Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra


द्वारा श्री संबित पात्रा -
21-03-2025
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोक सभा सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

कांग्रेस और इंडी अलायंस के घटक दलों की राजनीति परिवारवाद, तुष्टिकरण और जातिवाद के आधार पर चलती है लेकिन कर्नाटक में आज सिद्दारमैया सरकार ने जो किया है, वह तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है।

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24 अगस्त 2024 को कर्नाटक के 12 मुसलमान विधायकों की मांग पर सीएम सिद्दारमैया ने राहुल गांधी से विचार विमर्श करके सरकारी कॉन्ट्रैक्ट में 4% मुस्लिम रिजर्वेशन को आज लागू किया है।

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सिद्धारमैया सरकार ने इससे पहले ओबीसी कैटेगरी में मुस्लिम को शामिल किया। मतलब, ओबीसी समाज के लोगों के अधिकारों को छीन कर कांग्रेस की सिद्दारमैया सरकार ने राहुल गांधी के कहने पर मुसलमानों को दे दिया।

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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का इस बार का बजट भी एक समुदाय विशेष बजट था। इसमें इमामों को मासिक भत्ता, वक्फ के संरक्षण, मुस्लिम बहुल इलाकों के विकास सहित केवल और केवल मुस्लिम तुष्टिकरण पर ही फोकस किया गया।

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राहुल गांधी पॉलिटिकली अनफिट हैं और इसी कारण वे तुष्टिकरण के माध्यम से अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

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पंडित नेहरू ने राष्ट्राध्यक्ष बनने के लिए, राष्ट्र को विभाजित कर दिया। आज राहुल गांधी भी उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहे हैं। इनकी मंशा 4% आरक्षण को 100% करने की है।

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कर्नाटक में ‘जिहाद’ की राजनीति चरम पर है। कांग्रेस सरकार के संरक्षण में पहले लैंड जिहाद, फिर एंटी नेशनल जिहाद, उसके इकोनॉमिक जिहाद और अब कॉन्ट्रेक्ट जिहादकिया जा रहा है।

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पिछले चुनाव में कांग्रेस और कट्टरपंथी संगठन PFI के बीच गठबंधन देखा गया था। सत्ता में आते ही सिद्दारमैया सरकार ने सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों को अदालत से छुड़वाकर कट्टरपंथियों की मदद की।

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 जहांपनाह बनने का ख़्वाब पाले, मुस्लिम तफक्कुद की राह पर है शहजादा, कुर्सी की आशनाई में अंधे हुए हैं इस कदर, कि दिन-रात मुस्लिम--इश्क में गिरफ्तार है शहजादा।

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दिल के ये अरमान 4% नहीं, 100% आंसुओं में बह जायेंगे, मुस्लिम--इश्क का ये मंजर, इनके इंडी एलायंस वाले, इन्हीं से छीन ले जायेंगे, शहजादे के ये ख्वाब, ख्वाब ही रह जायेंगे, ये जहांपनाह कभी न बन पायेंगे।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोक सभा सासंद डॉ संबित पात्रा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार द्वारा कर्नाटक विधानसभा में कर्नाटक पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट, 1999 में संशोधन करके सरकारी ठेकेदारी में 4% मुस्लिम आरक्षण दिए जाने पर जमकर आलोचना की। डॉ पात्रा ने कहा कि पंडित नेहरू के राष्ट्राध्यक्ष बनने के विचार ने देश का विभाजन किया था और राहुल गांधी उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहे हैं और इनकी मंशा आज के 4% मुस्लिम आरक्षण को 100% करने की है। राहुल गांधी और कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण देने की असंवैधानिक कार्यों को आगे बढ़ाने वाली राजनीति से देश को विभाजित करने का प्रयास बंद करें।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा में आज केटीपीपी बिल, संशोधन के साथ पारित हुआ है यानी आज से कर्नाटक के सरकारी ठेकों में 4% का आरक्षण मुसलमानों के लिए संरक्षित रखा गया है। यह केटीपीपी एक्ट के संशोधन के बाद दो बातें सामने आई हैं। पहला, राज्य भर में 2 करोड़ तक के सिविल ठेकों के लिए 4% मुसलमान ठेकेदारों को आरक्षण दिया जाएगा। गुड्स एंड सर्विसिज कॉन्ट्रैक्ट के लिए 1 करोड़ तक के किसी भी ठेके में 4% मुसलमान आरक्षण लागू होगा। यह 4% आरक्षण कैटेगरी 2B ओबीसी आरक्षण के अंतर्गत दिया गया है, इसका अर्थ है कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में से सेंधमारी किया गया है, ओबीसी समाज के लोगों के अधिकारों को छीन कर कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार ने राहुल गांधी के कहने पर मुसलमानों को दिया है।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि देश के पिछड़े वर्ग के लोगों के अधिकारों में सेंधमारी हुई है, इसलिए एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग को एकजुट होकर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार और राहुल गांधी के इस फैसले के खिलाफ एकजुटता दिखानी चाहिए। 24 अगस्त 2024 को कर्नाटक के 12 मुसलमान विधायकों ने पहली बार इस विषय को लेकर एक याचिका तैयार की थी और इन 12 मुसलमान विधायकों के कहने पर सिद्दारमैया ने राहुल गांधी से विचार विमर्श करके आज इसे पारित किया है। यह केवल गैर-संवैधानिक नहीं है बल्कि इसस विषय को कोर्ट में सिद्ध कर पाना भी आसान नहीं होगा। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का यह निर्णय यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है। कांग्रेस पार्टी और इसने घटक दलों की राजनीति परिवारवाद, तुष्टिकरण और जातिवाद के आधार पर चलती है लेकिन कर्नाटक में आज जो सिद्दारमैया सरकार ने किया है वह तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि राहुल गांधी कहीं न कहीं पॉलिटिकली अनफिट हैं और इसी कारण वो तुष्टिकरण के माध्यम से अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि कि कांग्रेस की तुष्टिकरण राजनीति में आज जो आरक्षण 4% के साथ शुरू हुआ है, वह कल 100% तक भी पहुंच सकता है। इसी तरह 1947 और उससे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के कारण जो बात एक छोटी सी चिंगारी के रूप मे आरंभ हुई थी, वह देश के विभाजन में परिवर्तित हो गई। पंडित नेहरू के केवल इस विचार के लिए कि उन्हें राष्ट्राध्यक्ष बनना है, राष्ट्र को विभाजित कर दिया गया। आज राहुल गांधी भी उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहे हैं और आज जो 4% है, इनकी मंशा उसे 100% करने की है। यह जिहाद की राजनीति है। जिस तरह वक्फ बोर्ड को जमीन देकर पूरे-पूरे गांवों पर कब्जा किया गया, वहलैंड जिहाद  था। इसी तरह कर्नाटक की विधानसभा मेंएंटी-नेशनल जिहाददेखने को मिला था, जब विधानसभा में कांग्रेस नेताओं ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। जब वक्फ बोर्ड के विकास के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता प्रदान की गई तो वहइकोनॉमिक जिहादथा और अब कर्नाटक मेंकॉन्ट्रैक्ट जिहादसामने आ रहा है, जहां 4% ठेके केवल मुस्लिम ठेकेदारों को दिए जाएंगे।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इतिहास गवाह है कि सितंबर 2024 में कर्नाटक सरकार ने आंगनवाड़ी शिक्षकों के लिए कुछ जिलों में उर्दू को अनिवार्य भाषा के रूप में लागू करने का निर्णय लिया था। इसी तरह पिछले चुनावों में कांग्रेस और कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के बीच भी गठबंधन देखा गया था और सरकार में आने के बाद, पिछली बार सिद्दारमैया सरकार ने पीएफआई के उन लोगों को अदालत से छुड़वाया था, जिन्होंने सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ा था साम्प्रदायिक तनाव पैदा किया था।  इस बार पेश किए गए बजट को लेकर भी सही कहा गया है कि यह कर्नाटक के बजट से ज्यादा एक विशेष समुदाय पर केंद्रित बजट लगता है। इसमें इमामों को ₹6000 मासिक भत्ता, निर्माण ठेकों में 4% का आरक्षण और मुस्लिमों को विवाह के लिए ₹50,000 की सहायता शामिल है। अगर सहायता देनी है तो सभी को दी जानी चाहिए, केवल मुस्लिमों को ही क्यों? बजट वक्फ संपत्तियों और कब्रिस्तानों के विकास के लिए ₹150 करोड़ दिए गए हैं। उर्दू स्कूलों के लिए ₹100 करोड़, मुस्लिम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए ₹50 लाख और मुस्लिम बहुल इलाकों में आईटीआई कॉलेज के लिए फंड दिए गए हैं। यह मुस्लिम बहुल इलाके क्या होता है? भारत तो भारत है, इसमें मुस्लिम बहुल और हिंदू बहुल इलाका क्या होता है? मुस्लिम छात्रों के लिए 50% फीस में छूट दी जा रही है। यह छूट हिंदू छात्रों के लिए क्यों नहीं है? दूसरे धर्म के छात्रों के लिए छूट क्यों नहीं है? उलाल शहर में मुस्लिम लड़कियों के लिए रेजिडेंशियल पीयू कॉलेज, बेंगलुरु में हज भवन का विस्तार, मुस्लिम छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग और सर्वोपरि 1000 करोड़ रुपए मुस्लिम कॉलोनियों के लिए आवंटित किए गए हैं। ₹1000 करोड़ मुस्लिम कॉलोनियों के लिए दिए गए हैं, आखिर यह मुस्लिम कॉलोनियां क्या होती हैं? डॉ. पात्रा ने राहुल गाँधी कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि  

 

जहांपनाह बनने का ख़्वाब पाले, अरमान पाले,

मुस्लिम तफक्कुद की राह पर हैं शहजादा,

कुर्सी की आशनाई में अंधे हुए हैं इस कदर,

के दिन-रात मुस्लिम--इश्क में गिरफ्तार हैं शहजादा

 

लेकिन,

 दिल के ये अरमां 4% नहीं, 100% आंसुओं में बह जायेंगे,

मुस्लिम--इश्क का ये मंजर, इनके इंडी एलायंस वाले, इन्हीं से छीन ले जायेंगे,

शहजादे के ये ख़्वाब, ख्वाब ही रह जायेंगे,

ये जहांपनाह कभी बन पायेंगे।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी अगर अनफिट हैं, तो कम से कम देश को बांटने की साजिश बंद करें। आरक्षण को धर्म के आधार पर असंवैधानिक रूप से आगे बढ़ाने की राजनीति से देश को विभाजित करने का प्रयास बंद करें।

 

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