भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा का कांग्रेस पर करारा हमला
ये वास्तव में विडंबना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी देश के पूर्व प्रधानमंत्री सम्माननीय मनमोहन सिंह जी के दुखद देहावसान पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। कांग्रेस की इस निम्न स्तर की सोच की जितनी भी निंदा की जाय, कम है।
कांग्रेस, जिसने डॉ मनमोहन सिंह जी को जीते जी कभी वास्तविक सम्मान नहीं दिया, अब उनके सम्मान के नाम पर राजनीति कर रही है। ये वही कांग्रेस है जिसने पीएम मनमोहन सिंह जी के ऊपर सुपर पीएम के रूप में सोनिया गाँधी जी को बिठा कर पीएम पद की गरिमा को धूमिल किया था, उसे नीचा दिखाया था। यही नहीं, पीएम मनमोहन सिंह जी का अपमान जिस तरह से राहुल गाँधी ने अध्यादेश फाड़ कर किया था, इसकी कोई दूसरी मिसाल देखने को नहीं मिलती। और, आज वही राहुल गाँधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की मौत पर भी राजनीति कर रहे हैं!
गाँधी परिवार ने अपने परिवार को छोड़ कर देश के किसी भी बड़े नेता को न तो सम्मान दिया और न ही उनके साथ न्याय किया चाहे वे कांग्रेस पार्टी से हों या विपक्ष से हों। चाहे वे बाबासाहेब अंबेडकर हों, देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू हों, सरदार पटेल हों, लालबहादुर शास्त्री जी हों, पीवी नरसिम्हा राव जी हों, प्रणब दा हों, सीताराम केसरी जी हों, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी हों या अन्य दूसरे बड़े नेता क्यों न हों - कांग्रेस और गाँधी परिवार ने सदैव इनका अपमान ही किया। कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों ने तो श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान के बाद भी उनका अनवरत अपमान किया, इसके कई उदाहरण मौजूद हैं।
पूर्व पीएम आदरणीय मनमोहन सिंह जी की समाधि के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने जगह भी दी और परिवार को सूचित भी किया। फिर भी कांग्रेस झूठी खबरें फैला रही है। वैसे कांग्रेस का इतिहास याद रखने की जरूरत है। 23 दिसंबर 2004 को पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव जी के निधन के बाद दिल्ली के राजघाट परिसर में समाधि स्थल बनाए जाने की मांग की गयी थी, लेकिन सुपर पीएम सोनिया गाँधी ने इसकी मंजूरी नहीं दी। उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस दफ्तर में जगह तक नहीं दी गई थी। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि नरसिम्हा राव जी का अंतिम संस्कार दिल्ली में हो और बाद में उनका अंतिम संस्कार हैदराबाद में किया गया। ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी थे जिन्होंने 2015 में नरसिम्हा राव जी के लिए समाधि भी बनवाया और 2024 में भारत रत्न देकर उनका मान बढ़ाया, उन्हें सम्मान दिया।
जब 2020 में पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ प्रणब मुखर्जी जी का निधन हुआ तो कांग्रेस कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई गई। कांग्रेस को याद हो या न हो लेकिन उनकी याद्दाश्त के लिए मैं बता देना चाहता हूँ कि 2013 में कांग्रेस की UPA सरकार ने ‘राष्ट्रीय स्मृति’ बनाने का निर्णय लिया था और तय किया था कि किसी भी व्यक्तित्व के लिए अलग से समाधि स्थल नहीं बनेगा।
ये हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने सभी प्रधानमंत्रियों के कृतित्व को याद रखने और उससे देशवासियों को परिचित कराने के लिए पीएम संग्रहालय बनवाया जबकि कांग्रेस ने केवल अपने परिवार के लोगों के लिए स्मारक और समाधियाँ बनवाई। सम्मान का असली मतलब सीखना है तो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से सीखें।
एक अनुमान की मानें तो कांग्रेस सरकारों द्वारा देश में करीब 600 सरकारी योजनाओं, शिक्षण संस्थानों, अवार्डों, सड़कों, नेशनल पार्कों, म्यूजियमों, एयरपोर्टों, बंदरगाहों, इमारतों और खेलों के नाम नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर रखे गए जबकि बाकी शख्शियतों के नाम पर योजनायें केवल ऊँगली पर गिनने लायक ही हैं। सिद्धांतहीन कांग्रेस के ऐतिहासिक पापों को हमारा देश कभी नहीं भूलेगा और कभी माफ़ भी नहीं करेगा। राहुल गाँधी जी, मल्लिकार्जुन खरगे जी और कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं को ऐसी घटिया राजनीति से बाज आना चाहिए।
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BJP National President Shri @JPNadda's statement on Congress leaders indulging in cheap political gimmicks even on the sad demise of former prime minister Shri Manmohan Singh. https://t.co/u3gGvVzKEY
— BJP (@BJP4India) December 28, 2024
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