भारतीय जनता पार्टी की सांसद श्रीमती कमलजीत सहरावत एवं एनडीएमसी के उपाध्यक्ष श्री कुलजीत सिंह चहल की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के जाटों को उनका हक नहीं दिया और अब दिल्ली में भ्रम की राजनीति कर रही है। दिल्ली का जाट इस बात को समझ चुका है कि उनको केजरीवाल सरकार के कारण ही आरक्षण नहीं मिला है।
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आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार के 10 वर्षों के दौरान केजरीवल ने जाट आरक्षण की बात क्यों नहीं की? अरविन्द केजरीवल बताएं कि जाट समाज के किसी किसान परिवार में जन्मे व्यक्ति को उन्होंने राज्यसभा क्यों नहीं भेजा? - श्री कुलजीत सिंह चहल
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अपने आप को सबसे पढ़ा लिखा मुख्यमंत्री बताने वाले केजरीवाल जी को यह पता होना चाहिए कि किसी भी वर्ग और जाति को आरक्षण देना प्रदेश सरकार का कार्य होता है। - श्रीमती कमलजीत सहरावत
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दिल्ली में जाटों के नाम पर राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी ने विधानसभा में जाटों के हक की आवाज को कभी नहीं उठाया। पिछले 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस विषय को लेकर दिल्ली विधानसभा में कोई चर्चा ही नहीं की। - श्रीमती कमलजीत सहरावत
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देश में पहली बार किसी जाट परिवार में जन्में व्यक्ति को उप-राष्ट्रपति बनाने का कार्य भी आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने किया है और यह भी जाट समाज के लिए गर्व का विषय है। - श्री कुलजीत सिंह चहल
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देश ने वो दिन भी देखा जब कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं ने श्री जगदीप धनखड़ जी का उपहास किया और अरविन्द केजरीवाल के सांसद भी उनका मजाक उड़ाने मे शामिल थे। यह पूरे जाट समाज का अपमान था। - श्री कुलजीत सिंह चहल
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अरविन्द केजरीवाल जब भी किसी मामले में फंसते हैं तो मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए वो एक नया चुनावी जुमला फेंक देते हैं। शराब घोटाले से लेकर शीशमहल तक हर मुद्दे को इसी तरह उन्होंने भटकाया है। - श्री कुलजीत सिंह चहल
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भारतीय जनता पार्टी की सांसद ने श्रीमती कमलजीत सहरावत और एनडीएमसी के उपाध्यक्ष श्री कुलजीत सिंह चहल ने आज केन्द्रीय कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित किए। भाजपा सांसद श्रीमती कमलजीत सेहरावत ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने विगत 10 वर्षों में जाट आरक्षण पर चर्चा तक नहीं की, मगर अब भ्रम की राजनीति कर रहे हैं। श्री कुलजीत सिंह चहल कहा कि अरविंद केजरीवाल के वादे मात्र चुनावी जुमले हैं, वे जब भी किसी मुद्दे पर फँसते हैं, तो दिल्ली की जनता को गुमराह करने का प्रयास करते हैं। जनता इनके चुनावी जुमलों को पहचान चुकी है और इन्हें करारा जवाब देगी।
श्रीमती सेहरावत ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी हर दिन प्रदेश में झूठ और भ्रम का नया जाल बिछाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने 5 जनवरी 2025 को चिट्ठी लिखकर कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा दिल्ली के जाटों को आरक्षण प्रदान नहीं किया गया है। यह एक संवैधानिक विषय है। विगत 10 वर्षों से दिल्ली की पूर्ण बहुमत वाली सरकार ने इस विषय को कभी भी विधानसभा और सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं उठाया। 5 जनवरी को मुख्यमंत्री आतिशी मर्लेना ने अचानक से एक चिट्ठी लिखी और इस विषय को उठाया। अपने आप को सबसे पढ़ा लिखा मुख्यमंत्री बताने वाले केजरीवाल जी को यह पता होना चाहिए कि किसी भी वर्ग और जाति को आरक्षण देना प्रदेश सरकार का कार्य होता है। किसी भी वर्ग और जाति को आरक्षण देने के लिए सबसे पहले विधानसभा में प्रस्ताव को पारित कराना होता है, जिसके बाद कैबिनेट नोट तैयार किया जाता है। उस कैबिनेट नोट को केंद्र सरकार के पास भेजकर, निवेदन किया जाता है कि इस जाति या वर्ग को आरक्षण प्रदान किया जाए।
भाजपा सांसद श्रीमती सेहरावत ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस विषय को लेकर दिल्ली विधानसभा में कोई चर्चा ही नहीं की। आम आदमी पार्टी को छोड़ने वाले और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री श्री कैलाश गहलोत ने इस विषय को स्पष्ट किया है कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली के जाटों को केंद्रीय आरक्षण में शामिल कराने की प्रक्रिया को शुरू करने की बात कही थी। दिल्ली में जाटों के नाम पर राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी ने विधानसभा में जाटों के हक की आवाज को कभी नहीं उठाया। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के जाटों को उनका हक नहीं दिया और अब दिल्ली में भ्रम की राजनीति कर रही है। दिल्ली का जाट इस बात को समझ चुका है कि उनको आप सरकार के कारण ही आरक्षण नहीं मिला है। जब भाजपा सत्ता में नहीं थी, तब भी भाजपा ने कई बार केंद्र की यूपीए सरकार से दिल्ली को आरक्षण देने की मांग की थी। जाटों का केंद्रीय आरक्षण में शामिल न होने का एकमात्र कारण दिल्ली में 10 वर्षों से रही अरविंद केजरीवाल की सरकार है। 5 जनवरी को अचानक चिट्ठी लिखकर इस विषय को उठाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह नाटक बंद कर देना चाहिए, क्योंकि उनकी ही सरकार ने इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया। मात्र चिट्ठी लिखने से आरक्षण नहीं मिलता है, यह देश के संविधान में अंकित है।
भाजपा नेता श्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि जाट आरक्षण अरविन्द केजरीवाल का चुनावी जुमला है। आज जब दिल्ली की आप सरकार वेंटिलेटर पर है, जब स्वयं इनके नेता बेल पर बाहर हैं तो जाट आरक्षण का चुनावी जुमला छोड़ रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जाटों के लिए कोई कार्य नहीं किया है। श्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि वो एक जाट परिवार से आते हैं और उन्हें देश के लोकप्रिय नेता आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एनडीमसी का उप-चेयरमैन बनाया है और यह पूरे जाट समाज के लिए सम्मान की बात है। देश में पहली बार किसी जाट परिवार में जन्में व्यक्ति को उप-राष्ट्रपति बनाने का कार्य भी आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने किया है और यह भी जाट समाज के लिए गर्व का विषय है। देश ने वो दिन भी देखा जब कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं ने श्री जगदीप धनखड़ जी का उपहास किया और अरविन्द केजरीवाल के सांसद भी उनका मजाक उढ़ाने मे शामिल थे। यह पूरे जाट समाज का अपमान था। अरविन्द केजरीवल का जाट प्रेम इस लिए जाग रहा है क्योंकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जाटों ने भाजपा को समर्थन दिया था और अब दिल्ली में भी जाट समाज समेत 36 बिरादरियां विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक साथ खड़ी हैं।
श्री चहल ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल जब भी किसी मामले में फंसते हैं तो मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए वो एक नया चुनावी जुमला फेंक देते हैं। शराब घोटाले से लेकर शीशमहल तक हर मुद्दे को इसी तरह उन्होंने भटकाया है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अथक प्रयासों के बाद जब जाट समाज के बच्चों मनु भाकर और अमन सहरावत ने ओलंपिक में तिरंगा फहराया तो यह पूरे जाट समाज और देश के लिए गर्व का विषय था। यदि देश में ओबीसी, किसानों और जाट समाज के लिए किसी ने कार्य किया है तो वो केवल भाजपा सरकार ने किया है। जब एनडीएमसी का उपाध्यक्ष के लिए जाट समाज का एक व्यक्ति को नोमिनेट करने की फाइल को आम आदमी पार्टी ने रोक कर रखा। यदि केजरीवाल इतने जाट प्रेमी हैं तो राज्यसभा के सभापति के चुनाव लिए जगदीप धनखड़ जी का समर्थन क्यों नहीं किया? दिल्ली की जनता ने आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का मन बना लिया है। आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार के 10 वर्षों के दौरान केजरीवल ने जाट आरक्षण की बात क्यों नहीं की? अरविन्द केजरीवल बताएं कि जाट समाज के किसी किसान परिवार में जन्मे व्यक्ति को उन्होंने राज्यसभा क्यों नहीं भेजा? आज अरविन्द केजरीवल की स्थिति वो है कि न नेता है, न नीति है और न नीयत है। जब निर्णय लेने की बात आती है तो कोविड में शीशमहल बनाने का निर्णय लेते हैं, शराब घोटाला करते हैं। जनता इनके चुनावी जुमलों को पहचान चुकी है।
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