Salient points of the joint press conference : Chief Minister of Goa Shri Pramod Sawant & BJP National Spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi


द्वारा डॉ. सुधांशु त्रिवेदी -
22-05-2024
Press Release

 

गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

 

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल चुनावी सभा, रैली और प्रेसवार्ता कर रहे हैं, लेकिन 13 मई को स्वाति  मालीवाल के साथ घटी घटना पर एक भी शब्द बोलने से क्यों बच रहे हैं? : श्री सावंत

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केजरीवाल के पूर्व पीए बिभव कुमार किस हैसियत से सीएम हाउस पर रह रहे थे? बिभव ने अपना मोबाईल फॉरमेट क्यों किया? मुख्यमंत्री आवास की सारी सीसीटीवी फुटेज को ब्लैंक क्यों की गई? : श्री सावंत

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अब आम आदमी पार्टी “Anti Delhi and Anti Women Party” हो गई है। : श्री सावंत

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केजरीवाल स्वयं स्वाति  मालीवाल पर समझौता करने के लिए दबाव बना रहे हैं और ऐसा ही केजरीवाल ने सोनी मिश्रा के साथ भी किया था। : श्री सावंत

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लड़की हूं लड़ सकती हूंका नारा देने वाली इंडी गठबंधन की नेत्री एक महिला सांसद के साथ हुए उत्पीड़न पर चुप्पी साधे क्यों बैठी हैं? : श्री सावंत

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स्वाति  मालीवाल ने स्वयं अपने साथ हुई घटना की शिकायत दर्ज करवाई है, भाजपा का उक्त घटनाक्रम से कुछ लेना देना नहीं है। : श्री सावंत

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दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगाने का दावा करने वाले केजरीवाल आज मुख्यमंत्री आवास के एक चप्पे तक का पूरा सीसीटीवी फुटेज जारी नहीं कर पा रहे हैं। उनकी कथनी और करनी में कितना बदलाव हो सकता है इससे यह साबित होता है। : डॉ त्रिवेदी

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दिल्ली को दारू के दरिया’ में डुबोने के निर्णय में स्वयं केजरीवाल जिम्मेदार थे और न्यायालय ने इस प्रक्रिया को संदिग्ध करार दिया है। : डॉ त्रिवेदी

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स्वाति मालीवाल को मारे गए तमाचों का केजरीवाल जी चाहे जितना भी बचाव कर लें, न्यायलय की उक्त टिप्पणी केजरीवाल के झूठे दावों पर करारे तमाचे के समान है, जिसका बचाव करना उनके लिए संभव नहीं। : डॉ त्रिवेदी

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनीष सिसोदिया द्वारा प्रयोग किए गए दो मोबाइल फोन पेश किए जाने पर साक्ष्य प्रभावित करने की आशंका जताई है, कहीं ये साक्ष्य असली राजदार केजरीवाल के असली करीबी से जुड़ा हुआ तो नहीं। : डॉ त्रिवेदी

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न्यायालय ने मनीष सिसोदिया के मामले में कहा है कि मनीष सिसोदिया द्वारा प्रयुक्त दो मोबाइल फोन डैमेज बताकर पेश नहीं किए गए और इसीलिए साक्ष्यों को प्रभावित करने की आशंका बनी हुई है, इसी कारण मनीष सिसोदिया को बेल नहीं मिल रही है। केजरीवाल की स्वघोषित छवि पर न्यायालय की इस टिप्पणी से बड़ा दाग कुछ और नहीं हो सकता।: डॉ त्रिवेदी

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केजरीवाल मनीष सिसोदिया के पक्ष में कोई बयान दे रहे हैं, ही कोई कार्यक्रम कर रहे हैं और ही चुनाव प्रचार के लिए अपने पूर्व उपमुख्यमंत्री को बाहर लाने की अर्जी दायर कर रहे हैं, सभी कार्यक्रम और गतिविधियां बिभव कुमार के लिए की जा रही हैं जो तकनीकी रूप से कुछ नहीं हैं या कहा जाए कि सब कुछ वही हैं। : डॉ त्रिवेदी

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कानूनी प्रश्न का जवाब तो न्यायालय दे रहा है लेकिन नैतिक और राजनीतिक प्रश्नों के उत्तर अरविंद केजरीवाल को देने होंगे।: डॉ त्रिवेदी  

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न्यायालय जिन साक्ष्यों के प्रभावित होने की बात कह रही है, कहीं उन सभी रहस्यों के असली राजदार वो तो नहीं हैं जिनके दिल के तार केजरीवाल से कुछ ज्यादा ही जुड़े हैं: डॉ त्रिवेदी

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महिला सम्मान को ध्वस्त करने से लेकर सरकार की प्रशासनिक प्रक्रिया को ध्वस्त करने तक आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए कुकृत्य दिल्ली की जनता के सामने शीशे की तरह स्पष्ट हैं। : डॉ त्रिवेदी

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पारदर्शिता, राइट टू रिजेक्ट, राइट टू रिकॉल और लोकपाल बिल का ढोंग रचने वाली पार्टी द्वारा जनता को इस तरह छला जाना अत्यंत दुखद और कष्टकारक है। : डॉ त्रिवेदी

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गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज बुधवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय से संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस प्रेसवार्ता में श्री प्रमोद सावंत ने आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति  मालीवाल के साथ हुए दुर्व्यवहार पर मुख्यमंत्री केजरीवाल को घेरा जबकि डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने शराब नीति एवं मनीष सिसोदिया की बेल के संदर्भ में दिल्ली न्यायालय की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल कर जमकर निशाना साधा।

 

गोवा मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने कहा कि देश में चल रहे लोकतंत्र के महापर्व में सभी लोग हिस्सा ले रहे हैं। विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अबकी बार 400 पार भाजपा का नहीं, बल्कि देशवासियों का नारा बन चुका है। जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए देश के सभी लोग माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ हैं। मैं दिल्ली में 3 दिन से पार्टी का प्रचार का रहा हूँ और लोग एक ही सवाल पूछ रहे है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वाति  मालीवाल के साथ हुए प्रकरण पर कुछ क्यों नहीं बोल रहे हैं? वह चुप क्यों हैं? स्वाति  मालीवाल के साथ हुई घटना पर अरविंद केजरीवाल की चुप्पी, सारी दास्तां बयान कर रही है। अब आम आदमी पार्टी “Anti-Delhi and Anti Women Party” हो गई है। केजरीवाल की पार्टी की महिला सांसद और 20 वर्षों से उनकी सहयोगी रहीं स्वाति  मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री के 120 करोड़ रुपये के शीशमहल में जो उत्पीड़न और अत्याचार हुआ, उस पर अरविंद केजरीवाल की चुप्पी उनकी बेशर्मी को दर्शाती है।

 

श्री सावंत ने कहा कि जब स्वाति  मालीवाल के साथ उत्पीड़न हुआ, तब अगले ही दिन आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह प्रेस वार्ता करते हैं और मुख्यमंत्री आवास पर घटी उत्पीड़न की घटना को स्वीकार करते है। साथ ही, 3 दिन के भीतर मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा कार्रवाई का आश्वासन भी देते हैं। लेकिन 3 दिन बाद केजरीवाल अपने पूर्व पीए बिभव कुमार को अपनी सरकारी गाड़ी से दिल्ली से लखनऊ लेकर जाते है। स्वयं केजरीवाल स्वाति मालीवाल पर समझौता करने के लिए दबाव बना रहे हैं और ऐसा ही केजरीवाल ने सोनी मिश्रा के साथ भी किया था। जब सोनी मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के नरेला विधायक के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई थी, तो केजरीवाल ने उनपर समझौता करने का दबाव बनाया था, जिसके परिणामस्वरूप सोनी मिश्रा को आत्महत्या कर लेनी पड़ी थी। केजरीवाल के पूर्व पीए बिभव कुमार किस हैसियत से सीएम हाउस पर रह रहे थे? जब बिभव कुमार का इस प्रकरण से कुछ लेना देना ही नहीं है, तो बिभव ने अपना मोबाईल फोन फॉर्मैट क्यों किया? दिल्ली पुलिस को कार्रवाई के दौरान मुख्यमंत्री आवास की सारी सीसीटीवी फुटेज ब्लैंक करके क्यों दी गई ? अरविंद केजरीवाल को इन सभी प्रश्नों के जवाब देने होंगे। अरविंद केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री आवास की सीसीटीवी फुटेज डिलीट करना और पूर्व पीए को छिपा कर रखना बिभव कुमार की संलिप्तता को साफ दर्शाता है।

 

गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने कहा कि केजरीवाल की पार्टी इंडी गठबंधन की घटक दल है। इंडी गठबंधन की एक नेतालड़की हूं लड़ सकती हूंका नारा देती हैं, मगर महिला सांसद के ऊपर हुए उत्पीड़न पर चुप्पी साधे क्यों बैठी हैं? अरविंद केजरीवाल दिल्ली से लेकर मुंबई तक चुनावी सभा, रैली और प्रेस वार्ता कर रहे हैं, लेकिन 13 मई को स्वाति  मालीवाल के साथ घटी घटना पर एक भी शब्द बोलने से क्यों बच रहे हैं? दिल्ली की बहनें और माताएं केजरीवाल से कह रही हैं कि 13 मई को स्वाति  मलीवाल के साथ हुई घटना पर मुख्यमंत्री केजरीवाल को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। स्वाति  मालीवाल के साथ हुई घटना में शत प्रतिशत बिभव कुमार की संलिप्तता है। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और 20 वर्षों से अरविंद केजरीवाल की सहयोगी रहीं स्वाति  मालीवाल ने स्वयं इस प्रकरण की शिकायत दर्ज करवाई है

 

13 मई को जो कुछ भी स्वाति मालीवाल के साथ हुआ, वह केजरीवाल के खुद के शीशमहल में उनके करीबी लोगों ने किया है, भाजपा का इस घटनाक्रम से कुछ लेना देना नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस पर अपना जवाब और स्पष्टीकरण देना चाहिए। केजरीवाल जी बेल पर अभी जेल से बाहर हैं, वो कोर्ट की गारंटी पर बाहर है और 2 जून को फिर से उन्हें खुद को जेल के समक्ष सरंडर करना हैलेकिन वो लोगों को गुमराह कर रहे है कि अगर इंडी गठबंधन की सरकार आई तो वो जेल नहीं जाएंगे जेल तो वो जाएंगे ही और यह भी सत्य है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 400 से अधिक सीटों के साथ एक बार फिर एनडीए सरकार बनने जा रही है।

 

शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के दो मंत्री जेल के अंदर हैं। आम आदमी पार्टी ने गोवा, पंजाब और गुजरात चुनाव में शराब घोटाले के पैसे का इस्तेमाल किया, इसलिए अब लोगों को उनपर भरोसा नहीं रहा। देश में एक ही गारंटी चलती है, वो है मोदी की गारंटी। विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व पर देशवासियों को पूर्ण भरोसा है।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के बाहर से आया हर एक व्यक्ति दिल्ली आकर दिल्लीवासियों की वेदना को महसूस कर सकता है। केजरीवाल दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगवाने का दावा करते थे, लेकिन आज मुख्यमंत्री आवास के एक चप्पे का भी पूरा सीसीटीवी फुटेज नहीं दे पा रहे हैं। उनकी कथनी और करनी में कितना बदलाव हो सकता है इससे यह साबित होता है। इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल बेल पर बाहर आने के बाद अपने केस के बारे में बयान देकर न्यायालय के आदेश की लगातार अवमानना कर रहे हैं दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मनीष सिसोदिया के बेल के संदर्भ की गई टिप्पणी केजरीवाल के इस दावे पर करारा तमाचा के समान है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनीष सिसोदिया के व्यवहार को सत्ता के गंभीर दुरुपयोग और जनता के विश्वास के साथ छल के समकक्ष करार देते हुए कहा है कि शराब नीति का निर्धारण मनीष सिसोदिया द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सुझावों को दरकिनार कर किया गया है और शराब नीति में निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से संदिग्ध है। गौरतलब है कि दिल्ली को दारू के दरिया’ में डुबोने के निर्णय में स्वयं केजरीवाल जिम्मेदार थे और न्यायालय ने इस प्रक्रिया को संदिग्ध करार दिया है। स्वाति मालीवाल को मारे गए तमाचों का केजरीवाल जी चाहे जितना भी बचाव कर लें, न्यायलय की उक्त टिप्पणी केजरीवाल के झूठे दावों पर करारे तमाचे के समान है, जिसका बचाव करना उनके लिए संभव नहीं। न्यायालय ने मनीष सिसोदिया के मामले में कहा है कि मनीष सिसोदिया द्वारा प्रयुक्त दो मोबाइल फोन डैमेज बताकर पेश नहीं किए गए और इसीलिए साक्ष्यों को प्रभावित करने की आशंका बनी हुई है इसी कारण मनीष सिसोदिया को बेल नहीं मिल रही है। केजरीवाल की स्वघोषित छवि पर न्यायालय की इस टिप्पणी से बड़ा दाग कुछ और नहीं हो सकता।

 

राज्यसभा सांसद ने कहा कि कोर्ट ने पीएमएलए के तहत प्रथम दृष्टया मनी लॉन्डरिंग का केस बनने की बात कही है। उच्च न्यायालय की इस टिप्पणी के बाद किसी किंतु परन्तु की गुंजाइश नहीं बची है। कानूनी दृष्टि से तो आम आदमी पार्टी का शराब घोटाला उजागर होता जा रहा है, लेकिन नैतिकता के आधार पर जनता संशय में है। केजरीवाल मनीष सिसोदिया के पक्ष में कोई बयान दे रहे हैं, ही कोई कार्यक्रम कर रहे हैं और ही चुनाव प्रचार के लिए अपने पूर्व उपमुख्यमंत्री को बाहर लाने की अर्जी दायर कर रहे हैं, सभी कार्यक्रम और गतिविधियां बिभव कुमार के लिए की जा रही हैं जो तकनीकी रूप से कुछ नहीं हैं या कहा जाए कि सब कुछ वही हैं। कानूनी प्रश्न का जवाब तो न्यायालय दे रहा है लेकिन नैतिक और राजनीतिक प्रश्नों के उत्तर अरविंद केजरीवाल को देने होंगे। उच्च न्यायालय जिन साक्ष्यों के प्रभावित होने की बात कह रही है, कहीं उन सभी रहस्यों के असली राजदार वो तो नहीं हैं जिनके दिल के तार केजरीवाल से कुछ ज्यादा ही जुड़े हुए हैं। महिला सम्मान को ध्वस्त करने से लेकर सरकार की प्रशासनिक प्रक्रिया को ध्वस्त करने तक आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए कुकृत्य दिल्ली की जनता के सामने शीशे की तरह स्पष्ट है। पारदर्शिता, राइट टू रिजेक्ट, राइट टू रिकॉल और लोकपाल बिल का ढोंग रचने वाली पार्टी द्वारा जनता को इस तरह छला जाना अत्यंत दुखद और कष्टकारक है एवं देश की जनता इसका समुचित और प्रभावी प्रति उत्तर देगी।  

 

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