Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi (MP).


द्वारा डॉ. सुधांशु त्रिवेदी -
04-01-2025
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्य सभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली की जनता पर थोपे गए आपदाओं की श्रृंखला में से एक आपदा के बारे में हर दिन भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की जनता को बताएगी।

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आज दिल्ली वित्तीय आपदाओं से घिरी हुई है और आप-दा सरकार ने दिल्ली की संपदा को मनमाने तरीके से लूटा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में वित्तीय अनियमितता अपने चरम पर पहुंच गयी है।

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जनता की गाढ़ी कमाई यानि टैक्सपेयर की संपदा लूटते हुए और वित्तीय कुप्रबंधन की पराकाष्ठा पार करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को भीषण आर्थिक आपदा में डाल दिया है।

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दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के रूप में गंभीर आपदा आई हुई है। दिल्ली की जनता इनके द्वारा लाई गई आपदाओं की श्रृंखला को विगत 10 वर्षों से सहन कर रही है।

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अरविंद केजरीवाल ने जब दिल्ली में सत्ता संभाली थी, तब दिल्ली का बजट प्रॉफिट बजट होता था। वर्ष 2024-25 ऐसा पहला वित्तीय वर्ष होने जा रहा है, जब दिल्ली घाटे की तरफ बढ़ रहा है। राजस्व लाभ में चलने वाली दिल्ली अब राजस्व घाटे की गिरफ्त में गई है।

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वर्ष 2024-25 के लिए दिल्ली सरकार ने नेशनल स्मॉल सेविंग फंड (एनएसएसएफ) से 10,000 करोड़ रुपए के ऋण का आवेदन दिया है। ये बताता है कि किस तरह अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को खोखला कर दिया है।

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आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2016-17 में भी एनएसएसएफ से 2,896 करोड़ रुपए का ऋण लिया था। पिछले तीन वर्षों में ऋण की यह राशि बढ़ते-बढ़ते 11 हजार करोड़ रुपए हो गयी है। अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली तबाह हो गई है।

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2014-15 में दिल्ली का राजस्व लाभ 1.65% जो गिर कर अब केवल 0.3% रह गया है 2024-25 में दिल्ली का राजस्व लाभ पहली बार निगेटिव में जाता हुआ दिख रहा है।

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केजरीवाल सरकार ने दिल्ली का खजाना लूटने और खजाना खाली करने में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। पिछले 10 वर्षों में दिल्ली का राजस्व लाभ निरंतर गिरा है और अब दिल्ली वित्तीय घाटे के मुहाने पर गई है।

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केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त होने वाले ग्रांट-इन-ऐड पर दिल्ली सरकार की निर्भरता तीन गुणे से अधिक हो गयी है। 2014-15 में दिल्ली का टैक्स संग्रहण जीडीपी का लगभग 5.4% था, जो घटते-घटते 3.9% पर गया है जबकि देश के राज्यों का टैक्स संग्रहण औसतन 6.2% है।

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आम आदमी पार्टी की सरकार जहां है, वहां की वित्तीय स्थिति खराब हुई है। पंजाब का भी राजस्व घाटा बढ़ता जा रहा है जबकि निवेश की संभावना कम होती जा रही है, जबकि पंजाब एक फुल स्टेट है। आज ही पंजाब की महिलाएं भी केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं।

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 आम आदमी पार्टी ख्वाबों एवं ख्यालों में सोचती है कि दिल्ली में उसकी सरकार आएगी। यदि गलती से भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई तो ऐसी स्थिति होगी कि किसी भी विकास कार्य और गरीब कल्याण के लिए कोई धन ही नहीं होगा

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विपदा थोड़े दिन की अच्छी होती है, क्योंकि क्या अच्छा है, क्या बुरा है, क्या हित में है, क्या अहित में है, यह सबकुछ दिखाई पड़ जाता है। मगर दिल्ली में यह विपदा-आपदा बहुत लंबी हो गयी है। अब यह आपदा दस वर्ष की हो गयी है। दिल्ली की जनता को अब जागृत होकर इस आपदा से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करना होगा।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और अरविंद केजरीवाल एवं आम आदमी पार्टी की सरकार पर तीखा प्रहार करते इसे दिल्ली की आपदा बताया। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई यानि टैक्सपेयर की संपदा लूटते हुए और वित्तीय कुप्रबंधन की पराकाष्ठ पार करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को भीषण आर्थिक आपदा में डाल दिया है।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली में जिस प्रकार की भीषण परिस्थिति चल रही है, उस पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि दिल्ली में गंभीर आपदा आयी हुई है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल द्वारा आपदाओं की एक श्रृंखला है, जिसे गत 10 वर्षों से दिल्ली की जनता सहन कर रही है। भारतीय जनता पार्टी प्रति दिन इसमें से एक आपदा के बारे में जनता को बताएगी। आज दिल्ली वित्तीय आपदाओं से घिरी हुई है और आप-दा सरकार ने दिल्ली की संपदा को मनमाने तरीके से लूटा है।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली संभवत सबसे बेहतर वित्तीय स्थिति वाले राज्यों में से एक माना जाता था। दिल्ली प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय भी बेहतर होती है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा यहां के अधिकांश सुविधाओं का खर्च वहन किया जाता है। अरविंद केजरीवाल ने जब दिल्ली में सत्ता संभाली, तब दिल्ली का बजट प्रॉफिट बजट होता थावर्ष 2024-25 पहला वित्तीय वर्ष होने जा रहा है जब दिल्ली घाटे की तरफ बढ़ रहा है। वित्तीय घाटा बहुत बड़ी चुनौती लेकर आया है, उसका प्रमाण यह है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दिल्ली सरकार ने नेशनल स्मॉल सेविंग फंड (एनएसएसएफ) से 10 हजार करोड़ रुपए का ऋण लेने के लिए आवेदन दिया है।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि यह परिस्थिति अचानक या तुरंत नहीं बनी है, बल्कि पिछले दस वर्षों में उत्तरोत्तर दिल्ली की वित्तीय स्थिति खराब होती चली गयी है। 2014-15 और 2015-16 में दिल्ली का राजस्व लाभ 1.65 प्रतिशत था, जिसे सामन्य शब्दों में कहे तो व्यय की तुलना में दिल्ली सरकार की आय लगभग 1.5 प्रतिशत अधिक थी, यानि दिल्ली की आर्थिक स्थिति अच्छी थी। इसके बाद दिल्ली का राजस्व लाभ गिरना शुरू हो गया। वर्ष 2016-17 में राजस्व लाभ 0.85 प्रतिशत हो गया। इसके बाद दिल्ली का राजस्व लाभ 0.72 प्रतिशत पर आ गया और एक बार फिर से उठकर 0.95 पर पहुंचा। इसके बाद 2020-21 में दिल्ली का राजस्व लाभ गिरकर 0.19 प्रतिशत पर पहुंच गया और इसके बाद 0.3 पर पहुंचा। अब वर्ष 2024-25 में दिल्ली का राजस्व लाभ निगेटिव में जाता हुआ दिख रहा है। अर्थात दिल्ली को होने वाला वित्तीय घाटा को कोई अनायास या अचानक होने वाली परिस्थिति के कारण नहीं हुआ है। ये आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले दस सालों में दिल्ली का राजस्व लाभ निरंतर गिरते चला गया है और दिल्ली वित्तीय घाटे की ओर बढ़ गयी है।

 

भाजपा सांसद ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस बार नेशनल स्मॉल सेविंग फंड से 10 हजार करोड़ रुपए ऋण लेने के लिए आवेदन दिया है, वो पहली बार नहीं है। बल्कि आप सरकार ने 2016-17 में 2,896 करोड़ रुपए का ऋण लिया था। पिछले तीन वर्षों में यह राशि बढ़ते-बढ़ते 11 हजार करोड़ रुपए हो गयी है। सिर्फ वित्तीय वर्ष 2024-25 में दस हजार करोड़ रुपए का ऋण लेने के लिए आवेदन दिया है। यह स्पष्ट करता है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली का खजाना लूटने और खजाना खाली करने में कितना कीर्तिमान स्थापित किया है।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार से दिल्ली को मिलने वाली सहायता यानि ग्रांट-इन-ऐड का स्वरूप यह हो गया है कि दिल्ली सरकार की ग्रांट-इन-ऐड पर निर्भरता उतरोत्तर बढ़ती जा रही है। 2014-15 में दिल्ली को जीडीपी का 0.47 प्रतिशत ग्रांट-इन-ऐड मिला था। 2020-21 में दिल्ली को जीडीपी का 1.54 प्रतिशत ग्रांट इन ऐड मिला। अर्थात सहज शब्दों में कहे तो केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त होने वाले धन पर दिल्ली सरकार की निर्भरता तीन गुणे से अधिक हो गयी। राजस्व लाभ में चलने वाली दिल्ली का बजट अब राजस्व घाटे की गिरफ्त में आ गया।

 

भाजपा के राष्ट्रीय  प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली के टैक्स संग्रहण में भी निरंतर गिरावट आयी है। टैक्स संग्रहण में प्रदेश सरकार की क्षमता एवं योग्यता का प्रदर्शन होता है। वर्ष 2014-15 में दिल्ली का टैक्स संग्रहण जीडीपी के लगभग 5.4 प्रतिशत था। यानि कुल उत्पाद के 5.4 प्रतिशत टैक्स संग्रहण होता था जो निरंतर घटते-घटते 3.9 प्रतिशत पर पहुंच गया है जबकि देश के राज्यों का टैक्स संग्रहण औसतन 6.27 प्रतिशत है, यानि राज्यों में जीडीपी का 6.27 प्रतिशत राजस्व वसूली की जाती है और दिल्ली में राजस्व वसूली देश के राज्यों की तुलना में आधे की ओर बढ़ रही है।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में वित्तीय अनियमितता अपने चरम पर पहुंच गयी है। दिल्ली के जनता की गाढ़ी कमाई यानि टैक्सपेयर की संपदा को लूटते हुए और वित्तीय कुप्रबंधन करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को भीषण आर्थिक आपदा में डाल दिया है।

 

भाजपा के राष्ट्रीय  प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार जहां है वहां की वित्तीय स्थिति खराब हुई है। पंजाब में तीन साल पहले जो निवेश आता था और आज कितना निवेश हो गया है, यह तो देखने का विषय है, जबकि पंजाब एक फुल स्टेट है। आज ही पंजाब की महिलाएं भी केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली का खजाना लूटकर खाली कर दिया है। भाजपा की सरकार दिल्ली में आएगी तो वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा कि दिल्ली के खाली खजाने को किस तरह से भरे। आम आदमी पार्टी ख्वाबों एवं ख्यालों में सोचती है कि दिल्ली में उसकी सरकार आएगी। यदि गलती से भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई तो ऐसी स्थिति होगी कि किसी भी विकास कार्य और गरीब कल्याण के लिए कोई धन ही नहीं होगा

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल कहते हैं कि वे गरीबों को देना चाहते हैं। कैसे फ्री का दिया जाता है यह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोजी जी से सीखने की जरूरत है। केजरीवाल ने बिजली फ्री देने की बात की और निजी बिजली कंपनियों को कितना भुगतान होता था, यह घोटाला सबके सामने चुका है। क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार बिजली कंपनियों को भुगतान कर रही है। बिजली फ्री देना है तो प्रधानमंत्री जी की योजना देखनी चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने सूर्य घर योजना शुरू की। यानि कोई भी अपने घर पर सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा कर सकता है। अबतक 7.5 लाख घरों पर सोलर पैनाल लगाकर बिजली उत्पादन हो रहा है। अर्थात, सोलर पैनल से बिजली टोटली फ्री, खजाने पर बोझ और ही पर्यावरण पर बोझ। सही मायने में क्लीन एनर्जी और फ्री एनर्जी। जो अस्थायी तौर पर फ्री बिजली, जिसके लिए कोई डरा भी नहीं सकता है, इनके रहने पर फ्री मिलेगा और उनके रहने पर फ्री नहीं मिलेगा। इसके अलावा सोलर पैनल से किसी घर में खपत से ज्यादा बिजली उत्पादन हो तो बिजली विभाग उसे खरीद भी लेगा। यानि जनता को बिजली फ्री मिलेगी और आमदनी की संभावना भी है।

 

भाजपा सांसद ने कहा कि जो लोग अपने आप को ज्यादा पढ़े-लिखे होने का दावा करते हैं, उन्हें सिर्फ खजाना लूटना आता है, खजाना खाली करना आता है और दिमाग खाली रखकर आते हैं, जबकि उन्हें अपना दिमाग का प्रयोग करना चाहिए। सूर्य घर योजना कैसे लाया गया। जब आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बनी तो सोलर एलायंस बना। प्रोडक्ट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट के माध्यम से सोलर पैनल उत्पादन शुरूरू कराया गया। पहले सोलर पैनल विदेशों से देश में आयात होता था। इन सबके बाद 22 जनवरी 2024 को जिस दिन अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा थी, उस दिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सूर्य घर योजना का शुभारंभ किया। इससे समझना चाहिए कि वित्तीय प्रबंधन एवं सफलता के साथ किस ढंग से विकास किया जाता है और जनता को किस ढंग से मुफ्त सेवाएं दी जा सकती है।

 

डॉ त्रिवेदी ने अंत में कहा कि दिल्ली और देश की जनता को सोचना चाहिए कि नई राजनीति का प्रयोग करने वाले कैसे होते हैं। रहीम के इस दोहे से यह समझने की जरूरत है-

 

रहिमन विपदा ही भली, जो थोरे दिन होय।
 हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय॥

 

अर्थात, विपदा थोड़े दिन की अच्छी होती है, क्योंकि क्या अच्छा है, क्या बुरा है, क्या हित में है, क्या अहित में है, यह सबकुछ दिखाई पड़ जाता है। मगर दिल्ली में यह विपदा-आपदा बहुत लंबी हो गयी है। अब यह आपदा दस वर्ष की हो गयी है। दिल्ली की जनता को अब जागृत होकर इस आपदा से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करना होगा। भारतीय जनता पार्टी आश्वस्त है कि दिल्ली की जनता इस आपदा के निवारण में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

 

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