Salient points of speech by BJP National President, Shri Amit Shah addressing a public program on 350th Prakash Utsav of Shri Guru Gobind Singh in Jabalpur, Madhya Pradesh


08-01-2017
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा जबलपुर (मध्य प्रदेश) में आयोजित गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश उत्सव पर दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने आदर्शों एवं सिद्धांतों से देश पर बहुत बड़ा उपकार किया, इस तरह की मिसालें इतिहास में बहुत ही कम देखने को मिलती हैं: अमित शाह
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने तय किया है कि पूरे देश में हर जगह, चाहे वहां सिख रहते हों या नहीं, देश के हर कोने में गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश वर्ष को मनाने के लिए वर्ष भर सरकारी तौर पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगें: अमित शाह
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एक व्यक्ति पटना में जन्म लेता है, आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना करता है और वह ब्रज बोली के शुद्धिकरण का काम करता है, कितना यशस्वी वक्तित्त्व होगा उनका: अमित शाह
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जब एक 9 साल का बच्चा गुरु तेग बहादुर जैसे प्रचंड व्यक्तित्त्व वाले अपने पिता को देश-हित में आत्म-बलिदान की प्रेरणा देता है, तभी मालूम पड़ जाता है कि वह बच्चा गुरु गोबिंद सिंह जी हैं: अमित शाह
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गुरु गोबिंद सिंह जी ने देश को वीरता की प्रेरणा दी, स्वतंत्रता एवं आध्यात्मिकता का संदेश दिया और जाति-पाति के भेद-भाव को मिटाने के साथ-साथ दसों गुरुओं की गुरुवाणी को शब्द देने का काम किया: अमित शाह
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गुरु गोबिंद सिंह जी ने पांच ‘क' के माध्यम से देश और समाज को एक साथ एकता, स्वछता, दृढ़ता, संयम और वीरता का संदेश दिया जो हमारे लिए आज भी प्रेरणा का स्रोत है: अमित शाह
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देश के अन्न के भण्डार भरने की बात हो या फिर सीमा की सुरक्षा की बात, सिख भाइयों ने हमेशा अपनी मेहनत और पराक्रम का परिचय दिया है: अमित शाह
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यह दशम गुरु के प्रेरणा से ही हुआ है कि देश के कई राज्यों में आज भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी एवं सहयोगियों की सरकार है: अमित शाह
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में भारत सरकार ने गुरु गोबिंद सिंह के जीवन से जुड़े हुए सभी स्थानों के पुनरुद्धार एवं उनके संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए अलग से 100 करोड़ रुपए का एक बजट निर्धारित किया है: अमित शाह
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आने वाले हजारों साल तक गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन न केवल सिखों के लिए, न केवल भारत के लिए बल्कि देश की रक्षा, भक्ति, साहित्य, धर्म, और अपनी आत्मा की ऊंचाई के लिए जीने वाले दुनिया भर के लोगों के लिए अक्षय प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा: अमित शाह
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज जबलपुर (मध्य प्रदेश) के शिवाजी मैदान में आयोजित गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव के कार्यक्रम में भाग लिया और इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित किया।

Salient points of speech by BJP National President, Shri Amit Shah addressing a public program on 350th Prakash Utsav of Shri Guru Gobind Singh in Jabalpur, Madhya Pradesh

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज बहुत ही पवित्र मौक़ा है, आज हम सब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के वर्ष में एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने आदर्शों एवं सिद्धांतों से देश पर बहुत बड़ा उपकार किया, इस तरह की मिसालें इतिहास में बहुत ही कम देखने को मिलती हैं। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन का जोड़ मिलना बहुत मुश्किल है, ईश्वर भी एक ही व्यक्ति में अनेकों प्रकार के गुण बहुत कम ही देता है, ऐसा बहुआयामी व्यक्तित्त्व था उनका। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी एक साथ ही एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक युगपुरुष थे।

Salient points of speech by BJP National President, Shri Amit Shah addressing a public program on 350th Prakash Utsav of Shri Guru Gobind Singh in Jabalpur, Madhya Pradesh

श्री शाह ने कहा कि निस्संदेह गुरु गोबिंद सिंह जी अपने काल-खंड के सर्वश्रेष्ठ कवियों में से एक थे, उन्होंने एक भाषा में नहीं बल्कि संकृत, ब्रज, गुरुमुखी, हिन्दी, फारसी - कई भाषाओं में साहित्य की रचना की। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति पटना में जन्म लेता है, आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना करता है और वह ब्रज बोली के शुद्धिकरण का काम करता है, कितना यशस्वी वक्तित्त्व होगा उनका।

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भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वीरता में गुरु गोबिंद सिंह जी का कोई सानी नहीं था, उनके जैसा योद्धा सहस्र सालों में शायद ही कभी पैदा होता है, उनकी वीरता के जितने भी गुण गाये जाएँ, वे कम हैं। जब एक 9 साल का बच्चा गुरु तेग बहादुर जैसे प्रचंड व्यक्तित्त्व वाले अपने पिता को देश-हित में आत्म-बलिदान की प्रेरणा देता है, तभी मालूम पड़ जाता है कि वह बच्चा गुरु गोबिंद सिंह जी हैं। उन्होंने कहा कि देश के हजारों सालों के इतिहास में एक ही वीर बलिदानी ऐसा है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए हँसते-हँसते अपने चारों बेटों का बलिदान दे दिया, उनके चार पुत्रों में से दो साहबजादे चमकौर की लड़ाई में शहीद हुए जबकि दो बेटों को दीवार में ज़िंदा चुनवा दिया गया। एक मार्मिक प्रसंग का उल्लेख करते हुए श्री शाह ने कहा, “जब छोटे बेटे को दीवार में चुनवाया जा रहा था तो अपने बड़े भाई की आँखों में आंसू देख उन्होंने उनसे पूछा कि हम सिंह की संतान है, फिर आँखों में आंसू क्यों तो बड़े भाई ने जवाब दिया कि धर्म के रास्ते पर पहले बड़े भाई के बलिदान के बदले छोटे का बलिदान हो रहा है, इसलिए मेरी आँखों में आंसू आ गए। अभी तो दाढ़ी भी नहीं आई थी लेकिन ये वीरता भरी वाणी गुरु गोबिंद सिंह जी के सुपुत्रों की ही हो सकती है और किसी की नहीं।”

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राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि खालसा पंथ की स्थापना करके देश की रक्षा करने का काम जो दशम गुरु ने किया है, देश उसको कभी भुला नहीं सकता। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कर के एक साथ कई काम किये, उन्होंने सिखों को वीरता की प्रेरणा दी, देश को स्वतंत्रता एवं आध्यात्मिकता का संदेश दिया, दसों गुरुओं की गुरुवाणी को शब्द देने का काम भी उन्होंने ही किया, राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को अक्षुण रखने के साथ-साथ उन्होंने जाति-पाति के भेद-भाव को मिटाने का काम भी उन्होंने ही किया। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने देश के अलग-अलग हिस्से से, अलग-अलग जाति और सम्प्रदाय से पंच-प्यारे पसंद करके राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। उन्होंने पूरे देश में राष्ट्रीय एकता का अलख जगाने का काम किया ताकि देश, धर्म और समाज पर जो विपत्ति आन पड़ी है, उसका डटकर मुकाबला किया जा सके। आज उनके द्वारा स्थापित वही पंथ इतने सालों बाद भी देश और दुनिया को एकता और ज्ञान का प्रकाश दे रहा है।

श्री शाह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने पांच ‘क' के माध्यम से देश और समाज को एक साथ एकता, स्वछता, दृढ़ता, संयम और वीरता का संदेश दिया जो हमारे लिए आज भी प्रेरणा का स्रोत है कि किस तरह से हमें मिल-जुल कर रहना चाहिए और देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के लोग आज जहां कहीं भी हैं, वे घुल-मिलकर समानता में विश्वास के साथ रहते हैं।

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भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश के अन्न के भण्डार भरने की बात हो या फिर सीमा की सुरक्षा की बात, सिख भाइयों ने हमेशा अपनी मेहनत और पराक्रम का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर और स्वाबलंबी बनाने का श्रेय पंजाब के सिख भाइयों को जाता है। देश की सीमा की सुरक्षा का भी सेहरा हमारे सिख भाइयों पर बंधा है। उन्होंने कहा कि ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा तो बहुत बाद में आया लेकिन गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रेरणा से ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा सिखों ने अपनी आत्मा में बसाया हुआ है।

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श्री शाह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ का जो बीज आनंदपुर साहिब में बोया था आज वह 300-325 सालों बाद बटवृक्ष बन गया है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में खालसा का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह, शिवाजी महाराज और राजपूताने ने औरंगजेब के जुल्मी शासन के खिलाफ एक साथ आवाज बुलंद की थी। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर जी से लेकर महाराजा रणजीत सिंह जी तक सबने सिख साम्राज्य को दृढ़ करने का काम किया, हरियाणा से लेकर कश्मीर समेत अफगानिस्तान तक पूरा का पूरा प्रदेश एकछात्र महाराजा रणजीत सिंह जी शासन में था।

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भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह दशम गुरु के प्रेरणा से ही हुआ है कि देश के कई राज्यों में आज भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी एवं सहयोगियों की सरकार है। उन्होंने कहा कि जब दशम गुरु का 350वां साल आया, तब भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने तय किया है कि पूरे देश में हर जगह, चाहे वहां सिख रहते हों या नहीं, देश के हर कोने में गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश वर्ष को मनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार सरकारी तौर पर कार्यक्रम आयोजित करेगी, इसके लिए एक कमिटी भी गठित की गई है, मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैं भी उस कमेटी का एक सदस्य हूँ। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने गुरु गोबिंद सिंह के जीवन से जुड़े हुए सभी स्थानों के पुनरुद्धार एवं उनके संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए अलग से 100 करोड़ रुपए का एक बजट निर्धारित किया है, सभी राज्य सरकारों ने भी अपने राज्य के अंदर गुरु गोबिंद सिंह जी की के प्रकाश वर्ष को धूम-धाम से मनाने की तैयारी की है।

श्री शाह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन आने वाले हजारों साल तक न केवल सिखों के लिए, न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए अदम्य प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अपने देश के लिए कैसे जिया जा सकता है, सामाजिक सुधार कैसे लाया जा सकता है, समाज को समरस कैसे बनाया जा सकता है, भाषाओं का उद्धार कैसे किया जा सकता है, भाषाओं के माध्यम से व्यक्ति की आत्मा का विस्तार कैसे किया जा सकता है, आध्यात्मिकता को सरलता से जीवन में कैसे लाया जा सकता है, बलिदानी कैसे बन सकता है और हँसते-हँसते हार न मानते हुए देश की आजादी के लिए संघर्ष करते हुए अपने पूरे परिवार का बलिदान कैसे कर सकता है, यदि यह सीखना और समझना हो तो उसे गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने लोगों से खासला पंथ और ‘‘विचित्र नाटक' से सीख लेने की प्रेरणा दी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन इतना प्रकाश फैलाता है कि 350 साल बाद भी वह प्रकाश आज भारत को चकाचौंध कर देता है, आश्चर्यचकित कर देता है कि एक व्यक्ति का जीवन ऐसा सरल और यशस्वी कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले हजारों साल तक गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन देश की रक्षा, भक्ति, साहित्य, धर्म, और अपनी आत्मा की ऊंचाई के लिए जीने वाले दुनिया भर के लोगों के लिए अक्षय प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि आज मुझे पवित्र संगत का दर्शन करने का मौक़ा मिला, यह मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है। ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ और ‘वाहे गुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु जी दी फतेह के जयघोष के साथ उन्होंने अपना उद्बोधन समाप्त किया।

(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव

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