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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री अनिल के. एंटनी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
केरल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत 26 हजार आशा कार्यकर्ताओं को वेतन का भुगतान न होना राज्य की सीपीआई(एम) सरकार की अक्षमता और कुप्रंबधन को दर्शाता है।
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केरल सरकार अपनी प्रशासनिक अक्षमताओं और विफलताओं के कारण आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के वेतन का भुगतान करने में असमर्थ रही है और अपनी नाकामी छुपाने के लिए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केंद्र सरकार पर दोष मढ़ रही है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 में केरल के लिए 913.24 करोड़ रुपये के केंद्रीय आवंटन में से केरल राज्य को 938.80 करोड़ रुपये (नकद, वस्तु और बुनियादी ढांचे के रखरखाव) की राशि दी है।
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केरल को 120.45 करोड़ रुपये की नवीनतम और पांचवीं किस्त 12 फरवरी 2025 को जारी की गई है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के लिए निर्धारित केंद्रीय आवंटन से अतिरिक्त है।
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माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘स्वस्थ भारत’ व ‘विकसित भारत’ संकल्प के तहत केंद्र सरकार ने केरल को निर्धारित राशि से अधिक आवंटन दिया, ताकि 140 करोड़ भारतीय समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ सकें।
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केरल की जनता के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि राज्य के विकास और ‘विकसित केरल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डबल इंजन सरकार का होना आवश्यक है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री अनिल के. एंटनी ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए 26 हजार आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को वेतन का भुगतान न करने के लिए केरल सरकार की कड़ी आलोचना की। श्री एंटनी ने केन्द्रीय आवंटन से अधिक फंड जारी करने के बावजूद वेतन देने में असफल रहने और अपनी प्रशासनिक अक्षमता को छिपाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर दोष मढ़ने पर केरल सरकार को आड़े हाथ लिया।
श्री एंटनी ने कहा कि यह ध्यान में आया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत कार्यरत लगभग 26,000 आशा कार्यकर्ता केरल में लगातार हड़ताल पर हैं। इन 26,000 आशा कार्यकर्ताओं को पिछले 2 से 6 महीनों का उनका वेतन नहीं मिला है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने अपने बयान में एक बार फिर राज्य सरकार की नाकामियों और प्रशासनिक विफलताओं को छुपाने और अपनी अक्षमता से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार को दोष मढ़ने की कोशिश की।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री एंटनी ने कहा कि केरल सरकार दावा कर रही है कि केंद्र सरकार के बकाया भुगतान के कारण राज्य में वेतन लंबित हैं और हड़ताल हो रही हैं। लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी इस भ्रम को दूर कर स्थिति स्पष्ट करना चाहती है। वित्त विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार, भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पूंजीगत व्यय के लिए राज्य को विशेष सहायता योजनाओं के दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। केरल सरकार द्वारा जारी एक राज्यव्यापी पत्र के अनुसार, केरल के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 26 जून 2024 को एक आदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने पहले आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नाम ज्ञात "आयुष्मान आरोग्य मंदिर" के लिए भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करने की बात कही थी।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्री एंटनी ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 913.24 करोड़ रुपये के आवंटन में से केरल राज्य को 938.80 करोड़ रुपये (नकद, वस्तु और बुनियादी ढांचे के रखरखाव) की राशि जारी की गई है। 12 फरवरी 2025 को राज्य को 120.45 करोड़ रुपये की नवीनतम किस्त जारी की गई है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के लिए निर्धारित केंद्रीय आवंटन से अतिरिक्त है। आवंटन के अनुसार, केरल को देय राशि नकद में चार किस्तों के रूप में जारी की गई है और पिछले बकाया को चुकाने के लिए राज्य को 120.45 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पांचवीं किस्त जारी हो चुकी है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘स्वस्थ भारत’ और ‘विकसित भारत’ के संकल्प एवं ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के तहत केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी 140 करोड़ भारतीय एक समृद्ध भविष्य की ओर एक साथ बढ़ें। इसी संकल्प के साथ केरल को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक आवंटन प्राप्त हुआ है।
श्री एंटनी ने बताया कि ₹913 करोड़ से अधिक की राशि चार किस्तों में जारी की जा चुकी है, और पिछला बकाया चुकाने के लिए ₹120 करोड़ की पांचवीं किस्त भी स्वीकृत की गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह धनराशि पहले ही उपलब्ध करा दी है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल सरकार अपनी प्रशासनिक अक्षमताओं और विफलताओं के कारण आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के वेतन और बकाया चुकाने में असमर्थ रही है और अपनी नाकामी छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर दोष मढ़ रही है। यह केरल की जनता के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि राज्य के विकास और ‘विकसित केरल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डबल इंजन सरकार का होना आवश्यक है।
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