसीसीआरपी ने एक आर्टिकल छापा जिसमें लिखा गया कि राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी के खिलाफ चल रही लीगल प्रोसीडिंग राजनीतिक रूप से प्रेरित है। मां-बेटे ने 5 हजार करोड़ रुपये का गबन किया और ओसीसीआरपी ने अमेरिका में बैठकर उन्हें क्लीन चिट दे दी

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने सवाल पूछे कि ओसीसीआरपी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बचाव में लेख क्यों प्रकाशित कर रही है? जब ओसीसीआरपी को कोई नुकसान होता है, तो राहुल गांधी क्यों परेशान हो जाते हैं? जब राहुल गांधी को तकलीफ होती है, तो ओसीसीआरपी क्यों रोने लगती है? ओसीसीआरपी और राहुल गांधी भले ही अलग-अलग दिखते हों, लेकिन उनकी आत्मा एक है। अगर सही मायने में कहा जाए तो जॉर्ज सोरॉस और राहुल गांधी एक ही विचारधारा के दो चेहरे हैं। 'जॉर्ज सोरॉस और राहुल गांधी दो बदन, एक जान हैं। जो एजेंडा सोरॉस का है, वही राहुल गांधी का भी है। अगर जॉर्ज सोरॉस भारत का अहित और अमंगल चाहते हैं, तो राहुल गांधी भी भारत का अहित और अमंगल चाहते हैं।'

 

डॉ. पात्रा ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत विरोधी एजेंडे के त्रिकोण का तीसरा पहलू हैं और यह बात पूरी तरह से प्रमाणों पर आधारित है। राहुल गांधी की कथितभारत जोड़ो यात्राजो असल मेंभारत तोड़ो यात्राथी, उसे जनता ने नकार दिया। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी की स्थिति आज दयनीय हो गई है। इस यात्रा के दौरान जॉर्ज सोरॉस की संस्था के उपाध्यक्ष शलील शेट्टी ने भाग लिया था, जो इस बात का सबूत है कि राहुल गांधी और जॉर्ज सोरॉस की सोच एक जैसी है। राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान भी वहां राहुल गांधी ने ओसीसीआरपी से जुड़े बांग्लादेशी पत्रकार मुश्फिकुल फजल अंसारी से मुलाकात की थी। अंसारी लंबे समय से भारत विरोधी लेख प्रकाशित करते रहे हैं। जहां देश का अहित हो, वहां राहुल गांधी मौजूद रहते हैं। जो भारत से नफरत करता है, वह राहुल गांधी से प्यार करता है।जो भी भारत से करे नफरत, वो करे राहुल से प्यार।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने कहा कि आनंद मगनाले, जो कांग्रेस से जुड़ा हुआ व्यक्ति है, न केवल कांग्रेस के लिए धन जुटाता है, बल्कि अपना एक एनजीओ भी चलाता है। दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान आनंद मगनाले ने चीन से पैसे लाकर शरजील इमाम को दिए, जो दंगों में शामिल था। आनंद मगनाले ओसीसीआरपी के पत्रकार भी हैं और राहुल गांधी के करीबी आदमी भी हैं। यह केवल एक संयोग नहीं हो सकता। राहुल गांधी ने अमेरिका में जिन इलहान ओमर से मुलाकात की थी, अब अमेरिका भी उन पर जांच पड़ताल कर रहा है और उनके साथ राहुल गांधी की सांठ-गांठ है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से साफ हो जाता है की राहुल गांधी नहीं चाहते है की भारत वर्ष आगे बढ़े और देश की संसद चले। संसद के सत्र से बिल्कुल पहले एक अंतराष्ट्रीय पटल पर कुछ न कुछ ऐसे फर्जी विषय लाया जाता है, ताकि सदन सुचारु रूप से नहीं चले, भारत को हानि हो और भारत के उद्योगपतियों को नुकसान हो और भारत में उद्योग नहीं पनपे, राहुल गांधी का यही एकमात्र प्रयास है। भारत के अंदर जो आम आदमी छोटे-छोटे शेयर में निवेश करते है वो ‘हिन्दुस्तानी’ पीछे रह जाए, यही राहुल गांधी का प्रयास है। गांधी परिवार एक ऐसा परिवार है जो अपनी कुर्सी के लिए अगर देश को भी बेचना पड़े और देश का भी बलिदान देना पड़े, तो इससे भी गुरेज नहीं करेगा।धिक्कार है ऐसे राहुल गांधी पर

 

इस अवसर पर भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद श्री के. लक्ष्मण ने कहा कि कहा कि आज राज्यसभा में एक ऐसे मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया गया है, जो देश के लिए बेहद चिंता का विषय है। यह विषय हैराष्ट्रीय हितों पर संदिग्ध हमलेका। इस महत्वपूर्ण विषय को उठाने के लिए राज्यसभा के अध्यक्ष ने भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी को अवसर दिया है। डॉ. त्रिवेदी इन राष्ट्रविरोधी और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की गतिविधियों पर प्रकाश डालेंगे, जिनकी पहचान पिछले कुछ वर्षों में की गई है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत आज तेजी से आर्थिक, सामजिक और कूटनीति के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। मात्र एक दशक के भीतर ही भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और आने वाले वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी केविकसित भारतके सपने को पूरा करने के लिए सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। जब भी संसद सत्र चलता है, तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्र विरोधी ताकतें मनगढ़ंत मुद्दे लाकर व्यवधान पैदा करने का प्रयास करती हैं। उनका उद्देश्य भारत की प्रगति को पटरी से उतारना और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की पहचान वैश्विक नेता के रूप में उदय नहीं होने देना है। डॉ. त्रिवेदी ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया, तो यह समझना मुश्किल नहीं था कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने सदन की कार्यवाही क्यों बाधित की? वे नहीं चाहते थे कि इस विषय पर चर्चा हो। वहीं, बीजेपी इस विषय पर विस्तृत चर्चा और जांच के पक्ष में थी, लेकिन विपक्ष के व्यवधान के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

 

श्री लक्ष्मण ने कहा कि पूरा देश जानना चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां बार-बार ऐसे खोखले मुद्दे क्यों उठाती है और भारत के राजनीति में विपक्ष की भूमिका निभाने वाली पार्टियाँ, खासकर कांग्रेस, उनके साथ क्यों खड़ी है? अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां की बातें, भाषा और भावनाएं कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां क्यों दोहराती है? बीजेपी देश की बताना चाहती है कि कांग्रेस समेत विपक्ष पार्टियां भारत के विकास में कैसे बाधा डालने की कोशिश कर रही है। अगर विपक्ष को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी या बीजेपी से कोई नाराजगी है, तो वे इसे राजनीतिक तरीके से व्यक्त करे सकते हैं, लेकिन जब देश के विकास की बात हो, तो भाजपा किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी। भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को जनता तक लेकर जाएगी और विपक्ष और इंडी गठबंधन की दोहरी राजनीति को बेनकाब करेगी।

 

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