भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
2012-13 में अरविंद केजरीवाल CAG रिपोर्ट लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया करते थे। उसी के आधार पर उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ दिल्ली में सरकार बनाई। इसलिए अरविंद केजरीवाल CAG रिपोर्ट की अहमियत जानते होंगे।
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केजरीवाल के घर की रीमॉडलिंग पर 7.61 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था, लेकिन टेंडर 8.62 करोड़ रुपए में जारी किया गया, यानी टेंडर की लागत 13.21% ज्यादा थी, जो टेंडर प्रक्रिया में घोटाले का संकेत है।
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केजरीवाल का 'शीश महल' 2022 में 33 करोड़ 66 लाख रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ। लागत अनुमानित राशि से 342.31% ज्यादा थी।
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अरविंद केजरीवाल एक तरफ तो साधारण शर्ट, पेन और चप्पल पहनकर घूमते हैं, लेकिन दूसरी तरफ वे रेशमी कालीन पर चलते हैं और उसी पोशाक में मिनी बार रखते हैं। ऐसा व्यक्ति दुनिया में कहीं भी न देखा गया होगा
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सीएजी रिपोर्ट से पता चलता है कि मानदंडों के अनुसार सलाहकारों के लिए कोई विज्ञापन नहीं किया गया था। इसके बजाय, स्पॉट कोटेशन का उपयोग किया गया और बिना किसी विनिर्देश या चयन के आधार पर तीन सलाहकारों को निविदा के लिए पहले से ही चुना गया
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निर्मित क्षेत्र के लिए प्रारंभिक अनुमान 1397 वर्ग फीट था, लेकिन इसे रातोंरात बदलकर 1905 वर्ग फीट कर दिया गया, जो 36% की वृद्धि दिखाताहै। कोई विज्ञापन नहीं था, कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी और प्रक्रिया बिना किसी उचित प्रक्रिया के पूरी की गई थी
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सीएजी रिपोर्ट ने समझौते की मात्रा में विचलन को उजागर किया, जिसमें कई मदों पर सवाल उठाए गए। इन विचलनों के परिणामस्वरूप, लगभग ₹10 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा
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अरविंद केजरीवाल को ‘विज्ञापन बाबा’ कहा जाना चाहिए, क्योंकि CAG ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि विभिन्न कार्यक्रमों के लिए विज्ञापन अभियानों पर व्यय संबंधित विभागों द्वारा खर्च की गई राशि से कई गुना अधिक थी
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अरविंद केजरीवाल ने अपने निजी आवास पर खर्च करने और अपने राजनीतिक हितों की रक्षा करने को प्राथमिकता दी है, जबकि जनता की जरूरतों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया । यह अरविंद केजरीवाल की पार्टी की असली प्रकृति को दर्शाता है
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में सीएजी रिपोर्ट के हवाले से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शीशमहल निर्माण और विज्ञापन कथित में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए जमकर आलोचना की।
डॉ पात्रा ने कहा कि 2012 और 2013 में अरविंद केजरीवाल रोज सीएजी की रिपोर्ट लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया करते थे। सीएजी रिपोर्ट के आधार पर ही अरविंद केजरीवाल ने तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार को हटाकर अपनी सरकार बनायी थी। स्वाभाविक रूप से अरविंद केजरीवाल सीएजी रिपोर्ट का महत्व समझते होंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि सीएजी ने शीशमहल पर रिपोर्ट दी है, जिसे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने लिए सरकारी आवास के रूप में बनवाया था। केजरीवाल कहते थे कि कुछ नहीं लेंगे, सरकारी बंगला नहीं लेंगे, गाड़ी नहीं लेंगे और मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने किस प्रकार से दोनो हाथों से बटोरा और भ्रष्टाचार किया, सीएजी रिपोर्ट में उनके काले चिट्ठे का खुलासा हो गया है। केजरीवाल जी के निर्धारित सरकारी आवास का पता है- 6 फ्लैग स्टॉफ रोड।
डॉ पात्रा ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, 17 मार्च 2020 को दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी ने एक प्रस्ताव दिया कि मुख्यमंत्री आवास 6 फ्लैग स्टॉफ रोड का रिमॉडलिंग करना होगा, जिसमें तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल रहते थे। इस रिमॉडलिंग प्रक्रिया में एक मंजिला सरकारी आवास को तोड़कर दो मंजिला सरकारी आवास बनाया जाएगा। एक दिन के अंदर ही पीडब्ल्यूडी के इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गयी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा सीएम आवास के रिमॉडलिंग के लिए इस्टीमेटेड कॉस्ट- 7.61 करोड़ रुपए दिया गया। इसके बाद, तत्कालीन केजरीवाल सरकार के पीडब्ल्यूडी द्वारा सीएम आवास के रिमॉडलिंग के लिए टेंडर निकाला गया, जिसमें रिमॉडलिंग खर्च 8.62 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया। इस्टीमेटेड कॉस्ट निर्धारित करने से लेकर टेंडर निकालने की प्रक्रिया में ही घोटाला हो गया, यानि इस्टीमेटेड कॉस्ट की तुलना में टेंडर कॉस्ट को 13.21 प्रतिशत बढ़ा दिया गया।
डॉ पात्रा ने कहा कि अप्रैल 2022 में सीएम आवास रिमॉडलिंग का काम पूर्ण हुआ। यानि, जब दुनिया और भारत वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रही थी, तब दिल्ली सरकार शीश महल तैयार करने में व्यस्त थी।
2022 में दिल्ली के सीएम आवास रिमॉडलिंग पर कुल भुगतान 33.66 करोड़ रुपए खर्च किया गया। अर्थात इस्टीमेटेड कॉस्ट 7.61 करोड़ रुपए की तुलना में शीशमहल के लिए 342.31 प्रतिशत अधिक राशि का भुगतान किया गया। टेंडर राशि 8.62 करोड़ रुपए की तुलना में शीशमहल के लिए 290.49 प्रतिशत अधिक राशि का भुगतान किया गया। एक हवेली के पीछे इतना बड़ा घोटाला कहीं नहीं सुना और देखा गया होगा, लेकिन अरविंद केजरीवाल के शीशमहल में इतना बड़ा घोटाला है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल डबल एक्सल शर्ट और एक रिनॉल्ड का पेन लगाकर अपना विज्ञापन करने में नम्बर वन हैं, लेकिन नए सरकारी सीएम आवास बनाने के लिए एक भी कन्सलटेंट की सलाह नहीं ली गयी। कन्सलटेंट के बदले स्पॉट कोटेशन के माध्यम से निर्माण कार्य शुरु हुआ। अर्थात केजरीवाल जी ने पहले से ही तीन कन्सलटेंट को बता रखा था जो स्पॉट पर पहुंच गए। उन तीन कन्सलटेंट में एक को काम सौंपा गया। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, बिना स्पेसिफिकेशन और सेलेक्शन आधार के उसी दिन कन्सलटेंट का चयन कर लिया जाता है। कन्सलटेंसी की जरूरत होने पर बगैर विज्ञापन जारी किए, उसी दिन कन्सलटेंट चुन लिया गया।
डॉ पात्रा ने कहा कि किसी भी निर्माण कार्य के लिए प्रारंभिक संभावित खर्च निकाला जाता है। शीशमहल बनाने के लिए रिपीटेड इस्टीमेटेड किया गया, हर दूसरे-तीसरे दिन इस्टीमेटेड कॉस्ट बढ़ाया गया। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, कन्सलटेंट को काम सौंपने के लिए कोई जस्टीफेकेशन नहीं दिया गया और न ही पीडब्ल्यूडी द्वारा बिल्ड-अप एरिया बढ़ाने के बारे में कोई तर्कसंगत जानकारी दी गयी। शुरू में सरकारी सीएम आवास निर्माण के लिए बिल्ड-अप एरिया के लिए 1,397 स्क्वायर मीटर निर्धारित किया गया था। रातोरात बिल्ड-अप एरिया को बदलकर 1,905 स्क्वायर मीटर कर दिया गया, जो लगभग 21 हजार स्क्वायर फीट होता है। क्योंकि, शहंशाह 1,300 स्क्वायर मीटर में कैसे रहते, उनके लिए कम से कम 1900 स्क्वायर मीटर की जगह होनी चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि सरकारी आवास के निर्माण में स्पेसिफिकेशन रहता है कि कैसा नल लगेगा और कैसा डोर नॉब लगेगा, टॉयलेट कैसा होगा, आदि आदि। बाद में उन सभी स्पेसिफिकेशन को बदल दिया गया। जिससे पीडब्ल्यूडी को अपने प्रीलिम्नरी इस्टीमेट को चार बार बदलना पड़ा। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, काम होने के चार महीने के बाद 9.34 करोड़ रुपए खर्च करने की प्रशासनिक अनुमति और खर्च राशि को मंजूरी दी गयी। अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्ट तरीके से प्रशासनिक अनुमति और खर्च करने की मंजूरी दी।
डॉ पात्रा ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, सीएम आवास बनाने के लिए मन मुताबिक टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाले बिडर का शोर्ट लिस्टिंग किया गया। ओपेन टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार किया गया, जिसके कारण सरकार कॉम्पटिटीव रेट से वंचित रही। अर्थात यहां पर कॉम्पटिटीव बिडिंग हुआ ही नहीं, जिसके कारण 25.80 करोड़ रुपए अतिरिक्त पेमेंट करना पड़ा। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, बहुत सारी सामग्रियों की खरीददारी में जरूरत से ज्यादा राशि खर्च की गई। उदाहरण के तौर पर, लकड़ी के प्रयोग के लिए फर्स्ट क्लास टीक वूड और वर्मा टीक वूड लगाने का एग्रीमेंट हुआ था। यह आम आदमी पार्टी की सोच और काम है। उसे बदलकर सुपीरियर क्वालिटी वर्मा टीक वूड लगाया गया। इस वजह से 5.12 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च किया गया। डोर हैंडल के लिए ब्रास लीवर हैंडल का एग्रीमेंट हुआ था जिसे बदलकर स्टील हैंडल कर दिया गया, जिसके कारण 5.40 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च हुए। विक्टिफाइ फ्लोर टाइल्स के बदले इटालियन फ्लोर मार्बल स्टोन लगाए गए, जिस पर 9.14 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च हो गए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट के अनुसार थर्मोस्टेट शॉवर मिक्सर थ्री-वे डायवर्टर लगना था, जिसे बदलकर कि थर्मोस्टेट शॉवर मिक्सर विद हाई फ्लो थीम कर दिया गया, जिस पर लगभग 5 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च हुए। 10 वाट के रिसेस एलईडी लाइट्स को बदलकर 12 वाट कर दिया गया, जिसकी वजह से 45 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च हुए। कुछ सुपीरियर स्पेसिफिकेशन के आइटम लगाए गए, जिसके लिए कोई एग्रीमेंट नहीं हुई थी, जिसमें प्री-फाइब्रिकेटेड लिफ्ट एंड स्लाइडिंग डोर है, जिस पर 61 लाख रुपए खर्च किए गए। ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और सेकेंड फ्लोर पर मॉड्यूलर किचेन बनाए गए। तीनों फ्लोर पर एक-एक किचेन था, पता नहीं क्या क्या बनता था? इस पर 68.75 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च किए गए। मास्टर बेडरूम, मास्टर वैनिटी रूम, पाउडर फैमिली लाउंच, मिडल रूम, गेस्ट रूम के साथ बेड रूम था। इस पर लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए।
डॉ पात्रा ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, सबसे महंगा आईटम टीवी कन्सोल है, जिस पर 20.34 लाख रुपए खर्च किए गए। सरकारी खर्च पर शीशमहल में मिनी बार बनाया गया था, जिसके बनाने पर 5 लाख रुपए से अधिक खर्च किए गए। शीशमहल में 6.40 लाख रुपए का L-शेप सोफा, 18.52 लाख रुपए ट्रेडमिल और जिम उपकरण, 40.08 लाख रुपए का किचेन इक्यूपमेंट, 16.27 लाख रुपए का सिल्क कारपेट लगा था। कारपेट तो देखे हैं, लेकिन यह सिल्क कारपेट क्या होता है? डबल एक्सल का शर्ट, पेन और चप्पल पहनते थे और वे सिल्क कारपेट पर चलकर जनता के पास जाते थे। ऐसा व्यक्ति पूरे ब्रह्मांड में नहीं देखा होगा, न भूतो न भविष्यति।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल के सरकारी आवास यानि शीशमहल में 4 लाख रुपए का राउंड डायनिंग टेबुल और 4 लाख रुपए का एपॉस्टेड बेड लगा था। 6 लाख रुपए फॉक्स लेदर क्लैडिंग लगाया गया।
डॉ पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि वे बहुत काम करते हैं और उनके आवास में कैम्प ऑफिस और स्टाफ ब्लॉक होना चाहिए। कैम्प आफिस और स्टाफ आफिस के लिए करोड़ रुपए आवंटित कर दिए गए, किन्तु कैम्प ब्लॉक का निर्माण नहीं हुआ। कैम्प आफिस का निर्माण कार्य बीच में ही रोक दिया गया। अक्टूबर 2023 को जब सीएजी रिपोर्ट छपी थी, उस समय कैम्प आफिस बना ही नहीं था, लेकिन अरविंद केजरीवाल के कार्यालय ने लिखकर दिया था कि कैम्प आफिस 100 प्रतिशत बनकर तैयार है। कैम्प आफिस बनाने के लिए ठेकेदार के साथ 19.87 करोड़ रुपए का एग्रीमेंट हुआ था, लेकिन कैम्प आफिस का निर्माण पूरा किए बगैर ठेकेदार को 19.22 करोड़ रुपए दे दिया गया। कैम्प आफिस में बिजली के तार एवं उपकरण लगाने के लिए इस्टीमेटेड कॉस्ट की तुलना में 1.14 करोड़ रुपए ज्यादा खर्च किए गए और स्टॉफ क्वार्टर के लिए 86 लाख रुपए ज्यादा खर्च किए गए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि सीएजी के अनुसार, डायवर्जन आफ फंड भी किया गया। अरविंद केजरीवाल द्वारा सैनिटरी आइटम, फर्निचर और जिम के लिए 1.87 करोड़ रुपए फंड का डायवर्जन किया गया, जिसे कैम्प आफिस और स्टॉफ क्वार्टर में लगाना था। केजरीवाल कहते हैं कि वे बहुत काम करते हैं, तो हाथ दबाने वाला तो कोई पैर दबाना वाला चाहिए। गला तो वे हमलोग और दिल्ली की जनता का दबा ही रहे हैं। इस कारण सीएम हाउस में 8 स्टॉफ क्वार्टर चाहिए, इसके लिए केजरीवाल जी ने 33 श्यामनाथ मार्ग में जगह आवंटित कराया। किन्तु इन सब पर होने वाले खर्च की राशि को केजरीवाल जी ने 6 फ्लैग मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास में खर्च किया। सीएजी के अनुसार, एग्रीमेंट क्वांटिटी में भी बदलाव किया गया। बहुत सारे आईटम बदलाव के कारण लगभग 10 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च किए गए।
डॉ पात्रा ने कहा कि 21 हजार स्क्वायर फीट के शीशमहल में 8 बेडरूम, 3 मीटिंग रूम, 2 डाइंगरूम, 12 टॉयलेट, टोटो वाला टॉयलेट, एक डायनिंग रूम,14 सोफासेट, 28 टेबुल, 31 चेयर, 3 मैटेस , 12 पर्दे, 4 कारपेट, सीलिंग में बॉश स्पीक, 12 बड़े-बडे़ झूमर, जैसे अनेक आईटम के बारे में सीएजी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एडवर्टिजमेंट बाबा हैं। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल के एक कार्यक्रम से ज्यादा उसके विज्ञापन पर खर्च किया गया। उनमें से एक कार्यक्रम में बिजनेस ब्लास्टर, एंटरप्रेन्योर ऑनसेट माइंडसेट करिकूलम प्रोग्राम पर केजरीवाल जी ने 54 करोड़ रुपए खर्च किये और उसके विज्ञापन पर 80 करोड़ रुपए खर्च किये। सीएजी के अनुसार, इस कार्यक्रम का आउटकम कुछ नहीं आया, लेकिन उस पर करोड़ रुपए खर्च हो गए। सीएजी के अनुसार, कार्यक्रम पर होने वाले खर्च की तुलना में 1.5 गुना अधिक खर्च किए गए। बच्चों को देश का मेंटर बनाने के लिए 9-26 अक्टूबर 2020 के बीच में विज्ञापन किया गया। देश के मेंटर कार्यक्रम पर 1.90 करोड़ रुपए खर्च किए गए और उसके विज्ञापन पर 27.90 करोड़ रुपए। सीएजी के अनुसार, कार्यक्रम के खर्च की तुलना में 13 गुना अधिक विज्ञापन पर खर्च किए गए। केजरीवाल जी ने फ़सल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम पर 77 लाख रुपए खर्च किये जबकि उसके विज्ञापन पर 24 करोड़ रुपए। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम की तुलना में 31 गुना ज्यादा विज्ञापन पर खर्च किया गया।
डॉ पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपने मकान के लिए इस तरह से बेतहासा पैसे खर्च किए और अपनी दुकान बचाने के लिए भ्रष्टाचार किए, जो सीएजी रिपोर्ट से सबकुछ सामने आया है। यही अरविंद केजरीवाल जी की आम आदमी पार्टी की हकीकत है। दिल्ली की जनता देख रही है और सुन रही है, इसका जवाब दिल्ली की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में जरूर देगी।
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