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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
भ्रष्टाचार में लिप्त विभिन्न दलों के नेताओं पर जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं और जिस प्रकार ‘सारे भ्रष्टाचारी पकड़े जा रहे हैं बारी बारी’, तो कभी ये विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं, तो कभी इमोशनल कार्ड, जबकि जनता कह रही है कि मेरे सवालों का जवाब दो।
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पिछले दो-तीन दिन में कट्टर बेईमान दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और शराब मंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई न्यायालय से राहत नहीं मिली और सात दिन की इनको ईडी रिमांड पर भेज दिया गया है.
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कोर्ट ने कहा कि “कस्टोडियल इंटेरोगेशन ऑफ मनीष सिसोदिया इज मस्ट”. यह जांच एजेंसी के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं है और न ही यह कोई राजनैतिक विद्वेष है। जो शराब घोटाला उन्होंने किया है उसकी जड़ तक जाने के लिए कस्टोडियल इंटेरोगेशन जरूरी है.
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न्यायाल ने यह भी कहा कि किसी भी प्रश्न का उत्तर मनीष सिसोदिया नहीं दे रहे हैं और न ही जांच एजेंसी को सहयोग ही कर रहे हैं। अपने को कट्टर ईमानदार कहने वाले ‘आप’ के नेता जब इतने ही ईमानदार हैं, उन्होंने कोई घोटाला ही नहीं किया, तो जांच एजेंसी को आखिर वे सहयोग क्यों नहीं कर रहे?
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पूर्व शराब मंत्री मनीष सिसोदिया कह रहे हैं कि मुझको न उठाओ, मैं भ्रष्टाचार के नशे में हूं, मुझे इसी अवस्था में रहने दो।
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बिहार में भी भ्रष्टाचार और जंगलराज का पर्याय बनी आरजेडी, जिन्होंने जानवरों का चारा तक नहीं छोड़ा था, इनका भी मंत्र था कि ‘तुम मुझे जमीन दो, कानून नियम को ताक पर रखकर मैं तुम्हें नौकरी दूंगा, भले ही तुम गरीब हो’।
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जदयू के सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बार बार आरोप लगाते रहे कि लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि ये लोग भ्रष्टाचारी हैं।
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नीतीश कुमार की ओर से जनता दल यूनाईटेड ने 27 सितंबर 2021 को एक ट्वीट किया था कि- नेता प्रतिपक्ष को यह बताना चाहिए कि जिस लालूवाद विचारधारा से आप आते हैं, उसी विचारधारा ने बिहार के तमाम किसानों के साथ छल किया। जमीन दो, नौकरी लो के नाम पर जमीन लिखवा ली गयी और उसमें चरवाहा विद्यालय खोलकर महापाप किया।
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नीतीश जी पहले लैंड फॉर जॉब घोटाले की जांच की मांग कर रहे थे, जब रेलवे भर्त्ती घोटाले की जांच शुरु हुई तो अब वे कह रहे हैं कि विपक्ष के नेताओं को परेशान किया जा रहा है।
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नीतीश जी, देश की जनता जानना चाहती है कि आपने लैंड फॉर जॉब घोटाले की जांच की मांग की थी या नहीं?
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पलटू राम से विख्यात नीतीश जी को पलटू राम इसलिए कहा जाता है कि वे कभी कोई स्टैंड लेते हैं, तो अपनी सुविधानुसार उससे पलट भी जाते हैं।
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विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही है कि राजनीतिक विद्वेष के कारण भ्रष्टाचार के मामले की जांच हो रही है. यदि ऐसा ही है, तो फिर ये भ्रष्टाचारी न्यायालय जाकर अपने भ्रष्टाचार के मामले को निरस्त क्यों नहीं करा रहे?
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मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई। जब यह गिरफ्तारी हुई तो कांग्रेस पार्टी ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि यह गिरफ्तारी सही है। जनता पूछ रही है की आखिर यह कैसा भ्रष्टाचार है। मेरा भ्रष्टाचार अच्छा, इस भ्रष्टाचार में कोई गलती नहीं जबकि दूसरे का भ्रष्टाचार खराब, उसके खिलाफ कार्रवाई करो? क्या यह कोई पैमाना हो सकता है?
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कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में जब भी अखबार खोला जाता था, तो घोटाले की खबरें ही होती थीं। कांग्रेस समय-समय पर घोटालों की एक श्रृंखला में लगी हुई थी- 2जी घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, कोयला खान आवंटन घोटाला और न जाने क्या-क्या.
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बीआरएस की नेत्री के लिए यह शीर्षक उपयुक्त होगा कि Give Me The Money, I Just Need Money.
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कविता जी उत्तर देने के बजाए विक्टिम कार्ड खेल रही हैं। के कविता जी को जनता के सवालों का जवाब देना होगा कि उनका इंडोस्प्रीट से कोई लेना देना है या नहीं? उन्हें यह भी बताना होगा कि उनका बुच्ची बाबू से कोई लेना-देना है या नहीं?
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित किया और भ्रष्टाचार में लिप्त विभिन्न दलों के नेताओं पर जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं और जिस प्रकार ‘सारे भ्रष्टाचारी पकड़े जा रहे हैं बारी बारी’, तो कभी ये विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं, तो कभी इमोशनल कार्ड, जबकि जनता कह रही है कि मेरे सवालों का जवाब दो।
आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि पिछले दो-तीन दिन में कट्टर बेईमान दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री एवं शराब मंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई न्यायालय से राहत नहीं मिली और सात दिन की इनको ईडी रिमांड पर भेज दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि “कस्टोडियल इंटेरोगेशन ऑफ मनीष सिसोदिया इज मस्ट”. यह जांच एजेंसी के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं है और न ही यह कोई राजनैतिक विद्वेष है। जो शराब घोटाला उन्होंने किया है उसकी जड़ तक जाने के लिए कस्टोडियल इंटेरोगेशन जरूरी है.
न्यायाल ने यह भी कहा कि किसी भी प्रश्न का उत्तर मनीष सिसोदिया नहीं दे रहे हैं और न ही जांच एजेंसी को सहयोग ही कर रहे हैं। अपने को कट्टर ईमानदार कहने वाले ‘आप’ के नेता जब इतने ही ईमानदार हैं, उन्होंने कोई घोटाला ही नहीं किया, तो जांच एजेंसी को आखिर वे सहयोग क्यों नहीं कर रहे? पूर्व शराब मंत्री मनीष सिसोदिया कह रहे हैं कि मुझको न उठाओ, मैं भ्रष्टाचार के नशे में हूं, मुझे इसी अवस्था में रहने दो।
उधर बिहार में भी भ्रष्टाचार और जंगलराज का पर्याय बनी आरजेडी, जिन्होंने जानवरों का चारा तक नहीं छोड़ा था, इनका भी मंत्र था कि ‘तुम मुझे जमीन दो, कानून नियम को ताक पर रखकर मैं तुम्हें नौकरी दूंगा, भले ही तुम गरीब हो’।
जदयू के सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बार बार आरोप लगाते रहे कि लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि ये लोग भ्रष्टाचारी हैं। नीतीश कुमार के जनता दल यूनाईटेड ने 27 सितंबर 2021 को एक ट्वीट किया था कि- नेता प्रतिपक्ष को यह बताना चाहिए कि जिस लालूवाद विचारधारा से आप आते हैं, उसी विचारधारा ने बिहार के तमाम किसानों के साथ छल किया। जमीन दो, नौकरी लो के नाम पर जमीन लिखवा ली गयी और उसमें चरवाहा विद्यालय खोलकर महापाप किया।
नीतीश जी पहले लैंड फॉर जॉब घोटाले की जांच की मांग कर रहे थे, जब रेलवे भर्त्ती घोटाले की जांच शुरु हुई तो अब वे कह रहे हैं कि विपक्ष के नेताओं को परेशान किया जा रहा है। नीतीश जी, देश की जनता जनाना चाहती है कि आपने लैंड फॉर जॉब घोटाले की जांच की मांग की थी या नहीं? पलटू राम से विख्यात नीतीश जी को पलटू राम इसलिए कहा जाता है कि वे कभी कोई स्टैंड लेते हैं, तो अपनी सुविधानुसार उससे पलट भी जाते हैं।
लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, तो उस पर जांच होनी ही चाहिए। आज जब भ्रष्टाचार के आरोपियों पर कार्रवाई हो रही है। न्यायालय से प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार के इन आरोपियों के खिलाफ चल रहे मामले निरस्त नहीं हो रहे हैं और कई ऐसे मामले हैं जिनमें उन्हें जमानत तक नहीं पा रही है।
विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही है कि राजनीतिक विद्वेष के कारण भ्रष्टाचार के मामले की जांच हो रही है. यदि ऐसा ही है, तो फिर ये भ्रष्टाचारी न्यायालय जाकर अपने भ्रष्टाचार के मामले को निरस्त क्यों नहीं करा रहे?
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई। जब यह गिरफ्तारी हुई तो कांग्रेस पार्टी ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि यह गिरफ्तारी सही है। जनता पूछ रही है की आखिर यह कैसा भ्रष्टाचार है। मेरा भ्रष्टाचार अच्छा, इस भ्रष्टाचार में कोई गलती नहीं जबकि दूसरे का भ्रष्टाचार खराब, उसके खिलाफ कार्रवाई करो? क्या यह कोई पैमाना हो सकता है?
श्री भाटिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में जब भी अखबार खोला जाता था, तो घोटाले की खबरें ही होती थीं। कांग्रेस समय-समय पर घोटालों की एक श्रृंखला में लगी हुई थी- 2जी घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, कोयला खान आवंटन घोटाला और न जाने क्या-क्या. सर्वोच्च न्यायालय ने 2-जी घोटाला में दिए गए लाइसेंस को निरस्त कर दिया था। कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस सरकार द्वारा माइनिंग लाईसेंस दिए गए थे, सर्वोच्च न्यायालय ने उनमें 214 लाइसेंस को रद्द कर दिया था। कांग्रेस सरकार में सीडब्ल्यूजी घोटाले भी हुए। कांग्रेस पार्टी के भ्रष्टाचार का आलम यह है कि ये खेल भी कराएंगे तो उसमें भी इन्हें कमीशन चाहिए। जीजा जी घोटाले में किसानों की जमीन हड़पी जा रही थी।
लेकिन जनता अब जागरुक हो चुकी है और वे चाहती है कि हर भ्रष्ट तत्व को सबक सिखाया जाए. आज जनता की उम्मीद यह है कि कोई भी भ्रष्टाचारी हो, उसको यह अहसास हो कि कानून का डंडा कितना मजबूत है. कोई भी भ्रष्टाचारी कानून से ऊपर नहीं है। जांच इतनी मजबूती से किया जाएगा कि हर भ्रष्टाचारी को कानून से डर लगे कि यदि भ्रष्टाचार करेंगे तो जेल के सलाखों के पीछे जाएंगे। जब भ्रष्टाचारी पकड़े जाते हैं तो यह कभी भी उस मुद्दे पर बात नहीं करते हैं. अंदर से ये भी जानते हैं कि इन्होंने भ्रष्टाचार किया है. जो भ्रष्टाचारी सोचते हैं कि भ्रष्टाचार उनका जन्मसिद्ध अधिकार है, तो यह उनकी गलतफहमी है. अब देश की जनता कह रही है कि न्याय होना चाहिए। भ्रष्टाचार से जो पैसा इन्होने लूटा है, उसे उनसे वसूलना और जनता के हित में लगाना, यह जनता का और लोकतंत्र का अधिकार है।
श्री भाटिया ने भ्रष्टाचार में लिप्त भारत राष्ट्र समिति की नेत्री के कविता पर निशाना साधते हुए कहा कि बीआरएस की नेत्री के लिए यह शीर्षक उपयुक्त होगा कि Give Me The Money, I Just Need Money. ऐसा कहने के पीछे कारण है कि एक साक्षात्कार में के कविता से जब पूछा गया कि आपका इंडो स्प्रीट, बुच्ची बाबू और अरुण पिल्लैई से क्या संबंध है? कानून नहीं तोड़ने वाला कोई भी व्यक्ति स्पष्ट रुप से कहेगा कि इनसे हमारा कोई संबंध नहीं है। किन्तु कविता जी उत्तर देने के बजाए विक्टिम कार्ड खेल रही हैं। के कविता जी को जनता के सवालों का जवाब देना होगा कि उनका इंडोस्प्रीट से कोई लेना देना है या नहीं? उन्हें यह भी बताना होगा कि उनका बुच्ची बाबू से कोई लेना-देना है या नहीं?
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