भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला और श्री अनिल एंटनी की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
तमिलनाडु में 53 जलती हुई लाशों की तस्वीर कोई प्राकृतिक त्रासदी नहीं बल्कि राज्य द्वारा प्रायोजित हत्या है, जिसके लिए पूरी तरह से डीएमके सरकार जिम्मेदार है।- श्री शहजाद पूनावाला
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जहरीली शराब कांड में गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी के घर के बाहर डीएमके पार्टी के स्टिकर लगे थे, जो डीएमके पार्टी से उसके गहरे और सीधे संबंधों को दर्शाता है। - श्री शहजाद पूनावाला
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डीएमके में "डी" का मतलब है "कुछ न करना", "एम" का मतलब है "सबका मुंह बंद करना", और "के" का मतलब है "अवैध शराब पीने वाले लोगों को मारना।"- श्री शहजाद पूनावाला
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लोगों की जान की कीमत पर अवैध शराब को वितरित करने की अनुमति देना कोई “संयोग” या “प्रयोग” नहीं है, बल्कि यह डीएमके के लिए एक “उद्योग” बन गया है। - श्री शहजाद पूनावाला
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मई 2023 में 23 लोगों की जान जाने के बाद इस गठजोड़ का पर्दाफाश हुआ, तो कड़ी कार्रवाई करने के बजाय डीएमके सरकार ने अवैध शराब माफिया के पूरे गठजोड़ को संरक्षण दिया।- श्री शहजाद पूनावाला
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चुनाव खत्म होते ही कांग्रेस पार्टी का दलितों और दक्षिण भारत से रिश्ता समाप्त हो चुका है, यही कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा है। - श्री शहजाद पूनावाला
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चुनावों के समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दलितों के हितों की बात करते हैं लेकिन जब डीएमके सरकार द्वारा 53 दलितों की जान चली गई है तब कांग्रेस के नेताओं के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है। - श्री शहजाद पूनावाला
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राज्य सरकार की कार्रवाई सरकारी अधिकारियों के बीच स्पष्ट मिलीभगत और उदासीन दृष्टिकोण का संकेत देती है।- श्री अनिल एंटनी
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तमिलनाडु भाजपा ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को एक-एक लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है और साथ ही घटना की सीबीआई जांच सुनिश्चित करने की मांग कर रही हैं।- श्री अनिल एंटनी
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इंडी गठबंधन और डीएमके के सहयोगी जैसे कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं और अब तक कोई चिंता क्यों नहीं दिखाई है। - श्री अनिल एंटनी
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तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अभी तक प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं किया है। भाजपा प्रत्येक पीड़ित के लिए न्याय सुनिश्चित करने और तमिलनाडु में लोगों की भलाई, सुरक्षा और संरक्षा की गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध है। - श्री अनिल एंटनी
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला और श्री अनिल एंटनी ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में तमिलनाडु सरकार और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की जहरीली शराब पीने से हुई मौतों की अनदेखी करने के लिए जमकर आलोचना की और कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साधने के लिए इंडी गठबंधन और डीएमके सहयोगियों की भी आलोचना की, और बताया कि भाजपा ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री पूनावाला ने कहा कि तमिलनाडु से जलती हुई चिताओं के दिल दहलाने वाले दृश्य हर भारतीय को शर्म, दुख, क्रोध और शोक महसूस करने के लिए मजबूर करता है। तमिलनाडु में जिन 53 व्यक्तियों के शव मिले हैं, वह न केवल भारतीय और तमिल हैं बल्कि अपने परिवारों के लिए मुख्य कमाने वाले भी हैं। इनमें से ज़्यादातर लोग तमिलनाडु के करुणापुरम में रहने वाले अनुसूचित जाति के पिछड़े समुदाय के युवा सदस्य थे। यह तस्वीर लंबे समय तक याद रखी जाएगी, क्योंकि यह सिर्फ एक त्रासदी ही नहीं है, बल्कि लोगों द्वारा पैदा की गई आपदा को दर्शाती है। यह राज्य प्रायोजित हत्या की तस्वीर है और इसके लिए डीएमके सरकार जिम्मेदार है। राज्य में हो रही प्रायोजित हत्याओं की जिम्मेदारी लेने की बजाय, डीएमके सरकार इस भयानक अपराध के अपराधियों को बचाने में लगी हुई है।
श्री पूनवाला ने कहा कि मई 2023 में, विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू में मिलावटी शराब पीने से 23 लोगों की अत्यन्त दुखद मौत हुई थी। उस समय, भाजपा तमिलनाडु ने डीएमके नेताओं, अधिकारियों और तमिलनाडु में चल रहे अवैध शराब के कारोबार के बीच संबंधों को उजागर किया था। हालाँकि, उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। डीएमके में "डी" का मतलब है "कुछ न करना", "एम" का मतलब है "सबका मुंह बंद करना" और "के" का मतलब है "अवैध शराब पीने वाले लोगों को मारना।" डीएमके की एक और व्याख्या "दारू", "माफिया" और "कट्टा पंचायत" के रूप में सामने आई है। जब मई 2023 में 23 लोगों की मौत के बाद इस संबंध का खुलासा हुआ, तो निर्णायक कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री स्टालिन और डीएमके सरकार ने डीएमके नेताओं से जुड़े अवैध शराब माफिया के पूरे नेटवर्क को बचा लिया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री पूनवाला ने कहा कि यह पूरी घटना शहर के बीचों-बीच, कोर्ट और पुलिस स्टेशन के बगल में हुई है और स्थानीय पुलिस, राजनीतिक हस्तियों और अन्य प्रशासनिक निकायों की संलिप्तता के बिना ऐसा नहीं हो सकता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जहरीली शराब कांड में गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी के घर के बाहर डीएमके पार्टी के स्टिकर लगे थे, जो डीएमके पार्टी से उसके गहरे और सीधे संबंधों को दर्शाता है। केवल निष्पक्ष जांच के माध्यम से ही डीएमके सरकार के नेतृत्व में राज्य में हो रहे प्रायोजित अपराध में सामने आ सकते हैं। डीएमके सरकार ने लगातार इस तरह के अवैध शराब के कारोबार को बढ़ावा दिया है, 2008 में जब डीएमके सत्ता में थी, तब जहरीली शराब पीने से 180 मौतें हुई थीं। यह स्पष्ट है कि लोगों की जान की कीमत पर अवैध शराब को वितरित करने की अनुमति देना कोई “संयोग” या “प्रयोग” नहीं है, बल्कि यह डीएमके के लिए एक “उद्योग” बन गया है।
सीबीआई जांच की मांग करते हुए श्री पूनवाला ने कहा कि आबकारी मंत्री मुत्तुस्वामी को इस्तीफा देना चाहिए। क्या डीएमके के लिए एक जान की कीमत मात्र 10 लाख रुपये है? चुनावों के समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दलितों के हितों के बात करते हैं लेकिन जब डीएमके सरकार द्वारा 53 दलितों की जान चली गई है तब कांग्रेस के नेताओं के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है। चुनाव खत्म होते ही कांग्रेस पार्टी का दलितों और दक्षिण भारत से रिश्ता समाप्त हो चुका है, यही कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा है। जब भी देश में कुछ घटना होती है तो प्रियंका गांधी और राहुल गांधी खुलकर बोलते हैं लेकिन इस विषय पर चुप क्यों है? प्रियंका गांधी दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, इसलिए केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए झूठी बातें जनता के समक्ष रखतीं हैं। स्टालिन लोगों के बीच जाने के लिए किस मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं? अनुसूचित जाति और न्यायालय को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और इस घटना पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए।
श्री अनिल एंटनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, तमिलनाडु में घटी कुछ बेहद चिंताजनक घटनाओं की ओर देश का ध्यान आकर्षित करना चाहती है, जो तमिलनाडु के लोगों की भलाई और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले कुछ दिनों में तमिलनाडु के कल्लाकुरिची से लेकर जिपमेर तक के विभिन्न अस्पतालों में 200 से अधिक लोगों को भर्ती कराया गया है और 53 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, क्योंकि तमिलनाडु में आसानी से उपलब्ध जहरीली शराब का सेवन किया गया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री एंटनी ने कहा कि राज्य सरकार की प्रतिक्रिया और कार्रवाई स्पष्ट रूप से सरकारी अधिकारियों के बीच मिलीभगत और उदासीन दृष्टिकोण की कमी को दर्शाता है, जो एक राज्य के कल्याण के लिए अत्यंत हानिकारक है। इस घटना का पहला उदाहरण मंगलवार शाम और बुधवार 19 जून के बीच हुआ, जहां राज्य के कुछ लोगों को नकली शराब पीने के बाद विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। श्री एंटनी ने कहा कि कुछ व्यक्तियों की मृत्यु के बाद पीड़ितों के रिश्तेदार ने दावा किया कि मृत्यु जहरीली शराब पीने के कारण हुई थी, लेकिन जिले के कलेक्टर सार्वजनिक रूप से सामने आए और कहा कि ये मौतें किसी रहस्यमय बीमारी के कारण हुई थीं। इस गलत सूचना के कारण अधिक लोग विभिन्न मेडिकल दुकानों पर जा रहे हैं और पिछले दो दिनों में पीड़ितों और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। 2023 में, 22 मौतों की पुष्टि के साथ दो एक जैसे मामले सामने आए हैं। एनसीआरबी के अनुसार तमिलनाडु में 2020 में 20 और 2021 में 6 ऐसी ही मौतें दर्ज की गईं। इस तरह की घटनाएं तमिलनाडु में निरंतर रूप से सामने आती रहती हैं। भारतीय जनता पार्टी राज्य में मद्यनिषेध एवं आबकारी मंत्री एस. मुथुस्वामी के तत्काल प्रभाव से इस्तीफे की मांग करती है।
श्री एंटनी ने एमके स्टालिन पर तंज कसते हुए कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने 2021 के घोषणापत्र बिंदु 360 में वादा किया था कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लाएंगे। तमिलनाडु राज्य विपणन निगम लिमिटेड (TASMAC) जो राज्य में शराब बेचने के लिए अधिकृत है, उसका राजस्व हर साल 18 से 22% बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि राज्य की शराबबंदी नीति विफल हो गई है। श्री अनिल एंटनी ने कहा कि भाजपा भी सीएम से शराबबंदी नीति पर गौर करने और इसे तुरंत सही दिशा में लाने का अनुरोध करती है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री एंटनी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश अध्यक्ष श्री के. अन्नामलाई और अन्य नेताओं ने पीड़ितों से मुलाकात की है। प्रत्येक पीड़ित गरीबी रेखा से नीचे हैं, अनुसूचित जाति समुदाय से हैं और अपने परिवारों से अकेले कमाने वाले हैं। तमिलनाडु भाजपा ने प्रत्येक परिवार को 1 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने की घोषणा की है और श्री के. अन्नामलाई के नेतृत्व वाली तमिलनाडु भाजपा ने इस घटना की सीबीआई जांच कराने का अनुरोध किया है। श्री एंटनी ने कहा कि भाजपा इंडी गठबंधन और डीएमके के अन्य सहयोगियों जैसे कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी से भी पूछती है कि वे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? क्योंकि इस मुद्दे पर अभी तक उनकी ओर से कोई चिंता नहीं जताई गई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी अभी तक उन इलाकों का दौरा नहीं किया है। श्री एंटनी ने बताया कि भाजपा प्रत्येक पीड़ित को न्याय सुनिश्चित करना चाहती है और तमिलनाडु में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है।
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