
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री तुहिन सिन्हा की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु
CAG रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सोरेन सरकार के पास ₹19,125.88 करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं है और सरकार ने 5,209 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किए।
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एक तरफ कुछ योजनाओं के लिए बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र के राशि जारी कर दी गई और दूसरी तरफ, अन्य कुछ योजनाओं के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने के बाद भी राशि जारी नहीं की गई है।
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कभी स्वतंत्रता सेनानी सिद्धो-कान्हू की भूमि कहे जाने वाले झारखंड को सोरेन सरकार औरंगजेब का क्षेत्र बनाने की कोशिश कर रही है।
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सोरेन सरकार झारखंड के पाकुड़, साहेबगंज और दुमका में अवैध घुसपैठ को खुली छूट दे रही है, बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसा रही है और इन क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है।
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कैग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सोरेन सरकार के 8 विभागों ने एक साल में ₹26.22 करोड़ आकस्मिक फंड से निकाले, जिसमें से ₹13 करोड़ सिर्फ मार्च 2024 में खर्च हुए।
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हेमंत सरकार के पास राजस्व का हिसाब नहीं है, लेकिन इनके खर्चे बेहिसाब हैं। हेमंत सोरेन सरकार ने हर तरफ से सरकारी खजाने को लूटा।
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झारखंड में स्वास्थ्य मंत्री का पद हमेशा कांग्रेस अपने पास रखती है। 2021-22 में स्वास्थ्य मंत्री कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता थे और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री कांग्रेस नेता इरफान अंसारी हैं।
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कांग्रेस ने खासतौर पर स्वास्थ्य मंत्रालय को अपने पास रखकर इसमें घोटाले किए और कांग्रेस शासित अन्य राज्यों की ही तरह झारखंड को अपना एटीएम बनाया।
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31 जनवरी 2025 को झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के लिए एक तुगलकी फरमान जारी कर आयुष्मान भारत योजना की कवरेज देने वाले अस्पतालों की संख्या कम कर दी, जो स्पष्ट रूप से जनता को आयुष्मान भारत योजना के लाभ से वंचित करने का एक षड्यंत्र है।
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यह केजरीवाल या ममता बनर्जी की तरह सीधा इनकार करने का तरीका नहीं है, बल्कि घुमा-फिराकर योजना को कमजोर करने की एक रणनीति है।
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झारखंड में पेयजल योजनाओं के लिए ₹4,500 करोड़ का बजट तय था, लेकिन अब तक केवल ₹438 करोड़ ही खर्च हुए। जब कुल आवंटित राशि का केवल 10% ही खर्च किया गया तो बाकी पैसा कहां गया?
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सोरेन सरकार इस स्तर का वोटबैंक तुष्टिकरण कर रही है कि होली के दिन मुस्लिम इलाके में होली खेलने के कारण विकास शाह को झारखंड पुलिस ने बर्बरता से पीटा। महाशिवरात्री पर भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था।
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फर्क सिर्फ नामों का होता है, कहीं पीड़ित विकास शाह होता है, तो कहीं कोई और हिन्दू होता है, लेकिन हर साल त्योहारों के दौरान हिंदुओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
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संथाल परगना में आतंकी मॉड्यूल सक्रिय हो रही है, लेकिन सोरेन सरकार इन मामलों को नजरअंदाज कर केवल एक गिरफ़्तारी पर वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री तुहिन सिन्हा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में हो रही गड़बड़ी और योजनाओं के खर्चों में अनियमितताओं पर सवाल खड़े किए। श्री सिन्हा ने कहा कि झारखण्ड में हेमंत सोरेन सरकार के संरक्षण में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाया जा रहा है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिरसा मुंडा की पवित्र भूमि को औरंगजेब की भूमि में बदलना चाहते हैं, मगर भाजपा ऐसा नहीं होने देगी।
श्री सिन्हा ने कहा कि झारखंड में जिस बड़े पैमाने पर घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है, वो अकल्पनीय है और दिल्ली से दूरी होने के कारण कई विषय राष्ट्रीय मीडिया में कवर नहीं हो पाते हैं, जिससे हेमंत सोरेन को राज्य को लूटने की खुली छूट मिल जाती है। 27 फरवरी को झारखंड विधानसभा में प्रस्तुत की गई स्वास्थ्य संबंधी कैग रिपोर्ट में सामने आया कि झारखंड की सोरेन सरकार के पास 19125.88 करोड़ रुपए का कोई हिसाब ही नहीं है और 5209 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किए गए हैं अर्थात बिना उपयोगित प्रमाण पत्र जमा किए सोरेन सरकार ने 19125.88 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी। इसके अलावा 1,14,035 करोड़ रुपए के 42158 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने के बाद अब तक यह राशि जारी नहीं की गई है। एक तरफ कुछ योजनाओं के लिए बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किए राशि जारी कर दी गई और दूसरी तरफ कुछ अन्य योजनाओं के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने के बाद भी राशि जारी नहीं की गई है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सिन्हा ने सोरेन सरकार में हुए बड़े खुलासे पर कहा कि 8 विभागों ने पिछले 1 वर्ष में 26.22 करोड़ रुपए आकस्मिक फंड निकाले जिसमें से लगभग 13 करोड़ की निकासी सिर्फ मार्च 2024 में की गई। हेमंत सोरेन सरकार ने हर तरफ से सरकारी खजाने को लूटा। सोरेन सरकार ने 4536 करोड़ रुपए को राजस्व अनुभाग में दिखाए जाने के बजाय पूंजीगत अनुभाग में दिखाया और खर्च कर दिया। हेमंत सरकार के पास राजस्व का हिसाब नहीं है, लेकिन इनके खर्चे बेहिसाब हैं। कोविड काल के दौरान राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में इतनी खामियां पाई गईं कि दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा से बुरा हाल तो झारखंड की स्वास्थ्य सेवा का है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि मार्च 2022 में मेडिकल अफसर एवं विशेषज्ञों के 61 प्रतिशत और नर्सों के 20 से 25 प्रतिशत पद रिक्त थे। इसके अलावा टीचिंग स्टाफ में 45 प्रतिशत पद रिक्त थे और कम्युनिटी स्वास्थ्य केन्द्रों में 65 से 95 प्रतिशत तक दवाइयों की कमी थी। झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की कमर इतनी टूट चुकी है कि ग्रामीण इलाकों में 50-60 किमी तक लोग शवों को कंधों पर उठाकर ले जाते हैं और हेमंत सोरेन सरकार उस पर भी स्वास्थ्य विभाग में इतना बड़ा घोटाला कर रही है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सिन्हा ने कहा कि इस घोटाले में यह तथ्य अत्यंत रोचक है झारखंड में स्वास्थ्य मंत्री का पद हमेशा कांग्रेस अपने पास रखती है। 2021-22-23 के समय कांग्रेस जमशेदपुर पश्चिम से विधायक बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य मंत्री थे और उस कालखंड की अनियमितताओं के कारण ही वे इस बार चुनाव हारे एवं अभी स्वास्थ्य मंत्री कांग्रेस नेता इरफान अंसारी हैं। कांग्रेस खासतौर पर स्वास्थ्य मंत्रालय को अपने पास रखकर इसमें घोटाला करती है और झारखंड को अपना एटीएम बनाती है। यह प्रश्न राहुल गांधी तक जाता है क्योंकि जहां जहां कांग्रेस सरकार में रहती है, वहां उसका लक्ष्य राज्य के खजाने को लूटना ही होता है और इसी का ताजा उदाहरण झारखंड की सरकार है जहां कांग्रेस प्रतिभागी है।
श्री सिन्हा ने कहा कि 31 जनवरी 2025 को झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के लिए एक तुगलकी फरमान जारी कर आयुष्मान भारत योजना की कवरेज देने वाले अस्पतालों की संख्या में कम कर दिया है। 1 अप्रैल से लागू होने वाले इस तुगलकी फरमान के अनुसार आयुष्मान भारत योजना की कवरेज देने के लिए झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पताल में न्यूनतम बेड संख्या 30 और शहरी क्षेत्रों में 50 होनी चाहिए। अगर जमशेदपुर, रांची, धनबाद, बोकारो और हजारीबाग को छोड़ दिया जाए, तो पूरे झारखंड में केवल 18-20 अस्पताल ही इस मानक को पूरा करते हैं। यह स्पष्ट रूप झारखंड की जनता को आयुष्मान भारत योजना के लाभ से वंचित करने की का एक षड्यंत्र है। यह केजरीवाल या ममता बनर्जी की तरह सीधा इनकार करने का तरीका नहीं है, बल्कि एक घुमा-फिराकर योजना को कमजोर करने की रणनीति है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सिन्हा ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ऐसे प्रावधान ला रही है, जिससे इसका कवरेज मुश्किल ही नहीं, बल्कि लगभग असंभव हो जाएगा। आयुष्मान भारत की शुरुआत झारखंड से ही हुई थी। उस समय, ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे डॉक्टर थे जिन्होंने 2- 2 ,3-3 बेड की क्षमता वाले छोटे-छोटे अस्पताल अपने घरों में खोलकर आयुष्मान भारत के तहत खुद को इस योजना में शामिल किया था। सोरेन सरकार के इस फैसले से रातों रात उन्हें बहुत बड़ा नुकसान होगा और यह झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की क्रूरता को दर्शाता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि झारखंड में पेयजल योजनाओं की हालात बेहद चिंताजनक है और चारों ओर अराजकता फैली हुई है। दो दिन पहले सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे राज्य में पेयजल योजनाओं के लिए इस वर्ष 4,500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 438 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं, यानी मात्र 10% राशि खर्च हुई है। रांची के गेतलसूद डैम की रिंग रोड पाइपलाइन जैसे बड़े प्रोजेक्ट में मात्र 15% काम हुआ है। धनबाद के बाघमारा क्षेत्र में पेयजल योजना के पहले और दूसरे चरण में केवल 20% काम पूरा हुआ है। जमशेदपुर के कई इलाकों में पानी की भारी कमी है और पिछले आठ वर्षों में इन क्षेत्रों में कोई भी ठोस कार्य नहीं हुआ। जब पूरे 4,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन उनमें से केवल 10% ही खर्च हुए, तो बाकी पैसा कहां जा रहा है?
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सिन्हा ने कहा कि झारखण्ड में स्वास्थ्य और पेयजल योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है और इस भ्रष्टाचार की सूची इतनी लंबी है कि इसे सुनाने के लिए 24 घंटे भी कम पड़ेंगे। भ्रष्टाचार के बाद हेमंत सोरेन सरकार की दूसरी नीतियां घोर तुष्टीकरण का उदाहरण हैं। होली के दिन गिरिडीह के गोरथंबा इलाके में विकास शाह नामक व्यक्ति को पुलिस ने बर्बरता से पीटा और उन्हें बुरी तरह जख्मी कर दिया। इसका कारण सिर्फ इतना था कि वह और उनका परिवार एक मुस्लिम बहुल इलाके में होली खेलना चाहता था। इस घटना के बाद श्री बाबूलाल मरांडी और श्री रघुवर दास, पीड़ित परिवार से मिले और उनकी दुर्दशा देखकर हैरान रह गए। झारखंड में ऐसी घटनाएं अब आम हो गई हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि होली के दौरान गिरिडीह में यह घटना घटी और 15 दिन पहले महाशिवरात्रि पर हजारीबाग में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। फर्क सिर्फ नामों का होता है, कहीं पीड़ित विकास शाह होता है, तो कहीं कोई और हिन्दू होता है लेकिन हर साल त्योहारों के दौरान इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसा लगता है कि हेमंत सोरेन भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह यह कहना चाहते हैं कि हिंदू मुस्लिम इलाकों से दूर रहें। हेमंत सोरेन को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से सीख लेनी चाहिए, जहां कुल 75 जिले और 24 करोड़ की जनसंख्या होने के बावजूद ऐसी स्थिति नहीं बनने दी जाती लेकिन कुल 24 जिले और 3.5 करोड़ की जनसंख्या वाले झारखंड में सोरेन सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रहती है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सिन्हा ने कहा कि सोरेन सरकार ने झारखंड के पाकुड़, साहेबगंज और दुमका क्षेत्रों में सरकार ने अवैध घुसपैठ को खुली छूट दे रखी है। बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों को यहां बसने दिया जा रहा है, जिससे इन क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियां भी पनप रही हैं। हाल ही में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़ा एक खूंखार आतंकवादी, अब्दुल मामूल, गिरफ्तार किया गया था। वह 6 जनवरी को मुर्शिदाबाद से पाकुड़ में आकर बसा था और उसने वहाँ 15 लोगों को आतंकी प्रशिक्षण दे रहा था। यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है क्योंकि संथल परगना क्षेत्र में कई आतंकी मॉड्यूल सक्रिय किए जा रहे हैं और राज्य सरकार इन मामलों को नजरअंदाज कर रही है। हेमंत सोरेन सरकार ने केवल एक गिरफ्तारी कर वाहवाही लूटने की कोशिश की, लेकिन कई अन्य घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। झारखंड में जनसंख्या असंतुलन को लेकर लंबे समय से चिंता व्यक्त की जा रही है।
श्री सिन्हा ने कहा कि 30 अक्टूबर को रांची उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि जनसांख्यिकी विकृति के सही कारणों का आकलन करने के लिए एक पैनल का गठन किया जाए, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों के प्रतिनिधि शामिल हों। हालांकि, राज्य सरकार के असहयोग के कारण यह पैनल अब तक गठित नहीं हो पाया है और इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे पहले, जुलाई में भी झारखंड हाईकोर्ट ने पांच विशेष क्षेत्रों, संथल परगना, देवघर, दुमका, पाकुड़ और साहेबगंज का उल्लेख करते हुए स्थिति पर चिंता जताई थी। इन क्षेत्रों को कभी स्वतंत्रता सेनानी सिद्धो-कान्हू की भूमि कहा जाता था, लेकिन आज कुछ लोग इसे औरंगजेब का क्षेत्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बड़ा प्रश्न यह उठता है कि क्या हेमंत सोरेन, बिरसा मुंडा की पवित्र भूमि को औरंगजेब की भूमि में बदलना चाहते हैं?
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सिन्हा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे के खिलाफ विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी थी और भाजपा की यह लड़ाई जारी रहेगी, क्योंकि झारखंड को इस समय बचाना अत्यंत आवश्यक है। क्या कांग्रेस पार्टी ने झारखंड को अपना एटीएम बना लिया है, जैसा कि वह हर राज्य में लूट की प्रक्रिया शुरू करते समय करती है? झारखंड में हमेशा से स्वास्थ्य मंत्री का पद कांग्रेस के पास रहा है, और बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी भी उसी पर आती है। भाजपा मांग करती है कि वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री, इरफान अंसारी, इस पूरे स्वास्थ्य घोटाले की सीबीआई जांच की पेशकश करें। हेमंत सोरेन इस घोटाले की सीबीआई जांच करवाएं,और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को विशेष रूप से कटघरे में खड़ा किया जाए। दूसरा सवाल यह है कि क्या हेमंत सोरेन अपनी तुष्टीकरण और विकृत नीतियों के माध्यम से बिरसा मुंडा की भूमि को औरंगजेब की भूमि बनाना चाहते हैं? भारतीय जनता पार्टी यह किसी भी हाल में नहीं होने देगी।
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