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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत आर्थिक, सामरिक और कूटनीतिक दृष्टि से विश्व के पटल पर एक शक्तिशाली और प्रभावशाली देश के रूप में उभरता जा रहा है और देश के भीतर सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण का नया दौर चल रहा है। कई प्रतिगामी शक्तियां भारत की इस अभूतपूर्व प्रगति और विकास को रोकने के लिए अनेक प्रकार के षड्यन्त्र कर रही हैं।
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राहुल गाँधी के ख़ास सलाहकार और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने चीन के पक्ष में जिस तरह का बयान दिया है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस का चीन के साथ हुए करार का सैम पित्रोदा ने इजहार कर दिया है।
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भारत विरोधी शक्तियों के लिए कांग्रेस, “मोहब्बत की दुकान” है जिसमें सोरोस और चीन के लिए मोहब्बत है जबकि देश में धर्म, जाति, भाषा, प्रांत सहित हर आधार पर एक को दूसरे से लड़ाने के लिए “नफरत का सामान” भी कांग्रेस के पास ही है।
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सैम पित्रोदा ने कहा कि चीन के साथ तो किसी प्रकार का विवाद ही नहीं है, जैसे भारत ही आक्रामक भूमिका में हो। सैम पित्रोदा का बयान भारत की कूटनीति और संप्रभुता पर बहुत गहरा आघात है। यह बात समुद्र पार कांग्रेस के अध्यक्ष ने कही है और समुद्र पार से तो जॉर्ज सोरोस के सुर भी कांग्रेस से मिलते नजर आते हैं।
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चीन प्रेम पर सैम पित्रोदा का बयान निंदनीय और भर्त्सनीय है। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस पार्टी से प्रमुखता से ये सवाल पूछती है कि सैम पित्रोदा द्वारा दिया गया बयान क्या गलवान में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों का अपमान नहीं है?
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कांग्रेस के ओवरसीज नेता सैम पित्रोदा का यह बयान निंदनीय और भर्त्सनीय है। सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस नेताओं के चीन प्रेम की एक कड़ी मात्र है। यह स्पष्ट है कि सोरोस, अंकल सैम और कांग्रेस पार्टी की धुन एक ही सुर में गूंज रही है।
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कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि वह चीन के साथ अपने पुराने समझौतों, राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी एंबेसी से मिले लोन और फंड के दबाव में बात कर रही है।
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सैम पित्रोदा का बयान उनका कोई अलग या व्यक्तिगत बयान भर नहीं है कियोंकि इसी भाव और विचार से राहुल गाँधी ने विकास, महंगाई, बेरोजगारी और सुरक्षा जैसे कई मुद्दों पर चीन को बार-बार बेहतर बताया है जबकि सच्चाई दुनिया जानती है।
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राहुल गाँधी डोकलाम के समय रात के अँधेरे में चीनी दूतावास जाते हैं। राहुल गाँधी चीन के प्रेस फ्रीडम की बात करते हैं जबकि चीन के रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री सहित अलीबाबा के चीफ गायब हो जाते हैं।
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कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान में देश विरोधी सोरोस और चीन के लिए तो मोहब्बत का पैगाम है, मगर भारत को भाषा, प्रांत और जाति में बांटने के लिए नफरत का भरपूर सामान है।
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कांग्रेस के समुद्रपारी नेता के बाद समुद्र पार से अन्य प्रकार के संकेत मिल रहे हैं, जो यह दर्शाते हैं कि कैसे भारत के अंदर और बाहर बैठे देश विरोधी लोग मिलकर भारत के लिए षडयंत्र रच रहे हैं।
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भारत में चुनाव की प्रक्रिया एवं व्यवस्था को प्रभावित करने के लिए सोरोस से जुड़े संगठनों ने धन का प्रयोग किया और तत्कालीन UPA सरकार उसका माध्यम बनी.
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा द्वारा चीन के हित में दिए गए भारत विरोधी बयान पर करारा प्रहार करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला। श्री त्रिवेदी ने भारत की चुनावी व्यवस्था में विदेशी फंडिंग और लोकसभा में विपक्ष के उप-नेता गौरव गोगोई की पत्नी की जॉर्ज सोरोस के संगठन से संलिप्तता की मीडिया रिपोर्टो पर भी कांग्रेस की जमकर आलोचना की। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि भारत के विपक्षी दलों का देश विरोधी शक्तियों को समर्थन देना, राष्ट्र के लिए बहुत भयावह है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत आर्थिक, सामरिक और कूटनीतिक दृष्टि से विश्व के पटल पर एक शक्तिशाली और प्रभावशाली देश के रूप में उभरता जा रहा है और देश के भीतर सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण का नया दौर चल रहा है। कई प्रतिगामी शक्तियां भारत की इस अभूतपूर्व प्रगति और विकास को रोकने के लिए अनेक प्रकार के षड्यन्त्र कर रही हैं।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उनके आइडियोलॉजीकल थिंक टैंक जो बातें समय-समय पर कहती आ रही है, वो सभी चीजें स्पष्ट रूप से जनता के सामने आ चुकी हैं। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने चीन को लेकर आज जिस तरह का बयान दिया है, उससे यह बात स्पष्ट हो गई है कि कांग्रेस का चीन के साथ हुए करार का सैम पित्रोदा ने इजहार कर दिया है। हिन्दी में एक कहावत है कि ‘गुरु गुड़ रह गए और चेले शक्कर हो गए’ लेकिन यहां ‘चेले गुड़ रह गए और गुरु चीनी हो गए’। जिस तरह की बात सैम पित्रोदा ने कही है, वो भारत की कूटनीति और संप्रभुता पर बहुत गहरा आघात है। सैम पित्रोदा ने कहा कि चीन के साथ तो किसी प्रकार का विवाद ही नहीं है, जैसे भारत ही आक्रमक की भूमिका में हो। यह बात समुद्र पार कांग्रेस के अध्यक्ष ने कही है, हालांकि समुद्र पार से तो जॉर्ज सोरोस के सुर भी कांग्रेस से मिलते नजर आते हैं। सैम पित्रोदा का बयान उनका कोई अलग बयान नहीं है, इसी भाव और विचार के कई बयान राहुल गांधी भी दे चुके हैं। राहुल गांधी ने विदेश में कहा था कि चीन ने बहुत चुनौतियों के बीच ऊपर उठने का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हाल ही में राहुल गांधी ने एक विदेशी दौरे के दौरान कहा कि चीन ने बेरोजगारी को बहुत अच्छे से संभाला है, जबकि आज चीन में बेरोजगारी दर 24% है। 2023 में जनवरी से जुलाई तक बेरोजगारी दर बढ़ते हुए 17% से 18% हो गई थी, इसके बाद से चीन ने आंकड़े देने बंद कर दिए, लेकिन राहुल गांधी को इसमें भी चीन की महानता नजर आती है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि चीन, प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत से ऊपर है, जबकि चीन के रक्षा मंत्री गायब हो गए, उनके विदेश मंत्री गायब हो गए, चीन की सबसे बड़ी कंपनी अलीबाबा के चीफ गायब हो गए। ये लोग लम्बे समय से कहते आ रहे हैं कि चीन की आर्थिक ग्रोथ बहुत शानदार है, लेकिन 2024 में दुनिया की सबसे बड़ी रियल इस्टेट चीनी कंपनी दिवालिया हो गई। चीन के कई बैंक बैंककरप्ट हो गए, इस सब के बीच सैम पित्रोदा का बयान आया है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार पूरे विश्व के साथ अच्छे संबंध चाहती है लेकिन राष्ट्रीय स्वाभिमान, सुरक्षा और सुदृढ़ता को बनाए रखते हुए। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस पार्टी से पूर्ण प्रमुखता से सवाल पूछती है कि कांग्रेस पार्टी के नेता द्वारा दिया गया बयान क्या गलवान में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों का अपमान नहीं है?
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के ओवरसीज नेता सैम पित्रोदा का यह बयान निंदनीय और भर्त्सनीय है। कांग्रेस नेताओं द्वारा दिया गया वक्तव्य भारत विरोधी, भारतीय सेना विरोधी और भारतीय सैनिकों के बलिदान का घोर अपमान है। सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस नेताओं के चीन प्रेम की एक कड़ी मात्र है। भारत में एक दौर वह भी था, जब भारतीय सरकार ने चीनी सैनिकों को चावल दिए थे। 21 जून 1952 को जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से प्रेसवार्ता में सवाल पूछा गया कि क्या चीनी सैनिकों को राशन दिया गया है, तो उन्होंने स्वीकार किया कि हां, कुछ राशन दिया गया था। यह मात्र कुछ किलो नहीं, बल्कि हजारों टन राशन था, जिसे यह कहकर दिया गया कि चीनी सैनिकों को उसकी जरूरत थी और यह उन्हें जिंदा रहने के लिए दिया जा रहा है। जबकि उस समय तिब्बत में स्थिति भयावह थी। नेहरू जी ने चीनी सैनिकों को राशन इसलिए दिया क्योंकि चीन का सबसे निकटतम शहर 2,000 किलोमीटर दूर था, जबकि भारत का तवांग मात्र 250 से 300 किलोमीटर की दूरी पर था और वहां की सड़कें भी बेहतर थीं। कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि वह चीन के साथ अपने पुराने समझौतों, राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी एंबेसी से मिले लोन और फंड के दबाव में बात कर रही है। ऐसे बयान देने के लिए सैम पित्रोदा को सफाई देनी चाहिए।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एक और भारत विरोधी तथ्य सामने आया है, जो भारत के चुनावी व्यवस्था में विदेशी फंडिंग से संबंधित है। कांग्रेस के समुद्रपारी नेता के बाद समुद्र पार से अन्य प्रकार के संकेत मिल रहे हैं, जो यह दर्शाते हैं कि कैसे भारत के अंदर और बाहर बैठे देश विरोधी लोग मिलकर भारत के लिए षडयंत्र रच रहे हैं। इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स नामक संस्था ने 2011 में भारत की एक संस्था, इंडिया इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इलेक्शन मैनेजमेंट, जो चुनाव आयोग से संबंधित है, के साथ करार किया था। इसके माध्यम से जो वित्त पोषण आ रहा है, वह कंसॉर्शियम फॉर इलेक्शन पोलिटिकल प्रोसेस स्ट्रेंथनिंग सिस्टम (CIEPS) के जरिए हो रहा है, जो जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से संबंधित है। इसने भारत में हाफ बिलियन डॉलर US-AID के माध्यम से निवेश किए, और हर साल 3 से 3.5 लाख डॉलर भारत में आते रहे। हाल ही में हुए अमेरिकी चुनाव में विदेश से भारत के चुनावी संस्थाओं की तारीफ की गई थी और भारतीय वोटर आईडी सिस्टम की जरूरत अमेरिका में महसूस की जा रही थी। भाजपा यह सवाल करती है कि, भारत की चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करने और चुनावों में समस्या उत्पन्न करने के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाली शक्तियां कौन सी हैं? यह स्पष्ट है कि सोरोस, अंकल सैम और कांग्रेस पार्टी की धुन एक ही सुर में गूंज रही है। सैम पित्रोदा के बयान से यह साफ झलकता है कि शब्द उनके हो सकते हैं, लेकिन असली गीतकार सोरोस है, और पूरी धुन कांग्रेस पार्टी और INDI गठबंधन द्वारा रची जा रही है। भाजपा देश की जनता को यह स्पष्ट रूप से बताना चाहती है कि अब भारत विरोधी तथ्य सामने आ रहे हैं।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई की पत्नी का संबंध जॉर्ज सोरोस के संगठन के साथ नजर आता है। पाकिस्तान के दूतावास में उनकी बातचीत की फोटो व भारत में आकर भारतीय सेना, वायु सेना व अर्ध सैनिक बलों के विरुद्ध कटुतापूर्ण शब्दों का प्रयोग किया गया, उससे अब स्पष्ट हो गया है कि देश के ऊपर आघात करने का इनका एजेंडा बहुत साफ है। भारत विरोधी शक्तियों के लिए कांग्रेस, मोहब्बत की दुकान है, इसमें सोरोस के लिए भी मोहब्बत है और चीन से भी है। कांग्रेस का विधान भारत के लोगों को आपस में लड़ाने का है। यह कहते हैं कि उत्तर और दक्षिण को लड़ाओ। कांग्रेस के कर्नाटक के वित्त मंत्री ने कहा था कि साउथ में टैक्स रेवेन्यू ज्यादा है, तो उसे देश से अलग करना चाहिए। इनके तेलंगाना और तमिल के मंत्रियों ने उत्तर प्रदेश और बिहार के विषय में जो बोला यह राज्यों को लड़ाने का प्रयास था, यह भाषाओं को आपस में लड़ाते हैं। तमिल और हिन्दी को व बिहारी और मराठी को लड़ाते हैं। भाषा, प्रांत क्षेत्र, जाति और अगड़े-पिछड़े में लड़ाने का कांग्रेस का एजेंडा बहुत साफ है। कांग्रेस भारत विरोधियों के लिए मोहब्बत की दुकान है और भारत में भाषा, प्रांत, जाति व हर आधार पर लड़ाने के लिए इनके पास नफरत का सामान है। राहुल गांधी ने जो बयान दिया था कि वो राज्य से लड़ना चाहते हैं, वह कोई अनायास निकला बयान नहीं था, बल्कि भारत की संप्रभुता के विरुद्ध एक सुविचारित, सुनियोजित योजना के अंग का प्रकटीकरण था। इसलिए भारतीय जनता पार्टी देश की जनता से स्पष्ट कहना चाहती है कि चीन की तरीफ से लेकर देश के लोगों को लड़ाने तक और भारतीय राज्य से लड़ने की बात के बाद अब कांग्रेस के पास बचाव के लिए कुछ भी नहीं बचा है। इस विषय पर कांग्रेस आकर अपनी स्पष्ट सफाई दे, लेकिन उनके पास अब सफाई का कोई आधार नहीं बचा है। यह दुखद है कि भारत के दलों का देश विरोधी शक्तियों को समर्थन देना राष्ट्र भक्तों को बहुत पीड़ा देता है और गंभीर प्रश्न उठाता है।
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