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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज शनिवार को केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा केंद्र सरकार के अध्यादेश को गैर-संविधानिक बताने पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे जिस संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने हैं, वे उसे ही तार-तार कर रहे हैं। केजरीवाल जी न तो संविधान को पढ़ते हैं और ना ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझ पाते हैं। उन्हें सिर्फ जनता के बीच में भ्रम और अराजकता फैलाना आता है।
श्री भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी की प्रेसवार्ता सुनने के बाद एक ही निष्कर्ष निकलता है कि वे खुद को संविधान से ऊपर समझने लगे हैं। श्री भाटिया ने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि भारत सरकार ने एक अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार में कार्यरत अधिकारियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर काम करने का अवसर दे रही है तो केजरीवाल जी को क्यों परेशानी हो रही है? जबकि यह अध्यादेश जनहित में है।
अरविंद केजरीवाल को तानाशाह बताते हुए श्री भाटिया ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार दिल्ली एक यूनियन टैरिटरी है। जनता आपको बताना चाहती है कि दिल्ली भारतीय संविधान से चलेगा, ना कि केजरीवाल के कानून से चलेगा। केजरीवाल सरकार द्वारा जंगलराज फैलाना और संविधान को दरकिनार कर देना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 123 की शक्ति का प्रयोग करते हुए दिल्ली सकार में पदास्थापित अधिकारियों के पोस्टिंग से सम्बंधित एक अध्यादेश लाया है। अनुच्छेद 123 में स्पष्ट लिखा है कि जब संसद नहीं चल रहा है तो काननू के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है और जब संसद चलेगी तो उसके दोनो सदनों में उसे पारित कराया जाएगा। केजरीवाल जी को शायद यह भी जानकारी नहीं है। केन्द्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 239 एए के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली के लिए अध्यादेश जारी किया है, क्योंकि दिल्ली एक यूनीयन टेरिटरी है, ना कि पूर्ण राज्य है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट केआदेश का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली में पदाधिकारियों के पदस्थापन के लिए निर्धारित कानून बनाने की जरूरत जतायी गयी थी। केन्द्र सरकार के पास इससे संबंधित कानून बनाने की शक्ति है। जब केन्द्र सरकार कानून लाएगी तो वह केजरीवाल के लिए मान्य होगा, क्योंकि केन्द्र सरकार के तहत ही दिल्ली को चलना है।
भाजपा के राष्टीय प्रवक्ता ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ के फैसले को भी नहीं पढ़ा है। वे इस आदेश को शायद इसलिए नहीं पढ़ा होगा कि यह 105 पन्नों का है। संभवतः इस वजह से पढ़ नहीं सके होंगे कि अरविंद केजरीवाल जी शराब के ठेकेदारों के साथ समय बिता रहे होंगे। वे शराब ठेकेदारों से पूछकर शराब नीति लाने और भ्रष्टाचार करने में व्यस्त होंगे। वहीं, मुख्यमंत्री बनने के बाद अरविंद केजरीवाल शराब नीति की एक-एक शब्द पढ़ते हैं, क्योंकि उन्हें वसूली करना और भ्रष्टाचार व घोटाले छुपाना हैं।
केजरीवाल पर जनता के बीच में भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए श्री भाटिया ने कहा कि केजरीवाल जी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की छुट्टी के बाद इस अध्यादेश को लाया गया है। यह पहले क्यों नहीं लाया गया? अरविंद केजरीवाल जी ने यह भी कहा कि अदालत में यह अध्यादेश पांच मिनट में उड़ जाएगा। श्री भाटिया ने केजरीवाल को सलाह देते हुए कहा कि यह देश का सर्वोच्च न्यायालय है और जहाँ वैकेशन बेंच होती है। यदि केजरीवाल जी को लगता है कि यह अध्यादेश गैर-संवैधानिक है तो अपने अधिवक्ता द्वारा इसके खिलाफ याचिका दायर कराए। सुप्रीम कोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
श्री भाटिया ने कहा कि यह अध्यादेश पूरी तरह से संवैधानिक है। दिल्ली का महत्व भारत और हर भारतीय को ध्यान में रखते हुए अध्यादेश लाया गया है। दिल्ली में संसद भवन, राष्ट्रपति जी का आवास, सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया, विदेशी दूतावास समेत बड़े-बड़े संस्थानों के कार्यालय हैं।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी कट्टर बेईमान तो हैं हीं, अब उनकी भाषा भी अजीब हो गयी है। वे प्रेसवार्ता में बोलते हैं कि एलजी को बिठा दिया गया है। उनको सम्मान के साथ बताना चाहेंगे कि जिस संविधान ने केजरीवाल जी को मुख्यमंत्री बनाया है उसी संविधान के तहत दिल्ली में एलजी नियुक्त हुआ है। यदि केजरीवाल जी एलजी का सम्मान नहीं करेंगे तो जनता भी उनका सम्मान नहीं करेगी। अरविंद केजरीवाल को लगता है कि वे विधानसभा चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बन गए हैं, तो उन्हें संविधान के विपरीत काम करने की छूट मिल गयी है और वे प्रधानमंत्री, एलजी सहित किसी को भी खुलेआम अपशब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कट्टर बेईमान केजरीवाल जी अपने अधिकारियों को डरा रहे हैं, जो उनके शराब घोटाले की जांच करता है। यह आम आदमी पार्टी नहीं है बल्कि अपराध अराजक पार्टी है। अरविंद केजरीवाल जी को लगता है कि तानाशाह केजरीवाल जो कहेंगे, वह वह देश के संविधान से उपर होगा, तो लोकतांत्रिक देश में यह संभव नहीं है और जनता सब देख रही है। केजरीवाल जी स्चयं को “छोटे लोग” बताते हैं, यह तो जनता तय करेगी, वे क्या हैं? किन्तु उनके क्तव्य से यही लगता है कि केजरीवाल जी की सोच बहुत छोटी, संविधान विरोधी और अराजक है।
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