
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
चित्रा सुब्रमनियम जी की किताब में बोफोर्स घोटाले से जुड़े तथ्य उजागर करते हैं कि राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने भी दलाली की और देश से गद्दारी भी की।
*******************
बोफोर्स दलाली राजीव गांधी और सोनिया गांधी के दामन पर ऐसा दाग है, जो कभी मिटने वाला नहीं है।
*******************
इटली के कारोबारी एवं नागरिक ओटावियो क्वात्रोची का राजीव गांधी से गहरा संबंध था। क्वात्रोची खुलेआम दावा करता था कि भारत में अगर किसी भी कंपनी को कोई रक्षा समझौता या ठेका चाहिए, तो वह उसे दिलवा सकता है।
*******************
जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे, तब रक्षा सौदों से जुड़ी सभी फाइलें मंत्रालय में जाने से पहले ओटावियो क्वात्रोची के पास जाती थीं। वह उन फाइलों में बदलाव और आवश्यक संशोधन करता था ताकि ठेका किसी विशेष कंपनी को ही मिले।
*******************
जब इन दलालों के बैंक खातों को फ्रीज किया गया, तो यूपीए सरकार ने सीबीआई को इस मामले में स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोका और ओटावियो क्वात्रोची के बैंक खातों को डीफ्रीज करवाया।
*******************
देश की जनता और भारत की सेना के साथ खड़ा होने की बजाय नकली गांधी परिवार ओटावियो क्वात्रोची जैसे दलालों के साथ खड़ा था।
*******************
जब भारतीय जवान बुलेटप्रूफ जैकेट की मांग कर रहे थे, तब कांग्रेस सरकार ने एक और अगस्टा वेस्टलैंड नामक घोटाला कर दिया। सोनिया गांधी अपने लिए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर का इंतजाम कर रही थीं, जबकि देश के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर देश की रक्षा कर रहे थे और उनके पास बुलेटप्रूफ जैकेट तक नहीं थे।
*******************
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को स्पष्ट करना होगा कि वे देश और सेना के साथ खड़े हैं, या भ्रष्टाचार में लिप्त सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ?
*******************
सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए और भारत की जनता के सामने पूरे मामले का खुलासा करना चाहिए।
*******************
सोनिया गांधी भ्रष्टाचार के आरोपों में बेल पर बाहर हैं, राहुल गांधी भी और उनके दामाद भी बेल पर बाहर हैं। अगर विश्व में कोई सबसे भ्रष्ट परिवार है, तो वह गांधी परिवार है।
*******************
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकार एवं लेखिका चित्रा सुब्रमनियम की किताब में बोफोर्स घोटाले से जुड़े तथ्यों का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार की बोफोर्स घोटाले में संलिप्तता को लेकर जमकर आलोचना की। श्री भाटिया ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इटली के कारोबारी एवं नागरिक ओटावियो क्वात्रोची से अपने संबंधों का पूरा खुलासा होने तक अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
श्री भाटिया ने कहा कि कांग्रेस का भ्रष्टाचार और दलाली किसी से छिपी नहीं है। यह जगजाहिर है कि गांधी परिवार केवल कमीशनखोरी करता है लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि नकली ‘गांधी’ परिवार देश और नागरिकों के साथ गद्दारी भी करता है। पत्रकार एवं लेखिका चित्रा सुब्रमनियम जी की किताब में जो तथ्य सामने आए हैं वो उजागर करते हैं कि किस तरह से राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने आर्म्स डील में दलाली भी की और देश से गद्दारी भी। इस किताब में बोफोर्स घोटाले से जुड़ी नई और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि रक्षा सौदे से जुड़ा यह बड़ा घोटाला पहले उजागर हुआ था, लेकिन नकली ‘गांधी’ परिवार ने इसे दबाने का भरपूर प्रयास किया। अगर इस पूरे मामले को संक्षेप में कहें तो बोफोर्स दलाली राजीव गांधी और सोनिया गांधी के दामन पर ऐसा दाग है, जो कभी मिटने वाला नहीं है। अब जो नए तथ्य सामने आए हैं, वे न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा है, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि सबसे पहला तथ्य सामने आया है कि ओटावियो क्वात्रोची नाम के इटालियन नागरिक एवं कारोबारी का राजीव गांधी से गहरा संबंध था। यह इटालियन कनेक्शन कोई संयोग नहीं है। यह कहना गलत नहीं होगा कि राजीव गांधी और ओटावियो क्वात्रोची के संबंध सगे भाइयों की तरह थे। उनकी निकटता इतनी अधिक थी कि ओटावियो क्वात्रोची खुलेआम दावा करता था कि भारत में अगर किसी भी कंपनी को कोई रक्षा समझौता या ठेका चाहिए, तो वह उसे दिलवा सकता है। वह जिस भी कंपनी से संपर्क करता था, चाहे वह बोफोर्स हो या कोई अन्य, उन्हें यह गारंटी देता था कि सौदा पक्का होगा, क्योंकि उसका सीधा संबंध राजीव गांधी और सोनिया गांधी से था। अब जो सबसे गंभीर और चिंताजनक तथ्य सामने आया है, वह यह है कि जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे, तब रक्षा सौदों से जुड़ी सभी फाइलें मंत्रालय में जाने से पहले ओटावियो क्वात्रोची के पास जाती थीं। वह उन फाइलों में बदलाव और आवश्यक संशोधन करता था, ताकि ठेका विशेष रूप से किसी एक कंपनी को ही मिले। इन संशोधित फाइलों को फिर मंत्रालय में भेज दिया जाता था, जहां उस पर औपचारिक मुहर लगाई जाती थी, और अंत में राजीव गांधी उस पर अपनी स्वीकृति देते थे।
श्री भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री, मंत्री और सांसद सभी संविधान की शपथ लेते हैं और प्रधानमंत्री एवं मंत्री तो गोपनीयता की भी शपथ लेते हैं। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी मंत्री अपने विचाराधीन मामलों या अपनी जानकारी में आने वाली किसी भी संवेदनशील जानकारी को किसी अन्य व्यक्ति या संस्था के साथ साझा नहीं करेगा, सिवाय उसके जो उसके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के लिए आवश्यक हो। तो फिर यह संवेदनशील और गोपनीय फाइलें ओटावियो क्वात्रोची के पास क्यों भेजी जा रही थीं? सबसे दुखद बात यह है कि ऐसे दलालों का भारत में क्या काम था? उनकी एकमात्र विशेषता यही थी कि वे इटली से थे, ठीक वैसे ही जैसे सोनिया गांधी उर्फ एंटोनियो माइनो थी और उनके परिवार के घनिष्ठ मित्र थे। जिन लोगों को देश की जनता और भारत की सेना के साथ खड़ा होना चाहिए था, वो नकली ‘गांधी परिवार’ ओटावियो क्वात्रोची जैसे दलालों के साथ खड़ा था, जिन्हें जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए था।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि यह कितना चिंताजनक है कि आर्म्स डील करने वाले एक मिडलमैन का प्रभाव इतना अधिक था कि वह सीधे प्रधानमंत्री राजीव गांधी से संपर्क कर सकता था और विभिन्न कंपनियों को यह भरोसा दिला सकता था कि वह उन्हें ठेका दिलवा सकता है। इससे भी गंभीर बात यह है कि जब इन दलालों के बैंक खातों को फ्रीज किया गया, तो यूपीए सरकार के दौरान सीबीआई को इस मामले में स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोका गया। भारत के अधिकारियों को भेजकर यह सुनिश्चित किया गया कि ओटावियो क्वात्रोची के बैंक खातों को डीफ्रीज किया जाए। 2005 के अंत और 2006 की शुरुआत में, ये खाते डीफ्रीज कर दिए गए और जब कांग्रेस का गांधी परिवार इस चोरी में पकड़ा गया, तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सवाल किया गया कि ऐसा क्यों हुआ? तब, 1 फरवरी 2006 के अपने वक्तव्य में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जवाब दिया कि यह सीबीआई का निर्णय है।
श्री भाटिया ने कहा कि क्या यह देश के साथ गद्दारी नहीं है? सोनिया गांधी और राहुल गांधी को देश की जनता को यह बताना चाहिए, क्योंकि जनता मानती है कि यह देश के साथ गद्दारी है, जो राजीव गांधी ने की और अब उन्होंने की है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी जब तक ओटावियो क्वात्रोची परिवार के साथ अपने संबंधों का पूरा खुलासा नहीं कर देते, तब तक उन्हें सांसद के पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए। यह कम से कम वे इस देश की जनता के लिए कर सकते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि इसके साथ ही 1984 से 1988 तक स्वीडन में रहने वाले तत्कालीन भारतीय राजदूत ने कहा है कि राजीव गांधी इस पूरे मामले के किंगपिन थे और ओटावियो क्वात्रोची के बेहद करीबी थे। इसके अलावा, सीएजी की एक रिपोर्ट भी आई थी, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि प्रतिस्पर्धी गन्स के मूल्यांकन में गंभीर खामियां थीं। जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट (GSQR) ठीक से तैयार नहीं किया गया था। क्या यह एक गंभीर आरोप नहीं है? क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस मामले में सफाई नहीं देनी चाहिए? यह अब स्पष्ट हो चुका है कि गांधी परिवार और ओटावियो क्वात्रोची परिवार का रिश्ता बहुत गहरा था। यह एक पिज्जा की तरह है, जिसमें एक ‘बेस’ है और दूसरा ‘चीज’, दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि ओटावियो क्वात्रोची के खातों को सोनिया गांधी के निर्देश पर यूपीए शासन के दौरान डीफ्रीज किया गया था। इसके अलावा, कांग्रेस सरकार ने ओटावियो क्वात्रोची को देश छोड़कर भागने की अनुमति भी दी थी। इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि कई असहज करने वाले तथ्य सामने आ रहे थे, जो यह साबित कर रहे हैं कि राजीव गांधी और सोनिया गांधी इस घोटाले में संलिप्त थे और उन्होंने इसमें कमीशन और किकबैक लिया।
श्री भाटिया ने कहा कि अब यह सवाल भी उठता है कि आखिर राफेल डील दस साल तक क्यों लंबित रही, जबकि भारतीय वायुसेना इसकी मांग कर रही थी? ऐसा प्रतीत होता है कि गांधी परिवार अपने कमीशन का इंतजार कर रहा था। हर रक्षा सौदे में गांधी परिवार का मकसद अपनी तिजोरी को काली कमाई से भरना था। जब भारतीय जवान बुलेटप्रूफ जैकेट की मांग कर रहे थे, तब कांग्रेस सरकार के दौरान रक्षा सौदे में अगस्टा वेस्टलैंड नामक एक और घोटाला हुआ। उस समय सोनिया गांधी अपने लिए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर का इंतजाम कर रही थीं, जबकि हमारे जवान अपनी जान जोखिम में डालकर देश की रक्षा कर रहे थे और उनके पास बुलेटप्रूफ जैकेट तक नहीं थे। जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आई, तब 2,30,000 बुलेटप्रूफ जैकेट सुनिश्चित किए गए और जवानों को दिए गए। यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या हर रक्षा सौदे में देरी कमीशनखोरी के कारण होती थी?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि उस समय यह घोटाला करीब 1,500 से लेकर 2,000 करोड़ रुपये का था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने अपने निजी खर्चे के लिए कितनी कमीशन ली? नकली गांधी परिवार और ओटावियो क्वात्रोची परिवार के बीच का यह रिश्ता क्या कहलाता है? सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ओटावियो क्वात्रोची परिवार के साथ अपने संबंधों का पूरा खुलासा होने तक अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। देश की जनता मानती है कि अगर विश्व में कोई सबसे भ्रष्ट परिवार है, तो वह गांधी परिवार है। सोनिया गांधी भ्रष्टाचार के आरोप में बेल पर बाहर हैं, राहुल गांधी और उनके दामाद भी बेल पर बाहर हैं। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से सवाल पूछे कि मल्लिकार्जुन खड़गे देश और सेना के साथ खड़े हैं, या भ्रष्टाचार में लिप्त सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ खड़े रहकर उनका बचाव करेंगे?
श्री भाटिया ने कहा कि कोई भी नेता, चाहे वह किसी भी दल का हो, सबसे पहले उसे देश के साथ खड़ा होना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए, विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष के पद से, और भारत की जनता के सामने पूरे मामले का खुलासा करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता, तो यह माना जाएगा कि रिमोट कंट्रोल के अध्यक्ष में रीड की हड्डी नहीं है, उन्हें गांधी परिवार से यह अहम सवाल पूछने का साहस नहीं है और उन्हें भारत की जनता को सभी प्रश्नों के उत्तर देने के लिए विवश कर सके।
*******************
To Write Comment Please लॉगिन